मोदी सरकार का नया प्लान: 2024 तक बनेंगे नए एक्सप्रेस-वे, 120 KM/h की स्पीड से चला सकेंगे गाड़ी
नई दिल्ली,21 जनवरी (इ खबरटुडे)। मोदी सरकार भारतमाला प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के तहत अब 3 हजार किलोमीटर के एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी कर रही है. इस एक्सप्रेस-वे पर करीब 4 हजार किलोमीटर के नए ग्रीनफील्ड हाइवे बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. इस प्रॉजेक्ट की शुरुआत से पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अब जरूरी तैयारियां करने में जुट गया है.
इन राज्यों को जोड़ेगा ये एक्सप्रेस-वे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार साल 2024 तक भारत में 3 हजार किमी के नए एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी कर रही है. नई योजना के तहत वाराणसी-रांची-कोलकाता, इंदौर-मुंबई, बेंगलुरु-पुणे और चेन्नई-त्रिचि के बीच एक्सप्रेस-वे बनाने का प्रस्ताव रखा गया है.
120 किमी की रफ्तार से चल सकेंगे वाहन
सरकार ने इन एक्सप्रेस-वे पर 120 किमी की रफ्तार से वाहन दौड़ाने की अनुमति देने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार जल्द ही डीपीआर निर्माण का काम भी शुरू कराने जा रही है.
नए हाइवे भी बनेंगे
इसके साथ ही सरकार ने कुछ प्रमुख शहरों के बीच करीब 4 हजार किमी के नए ग्रीनफील्ड हाइवे बनाने की तैयारी भी शुरू की है. इस योजना के तहत पटना से राउरकेला, झांसी से रायपुर, सोलापुर से बेलगाम, गोरखपुर से बरेली और वाराणसी से गोरखपुर के बीच नए राजमार्ग बनाए जाने हैं. इन शहरों के बीच मौजूदा रोड कॉरिडोर को विस्तार देने की बजाए अब ग्रीनफील्ड हाइवे का निर्माण होगा, जिससे कि जमीन अधिग्रहण में होने वाली देरी, जमीन हासिल करने के लिए दी जाने वाली अधिक कीमत और अतिक्रमण हटाने जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा. सूत्रों के मुताबिक, इन सड़कों के निर्माण के लिए 2024 तक की समयसीमा निर्धारित की गई है.
प्रॉजेक्ट की देरी रोकने के लिए भी फैसले
हाइवे निर्माण के काम को तय समय पर पूरा करने के लिहाज से नैशनल पार्क और बर्ड सेंक्चुरी के आसपास से सड़क निर्माण ना कराने का सुझाव भी दिया गया है. सरकार का मानना है कि अक्सर रोड बिल्डिंग प्रॉजेक्ट्स वन विभाग और अन्य क्लियरंस के चक्कर में अधर में अटक जाते हैं, ऐसे में डीपीआर तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए. भले ही इसके लिए सड़क की लंबाई और बढ़ानी ही क्यों ना पड़े.