November 16, 2024

मध्यप्रदेश में भाजपा के पच्चीस प्रत्याशियों ने दर्ज की लाखों की जीत,तीन प्रत्याशी तो पांच लाख से उपर जीते

रतलाम,23 मई (इ खबरटुडे)। यूं तो पूरे देश में मोदी की सुनामी चली,लेकिन मध्यप्रदेश ने तो सारे रेकार्ड ध्वस्त कर दिए। प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा के पच्चीस प्रत्याशियों ने एक से पांच लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। कांग्रेस ने एक सीट जीती जरुर,लेकिन उसकी जीत का आंकडा सबसे छोटा रहा है। प्रदेश में भाजपा ने 58.1 प्रतिशत वोट हासिल किए है।
अब तक सामने आए आंकडों के मुताबिक मध्यप्रदेश में मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में इतना जबर्दस्त मतदान किया कि भाजपा के अधिकांश प्रत्याशियों ने जीत के रेकार्ड बना लिए हैं। संभवत: यह पहला मौका है,जब भाजपा के तीन प्रत्याशियों ने पांच लाख से अधिक के अंतर से जीत हासिल की है। कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ माने जाने वाले गुना में सबसे मजबूत प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सवा लाख वोटों से हारे हैं।
आंकडों के लिहाज से देखे,तो इन्दौर,विदिशा और हौशंगाबाद सीटों पर भाजपा की जीत पांच लाख से अधिक वोटों की है। शहडोल,जबलपुर,खजुराहो और राजगढ सीटों पर जीत का अंतर चार लाख मतों से अधिक का रहा है। प्रदेश की कुल आठ सीटें ऐसी है,जिनपर जीत का अंतर तीन लाख से अधिक का रहा है। उज्जैन,सागर,टीकमगढ,मंदसौर,बैतूल,दमोह,देवास और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का चुनावी क्षेत्र भोपाल वो सीटें हैं,जहां भाजपा ने तीन लाख से अधिक के अंतर से जीती है। खरगोन,खण्डवा और बालाघाट इन तीन सीटों पर दो लाख से ज्यादा का अंतर रहा है,जबकि भिंड,धार,ग्वालियर और गुना वो सीटें है ,जहां भाजपा एक लाख से अधिक के अंतर से जीत रही है। गुना सीट को अब तक अविजित माना जाता रहा है। यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार सांसद रहे हैं,लेकिन मोदी की सुनामी उन्हे भी बहा कर ले गई।
प्रदेश की केवल चार सीटें ऐसी रही है,जिनमें जीत का अंतर एक लाख से कुछ कम रहा है। इनमें मंडला,मुरैना,और रतलाम तो भाजपा के खाते में गई है,जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ छिंदवाडा उनके पुत्र नकुल नाथ के खाते में गया है। लेकिन इसमें भी खास बात यह है कि सबसे कम अंतर की जीत नकुल नाथ को मिल रही है। शाम छ: बजे तक उनकी बढत मात्र 37536 वोटों की थी।
मत प्रतिशत के मामले में भाजपा ने इस बार कमाल दिखाया है। भाजपा को कुल 58.1 प्रतिशत मत मिले है,जबकि कांग्रेस को मात्र 34.5 प्रतिशत मत प्राप्त हुए है।

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