May 16, 2024

शाही अंदाज में निकले राजाधिराज

  लाखो श्रध्दालुओ ने किये दर्शन, सप्तधान्य मुखोटो में दिये दर्शन
उज्जैन 2 सितम्बर । श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारी के क्रम  में राजाधिराज महाकालेश्वर की शाही सवारी पूरी शान के साथ निकली। सप्तधान्य मुखोटो में भगवान महाकाल भक्तो को दर्शन देते हुये निकले। सवारी मार्ग भक्तो से पटा हुआ था। 2 लाख से अधिक श्रध्दालुओ ने बाबा की पालकी की अगुवाई की।  राजाधिराज महाकालेश्वर की शाही सवारी शाम 4 बजे मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना के बाद राजसी वैभव के साथ निकली।

महाकाल मंदिर से प्रारंभ हुई,सवारी झांझ-मंजिरो के साथ ही भजन मंडलियो, बैंड-बाजे जुलूस के बीच रामघाट शिप्रा तट पर पहुची। यहां पर शासकीय पूजारी द्वारा बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया गया। इसके बाद सवारी विभिन्न मार्गो से होते हुये शाम को महाकाल पहुची। सवारी में करीब दो लाख से अधिक श्रध्दालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किये। श्रध्दालुओ की संख्या को ध्यान में रखते हुये प्रशासन ने इंतजाम किए थे। भगवान के स्वागत, पूजन और अगवानी के लिए पूरे सवारी मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया था। जगह-जगह स्वागत मंच लगाकर बाबा की पालकी का पूजन अर्चन किया गया। सवारी में वीआईपी गणमान्य नागरिको के साथ ही लाखो श्रध्दालु शामिल हुये।
सप्तधान्य स्वरूप में दर्शन
राजाधिराज महाकाल की प्रत्येक सवारी में क्रम अनुसार एक-एक नया स्वरूप जुड़ता जाता है। शाही सवारी में श्री महाकाल सप्तधान्य स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये। सवारी में मनमहेश, चन्द्रमौलेश्वर, उमा-महेश, शिव तांडव और होल्कर मुखारविंद स्वरूप शामिल थे।
जगह-जगह सजावट
राजाधिराज महाकाल की पालकी श्री महाकालेश्वर मदिर से प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी, हरसिध्दि की पाल होते हुए रामघाट पहुची। यहां पूजन और शिप्रा जलाभिषेक के बाद रामानुजकोट, गणगौर दरवाजा, कार्तिक चौक, खाती मंदिर, ढाबा रोड, मिर्जानईम बेग मार्ग, तेलीवाड़ा, नई सड़क, कंठाल, सतीगेट, सराफा, गोपाल मंदिर और पटनी बाजार होते हुए मंदिर पहुची। राजाधिराज जिन मार्गों से गुजरे उसकी व्यापक साज-सजा की गई । मंच लगाकर भी बाबा का स्वागत सत्कार किया गया।
यातायात किया परिवर्तित
शाही सवारी के लिए पुलिस और प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था की थी। पूरे मार्ग में बेरिकेटिंग की गई। शाही सवारी के कारण दौलतगंज, तोपखाना, महाकालघाटी, कंठाल, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, तेलीवाड़ा, निकास चौराहा, केडी गेट, कमरी मार्ग, ढाबा रोड, दानी गेट, रामानुजकोट, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा एवं हरसिध्दि मंदिर मार्ग पर सभी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहा।
पालकी 75वें क्रम पर
शाही सवारी में विभिन्न भजन मंडली, बैण्डबाजे और अश्वरोही दल, सशस्त्र बल की टुकड़ी, मलखम्ब दल शामिल हुये। ये सभी निधारित क्रम अनुसार निकले। राजाधिराज जिस पालकी में शामिल थे। वह 75वें क्रम पर रही।ujn sawari 4 ujn sawari 3 ujn sawari 2

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