राठी ही रहेंगे जिले के सहायक आबकारी आयुक्त,उच्च न्यायालय ने निरस्त किया निलंबन का आदेश
रतलाम,5 जून (इ खबरटुडे)। जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में शासन द्वारा निलम्बित किए गए जिले के सहायक आबकारी आयुक्त जगदीश राठी का निलंबन आदेश उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। अब श्री राठी ही जिले के सहायक आयुक्त के रुप में कार्य करेंगे। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अवैध शराब विक्रय के खिलाफ कार्यवाही में लापरवाही बरतने का आरोप आधारहीन है। उच्च न्यायालय ने रतलाम स्थानान्तरित की गई नीरजा श्रीवास्तव को अन्यत्र पदस्थ करने का निर्देश भी दिया है।
इन्दौर उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति एससी शर्मा ने अपने आदेश में कहा है कि कच्ची शराब के सेवन से नामली में हुई चार व्यक्तियों की मौत के मामले में श्री राठी को बलि का बकरा बनाया गया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि श्री राठी के लिए यह संभव नहीं था कि वे घर घर जाकर चैकिंग करें।यदि चार व्यक्ति बंद कमरे में शराब पीते हैैं,तो श्री राठी के पास ऐसा कोई रास्ता या साधन नहीं था कि वे यह पता लगा सके कि बंद घरों में क्या चल रहा है। उच्च न्यायालय ने यह भी माना कि श्री राठी और उनका अधीनस्थ स्टाफलॉक डाउन अवधि के दौरान अवैध मदिरा के विरुद्ध अत्यधिक सतर्क थे और उन्होने अवैध मदिरा की रोकथाम के लिए हरसंभव कदम उठाए थे।उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की कि श्री राठी द्वारा लाक डाउन अवधि में दिन रात अवैध मदिरा के विरुद्ध कडी कार्यवाही किए जाने के बावजूद शासन द्वारा उन्हे निलम्बन के रुप में पुरस्कृत किया गया। शासन का पक्ष सुनने के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने शासन द्वारा जारी निलम्बन आदेश को कलंक पूर्ण तरीके से जारी किया जाना मानते हुए निलम्बन आदेश को रद्द कर दिया।
उल्लेखनीय है कि जिले में सहायक आयुक्त जगदीश राठी को निलम्बित किए जाने के बाद रतलाम में नीरजा श्रीवास्तव को पदस्थ कर दिया गया था। शासन के आदेश को श्री राठी ने इन्दौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय द्वारा प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात श्री राठी के निलम्बन पर स्टे दे दिया था। उच्च न्यायालय से स्थगनादेश मिलने के बाद श्री राठी ने रतलाम कार्यालय में एकपक्षीय ज्वाइनिंग भी दे दी थी। लेकिन शासन के आदेश से सुश्री श्रीवास्तव भी यहीं पदस्थ थी। दो दो अधिकारी होने से आबकारी विभाग में विचित्र स्थिति निर्मित हो गई थी। लेकिन अब उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक सुश्री श्रीवास्तव को अन्यत्र पदस्थ किया जाएगा।