देश-विदेशमध्य प्रदेशरतलाम

महिला अपराध के आरोपियों को सजा दिलाने में म.प्र.अव्वल

पुलिस महानिदेशक नन्दन दुबे ने प्रेस वार्ता में कहा
रतलाम,26 जून(इ खबर टुडे)। पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने आज यहां कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति संतोषजनक है। सिमी और नक्सलवाद की समस्या पूर्ण नियंत्रण में है। नक्सलवादी सीमावर्ती क्षेत्रों के जंगलों में आकर प्रशिक्षण लेकर चले जाते है। पुलिस को इसकी खबर बाद में मिल पाती है।
श्री दुबे आज दोपहर स्थानीय सर्किट हाउस पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। नक्सल समस्या पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में उन्होने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष रुप से प्रशिक्षित हाक फोर्स के एक हजार जवान तैनात किए गए है। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में नक्सलियों की सक्रीयता नहीं है,परन्तु छत्तीसगढ और आन्ध्र में जब जब नक्सलियों पर दबाव बढता है,वे मध्यप्रदेश में घुस आते है। कई बार सीमावर्ती क्षेत्रोंके जंगलों में उनके प्रशिक्षण लेने की सूचनाएं मिलती है,परन्तु ये सूचनाएं कुछ देरी से मिल पाती है। कभी तो नक्सली एनकाउन्टर में मारे जाते है ,लेकिन कई बार बच निकलते है।
महिलाओं के विरुध्द होने वाले अपराधों के सम्बन्ध में पूछे जाने पर श्री दुबे ने कहा कि महिलाओं के विरुध्द होने वाले अपराधों में जनता का संतोष ही सबसे बडा पैमाना है। हांलाकि महिलाओं के विरुध्द अपराध करने वाले आरोपियों को सजा दिलाने के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश में अग्रणी है। यदि अपराध होते है तो उनके आरोपियों को तत्परता से पकडा जाता है और उनके विरुध्द न्यायालयीन प्रकरण चला कर उन्हे दण्डित करवाया जाता है। मध्यप्रदेश में महिलाओं के विरुध्द अपराधों में पकडे गए आरोपियों में से २५ को आजीवन कारावास की सजा हुई है जबकि चार को मृत्युदण्ड की सजा मिली है। आरोपियों को दण्डित करने में मध्यप्रदेश का प्रतिशत पूरे देश में सर्वाधिक है।
पुलिस में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के सम्बन्ध में उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार की इ गवर्नेस योजना के तहत पूरे देश में पुलिस व्यवस्था में नया साफ्टवेअर लागू किया जा रहा है। इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है और करीब छ: माह में यह पूरा हो जाएगा। इसके बाद आनलाईन रिपोर्ट की सुविधा भी शुरु हो जाएगी।
बल में कमी के सम्बन्ध में उन्होने कहा कि केन्द्र के मापदण्डों के मुताबिक प्रदेश में पुलिस बल में 89 हजार की कमी है। इनमें से 17 हजार पदों को भरने की स्वीकृती केन्द्र से प्राप्त हो चुकी है।
उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ मेले की तैयारियों के सम्बन्ध में उन्होने कहा कि इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है और उसे क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि जीपीआरएस का भी उपयोग किया जाना है। इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे है। आपदाओं के निपटने के सम्बन्ध में उनका कहना था कि इसके लिए जिला स्तर तक डिजास्टर मैनेजमेन्ट के प्लान बनाए गए है।

Related Articles

Back to top button