राग रतलामी- इंतजामिया में नए साहब के आने का असर,नए तौर तरीके सीखने में जुटे पुराने अफसर
-तुषार कोठारी
रतलाम। जिला इंतजामियां में हुए बडे फेरबदल के बाद अब पुराने अफसर नए तौर तरीके सीखने में लगे है। मैडम जी के जमाने में जिस ढंग से काम निपटाए जाते थे,नए साहब ने उनमें बदलाव करने को कह दिया है। इंतजामियां के नए आए बडे साहब,रतलाम में काफी वक्त गुजार चुके हैं। वे चप्पे चप्पे और रग रग से वाकिफ है। इसकी झलक उन्होने आते ही दिखा दी थी।
नए साहब ने कुर्सी संभालते ही इंतजामिया के तमाम अफसरों की मीटींग बुलाई और सबको साफ साफ लफ्जों में समझा दिया थी कि मैडम जी के जमाने में जो तौर तरीके चलते थे,वो अब नहीं चलेंगे। अफसरों को अपनी सख्ती वाला रुख भी उन्हाने अच्छे से समझा दिया। मीटींग के दौरान जब वे जानकारियां ले रहे थे,तो एक दो अफसरों के गोल मोल जवाबों पर उन्होने सीधी चेतावनी भी दे दी कि अगर टालमटोल का रवैया नहीं बदला तो वे टांगने में कतई देर नहीं करेंगे।
मैडम जी के जमाने में इंतजामियां में इस तरह की घटनाएं देखने को नहीं मिलती थी। उनके मुंहलगे अफसर अब तनाव में है। डेढ दो बरस की लगी हुई आदत बदलना उनके लिए कठिन साबित हो रहा है। नए साहब ने आते ही लम्बित पडे मामलों को तेजी से निपटाने और इंतजामियां में कसावट लाने की तैयारियां शुरु कर दी। कोरोना से निपटने के मामलों में हो रही बदइंतजामी भी अब ठीक की जाने लगी है। आने वाले दिनों में इस बात की पूरी उम्मीद की जा सकती है कि इंतजामियां चुस्त दुरुस्त होगा और लोगों को इसका असर भी महसूस होने लगेगा।
मुर्दे में जान फूंकने की कोशिश
रतलाम से लगाकर नई दिल्ली तक पंजा पार्टी की हालत वेन्टीलेटर पर पडे मरीज की तरह हो गई है। दिल्ली दरबार में चिट्ठी बम की बवाल चल रही है। सूबे में उपचुनाव की तैयारियों को लेकर खींचतान मची हुई है। दिल्ली और भोपाल में चल रही खींचतान का असर कहीं ना कहीं रतलाम तक भी अपना असर दिखा रहा है। पंजा पार्टी के बचे खुचे कार्यकर्ताओं का हौंसला पस्त दिखाई दे रहा है। ऐसे में पंजा पार्टी की कमान सम्हालने वाले भैया किसी तरह मुर्दे में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं। नगर सरकार के चुनाव सर पर आ गए है ऐसे में कार्यकर्ताओं का हौंसला बढाना जरुरी है। पंजा पार्टी के शहर मुखिया ने इसके लिए शहर के तमाम 49 वार्डो में पार्टी को मजबूत करने के लिए समन्वयकों को नियुक्त करने की योजना बनाई है,ताकि पार्टी में थोडी हलचल शुरु हो सके। इसके लिए उन्होने नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी बुला ली। बैठक में उन्होने बताया कि प्रत्येक वार्ड के लिए वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को समन्वयक बनाया गया है। ये समन्वयक वार्डों का दौरा करके वहां की जमीनी हालत का आकलन करेंगे और शहर के मुखिया को अपनी रिपोर्ट देंगे। इन्ही रिपोर्ट के आधार पर पंजा पार्टी चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार करेगी। वैसे तो पंजा पार्टी में अब टिकट मांगने वालों की तादाद भी पहले ती तुलना में घट चुकी है। लेकिन वार्डों में समन्वयक बनाने से हो सकता है कि कार्यकर्ताओं मे थोडा उत्साह नजर आने लगे। वार्डो में समन्वयक बनाने का पंजा पार्टी को क्या फायदा मिलेगा यह जानने के लिए अभी कुछ वक्त इंतजार करना होगा।