November 15, 2024

मोदी ने दिखाया आईना, बताया- आपातकाल में क्या था पत्रकारों, कलाकारों, जजों का हाल

मुंबई, 26 जून (इ खबरटुडे)। आपातकाल के 43 साल पूरे होने पर बीजेपी देशभर में काला दिवस मना रही है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने भाषण में मौजूदा सरकार पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए आपातकाल की याद दिलाई.

पीएम मोदी ने कई बिंदुओं पर सिलसिलेवार तरीके से विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने न्यायिक व्यवस्था से लेकर ईवीएम और भय के माहौल पर जवाब दिया. इन 6 मुद्दों पर दिया जवाब…

1. न्यायिक व्यवस्था

नेशनल हेराल्ड अखबार केस में जमानत पाए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के केस का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ‘आपातकाल लगाने वाले इन लोगों को यकीन नहीं था कि इन पर भी कभी आरोप तय हो सकते हैं और इन्हें जमानत पर रहना पड़ सकता है.’ उन्होंने कहा कि ये अब जब जमानत पर हैं तो सबसे बड़े जज को महाभियोग के नाम पर डराने की कोशिश की गई है ताकि नीचे का कोई जज आवाज नहीं उठा सके. उन्होंने कहा कि आपातकाल और महाभियोग की मानसिकता एक जैसी है.

2. भय का माहौल

पीएम मोदी ने मौजूदा समय में भय के माहौल पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पहले कहा जाता था कि ये जनसंघ और आरएसएस वाले मुसलमानों को काट देंगे और अब कह रहे हैं कि दलित संकट में है. देश में इस तरह का भय फैलाया जा रहा है, अगर दो दोस्तों के बीच में भी लड़ाई हो जाती है तो गाजा-बजाना शुरू कर देते हैं.

उन्होंने कहा कि जब-जब कांग्रेस पार्टी को और खासकर एक परिवार को अपनी कुर्सी जाने का संकट महसूस हुआ है तो उन्होंने चिल्लाना शुरू किया है कि देश संकट से गुज़र रहा है, देश में भय का माहौल है और देश तबाह हो जाने वाला है और इसे सिर्फ हम ही बचा सकते हैं.

3. कलाकारों के विरोधी स्वर

प्रधानमंत्री ने बॉलीवुड से उठने वाली आवाजों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘कोई मुझे बताए कि किशोर कुमार का क्या गुनाह था, आपातकाल के दौरान उनपर भी जुल्म किया गया. कांग्रेस ने उन्हें गाना गाने के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो किशोर कुमार के गाने को रेडियो पर नहीं बजाने दिया गया. इसके अलावा आंधी फिल्म का भी विरोध किया गया था. जिस पार्टी के अंदर लोकतंत्र नहीं है, वह खुद लोकतंत्र की रक्षा कैसे करेगी.

4. मीडिया की आजादी पर भी दिया जवाब

पीएम मोदी ने मौजूदा वक्त में मीडिया की आजादी पर सवाल उठाने वालों को भी आपातकाल और उसके बाद मीडिया की हालत की याद दिलाई. पीएम ने कहा, ‘राजीव गांधी ने मीडिया के प्रति क्या व्यवहार किया ये हर कोई जानता है. अब मीडिया के लोग हमें डराते हैं. आपातकाल के समय में इनकी आवाज पर भी रोक लगा दी गई थी. उन्होंने कहा कि रामनाथ गोयनका, कुलदीप नैयर जैसे पत्रकारों ने उस दौरान आवाज बुलंद की थी.

5. चुनाव आयोग की विश्वसनीयता

पीएम मोदी ने आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी के असीमित अधिकारों को आधार बनाकर भी कांग्रेस को जवाब दिया. उन्होंने उस दौर में संस्थाओं को ठप्प कर देने का जिक्र करते हुए अपनी सरकार पर ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया भारत के चुनाव आयोग पर गर्व करती है. हर दल ने हमेशा चुनाव आयोग का गुणगान किया है. लेकिन पंचायत से पार्लियामेंट तक जीतने वाली पार्टी जब 400 सीटों से 44 पर आ गई तो ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए.’ उन्होंने ये भी कहा कि जब कर्नाटक में कांग्रेस को जीत मिली तो ईवीएम की याद नहीं आई.

6- संविधान पर खतरा

पीएम मोदी ने संविधान को खत्म करने का आरोपों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने संविधान की रक्षा नहीं की वो आज वह कह रहे हैं कि अब मोदी है, ये संविधान खत्म कर देगा. प्रधानमंत्री ने बताया, ‘जब मैं गुजरात का सीएम था तो संविधान की जयंती पर हमने कार्यक्रम किया था. हमने हाथी पर संविधान रख यात्रा निकाली थी, मैं आगे-आगे पैदल चल रहा था.’

You may have missed