मध्यप्रदेश में नई रेत नीति से बढ़ा पांच गुना राजस्व
भोपाल,07 दिसंबर (इ खबरटुडे)। राज्य शासन द्वारा तैयार की गई नई रेत नीति के बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया की रेत खदानों के लिए बुलाई गई ऑनलाइन निविदाओं के जरिए मध्य प्रदेश सरकार को 1203 करोड़ रुपए की आमदनी होगी।मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में बनी नई सरकार ने मात्र एक साल के भीतर पिछली सरकार की तुलना में पांच गुना राजस्व बढ़ाया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में रेत से प्राप्त होने वाले वाला राजस्व मात्र 240 करोड़ रुपए था। शनिवार को मीडिया से बातचीत में खनिज मंत्री जायसवाल ने कहा कि नई रेत नीति के बहुत बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। सरकार ने रेत की उपलब्धता के आधार पर 43 जिलों के समूह बनाए थे और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निविदाएं आमंत्रित की थीं, जिसमें 243 निविदाएं प्राप्त हुई थीं।
खनिज मंत्री के मुताबिक अब तक सात जिलों में एकमात्र निविदा अभी प्राप्त नहीं हुई है, जिसके लिए निविदा बुलाने की पुन: कार्यवाही की जा रही है। जायसवाल ने उम्मीद जताई कि जिन सात जिलों में अभी निविदाएं की जानी हैं। उनसे और राजस्व प्राप्त होगा तो राजस्व के आंकड़े और बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल 36 जिलों से प्रदेश सरकार को 1203 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है।
उन्होंने कहा कि इसका ऑफसेट प्राइस 448 करोड़ रखा गया था। राजस्व प्राप्ति और बढ़ोतरी का खास बिंदु यह है कि आफसेट प्राइस से भी तीन गुना अधिक राजस्व सरकार को प्राप्त होने वाला है। पांच गुना राजस्व बढ़ाने का मध्य प्रदेश ने नया कीर्तिमान पहली बार बनाया, जो अपने आप में रिकॉर्ड है।
खनिज मंत्री ने बताया कि राजस्व बढ़ोतरी के प्रयास चारों तरफ किए जा रहे हैं। अन्य गौण खनिजों के लिए बुलाई गई निविदाओं के भी जल्द ही अच्छे परिणाम प्राप्त होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ोतरी से उम्मीद है कि प्रदेश में विकास की रफ्तार और तेज होगी। जायसवाल ने कहा कि सरकार के सुशासन का ही परिणाम है कि रेत की निविदा से पांच गुना अधिक राजस्व बढ़ाने में खनिज विभाग सफल रहा है। उन्होंने खनिज साधन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सराहनीय कार्य करने के लिए बधाई दी।