December 23, 2024

माधव कॉलेज में अजीब स्थिति-एलएलएम की सीट बढ़ाई, छात्रों को प्रवेश नहीं

विभागाध्यक्ष प्रोफेसरों की कमी का अभाव बता रहे
उज्जैन 3 सितम्बर (ब्रजेश परमार) । माधव कॉलेज में आगे रहकर वर्ष 2012-13 के दरमियान विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलएम की सीटों में वृध्दि की मांग की थी। विश्वविद्यालय में इस आधार पर सीट में वृध्दि कर दी। इसके बावजूद अब तक 30 सीटों पर ही छात्रों को प्रवेश दिये जा रहे हैं। इसके उलट एलएलबी के प्रथम वर्ष में 300 छात्रों को प्रवेश देकर चार सेक्शनों में बांटा गया है। एलएलएम की बड़ी सीटों पर छात्रों को प्रवेश न देने के पीछे विभागाध्यक्ष प्रोफेसरों की कमी के साथ इसे कंडीशन का मामला बताते हैं।
वर्ष 2012-13 की शुरुआत में ही माधव कॉलेज विधि महाविद्यालय की ओर से विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलएम की सीटों में वृध्दि के लिये आवेदन देते हुए मांग की गई थी। एलएलएम के साथ ही एक अन्य मास्टर डिग्री में भी सीटें बढ़ाये जाने का पक्ष रखा गया था। इस आधार पर विक्रम विश्वविद्यालय ने माधव कॉलेज में तत्कालीन समय में एलएलएम की 30 सीटों की अपेक्षा 60 की पात्रता दे दी गई। सीटें बढ़ गई। इसके बाद विद्यार्थियों को इन सीटों पर प्रवेश मिलना चाहिये था, ऐसा नहीं हुआ। वर्तमान सत्र में इस प्रवेश की अपेक्षा छात्रों को जिम्मेदार दूसरे रास्ते बताने में यादा रुचि ले रहे हैं जबकि शासन के इस कॉलेज में फीस मात्र कुछ हजार हैं और निजी कॉलेजों में हजारों रुपये फीस वसूली जा रही है।
300 को पढ़ा रहे, 60 में दिक्कत
आश्चर्यजनक तो यह तथ्य सामने आ रहा है कि सीट वृध्दि किये जाने के बावजूद इस पर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा। यही नहीं इस बाबत कोई भी सूचना विक्रम विश्वविद्यालय को लिखित में अब तक नहीं दी गई है। सिर्फ मौखिक तौर पर ही सब चलाया जा रहा है। माधव विधि महाविद्यालय में वर्तमान सत्र में एलएलबी के 300 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। प्रथम वर्ष में इस प्रवेश के साथ ही चार सेक्शन बना दिये गये हैं। वर्तमान में कॉलेज में पदस्थ प्रोफेसर इन्हें पढ़ा रहे हैं। इन 300 विद्यार्थियों के साथ 60 विद्यार्थियों को एडजस्ट न करते हुए इसकी अपेक्षा 30 को ही प्रवेश दिया गया। शेष 30 को दूसरा रास्ता बता दिया गया है। यह बात भी सामने आ रही है कि विधि विभाग कॉलेज में मात्र 4 प्रोफेसर ही पदस्थ हैं। इन्हें ही एलएलबी और एलएलएम का अध्यापन कार्य देखना है।
कहीं ऐसा तो नहीं?
इस मामले में कॉलेज में ही कानाफूसी चल रही है कि माधव विधि महाविद्यालय में एलएलएम की सीट बढ़वाने के बाद प्रवेश लेने आने वाले छात्रों को निजी महाविद्यालय का परामर्श दिया जा रहा है। माधव कॉलेज में करीब 2000 के लगभग एलएलएम की फीस है जबकि निजी महाविद्यालय में करीब 20 हजार फीस बताई जा रही है। इससे यह बात तो साफ हो रही है कि अगर माधव कॉलेज में 30 की अपेक्षा 60 विद्यार्थियों को प्रवेश मिलता है तो इसका सीधा प्रभाव निजी महाविद्यालय पर पड़ेगा।
क्या बोले जिम्मेदार
इस मामले में आप एस.एन. शर्मा से पूछें वे ही सब बताएंगे।
– एल.एन. वर्मा, प्राचार्य, माधव कला, वाणिय एवं विधि महाविद्यालय, उज्जैन
कंडीशन के तहत सीट बढ़ाई गई थी। शासन को मालूम है, विवि को मालूम है। (अगले सवाल पर फोन काट दिया।)
– एस.एन. शर्मा, विभागाध्यक्ष, माधव विधि महाविद्यालय, उज्जैन
एडमिशन एवं अन्य व्यवस्था कॉलेज का पार्ट है। हमारे पास अन्य कॉलेज का एलएलएम के लिये आवेदन नहीं है। अगर वे सीट मांगें तो उन्हें भी दे देंगे।
– भेरुलाल बुनकर, कुलसचिव, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन

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