मानसिक रोगी पूनम को लेने आया परिवार ~ गोविंद काकानी
रतलाम,17 मई(इ खबर टुडे)। काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला चिकित्सालय में भर्ती मानसिक रोगी पूनम उम्र 32 वर्ष को माता किरण बाई पति स्वर्गीय शंकरलाल लेने रतलाम पहुंची, उनके साथ में बड़ी बहन सोनू पंड्या , मामा राजेश पिता दयाराम मालवीय आए| बच्ची के मामा राजेश ने बताया कि उन्हें उनके मित्र ने समाचार पत्र की कटिंग व्हाट्सएप पर भेजी मामा राजेश अभी बनारस में इलेक्ट्रिकल गवर्नमेंट कांट्रेक्टर का कार्य देख रहे हैं |उन्होंने उज्जैन बहन को पूनम की रतलाम होने की जानकारी भेजी | आज पूरा परिवार उसे लेने रतलाम आया मां एवं परिवार के सदस्यों को देख कर पूनम फूट-फूट कर रोने लगी, मां और बहन ने उसे गले लगा कर बड़ी मुश्किल से चुप किया |
मां किरण ने बताया कि वह हुसैन टेकरी जावरा से गुम हो गई थी इन 1 वर्षों में उसे सब दूर तलाशा परंतु उसकी कोई खबर नहीं मिल पाई जैसे ही मेरे भाई का समाचार आया परिवार में खुशियां आ गई मां किरण घर में अकेली होने से बचपन से मानसिक रोगी पूनम का इलाज करवाने की पूरी कोशिश की परंतु सफलता नहीं मिल पाई और वह उसे ठीक होने के लिए हुसैन टेकरी लेकर आई थी |आज पूनम को इतनी अच्छी हालत में देख कर आश्चर्यचकित हो गई |उन्हें सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद काकानी ने बताया कि जब यहां रतलाम अस्पताल में आई थी तब इसकी हालत बिलकुल मौत के मुंह में जाने जैसी थी | इसे लगभग 6 यूनिट रक्त चढ़ाया गया तब जाकर वह थोड़ी बहुत खड़ी होने जैसी स्थिति में आई | लगातार साल भर के प्रयास में बहुत कम बोलने वाली पूनम ने जब टूटी फूटी भाषा में जानकारी दी उस आधार पर उसकी खोजबीन शुरू की देवास, उज्जैन , रतलाम सभी दूर पुलिस विभाग एवं मीडिया के माध्यम से जानकारी दी गई और यह मेहनत रंग लाई |
पूनम को 2 जुलाई 2018 को महिला बाल विकास द्वारा भर्ती कराया गया था | तब से उसका इलाज आइसोलेशन वार्ड में किया जा रहा था | आइसोलेशन वार्ड के डॉक्टर निर्मल जैन ,स्टाफ की सभी सिस्टर एवं सदस्यों का सराहनीय योगदान इस पुनीत कार्य में मिला | पूनम को एक माह की दवा साथ में दी गई इस तरह पूनम अपने मां के घर कमल कॉलोनी गली नंबर 2 पटेल कॉलोनी के पास , थाना चिमनगंज उज्जैन अपने परिवार वालों के साथ रवाना हुई| इस पूरी कहानी में एक महिला और भी इस बच्ची के परिवार की होने का दावा कर रही थी उसे भी पुलिस चौकी पर बुलवाया और पूनम की मां के सामने ही रूबरू कराया तब कहीं जाकर इस पूरी कहानी का अंत हुआ