मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता की मौत की वजहों पर जताई आशंका
चेन्नई, 29 दिसंबर (इ खबर टुडे )। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की वजहों पर मद्रास हाईकोर्ट ने आशंका व्यक्त की है. एआईएडीएमके की पूर्व प्रमुख जयललिता की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस वैद्यनाथन ने कहा कि इस मृत्यु को लेकर मेरी अपनी कुछ आशंकाएं हैं. इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि जयललिता की बीमारी को इस तरह गोपणीय बना कर क्यों रखा गया.
अपने समर्थकों के बीच ‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता को बुखार और शरीर में पानी की कमी के कारण 22 सितंबर चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहीं उन्हें 4 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद 5 दिसंबर को उनका निधन हो गया . इस दौरान सत्ताधारी पार्टी और राज्य सरकार द्वारा जयललिता की सेहत को लेकर बरती गई गोपनीयता से नाखुश जस्टिस वैद्यनाथन ने कहा, मीडिया में इस बाबत कई आशंकाएं जताई गईं, और मुझे भी इस संबंध में कुछ आशंकाएं हैं.
जयललिता के निधन की वजहों पर कई लोगों को शक
जयललिता के निधन को लेकर कई लोग अपनी आशंकाएं जताते रहे हैं. इन्हीं लोगों में शामिल एआईएडीएमके के सदस्य पीए जोसफ ने पार्टी प्रमुख की मौत के रहस्य से जुड़ी एक जनहित याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दायर की है. उन्होंने 22 सितंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में जया के भर्ती होने से लेकर उनकी मौत तक, सभी घटनाओं का ब्यौरा दिया है. उनका कहना है कि जया की मौत को लेकर लोगों के मन में कई शंकाएं हैं.
सुप्रीम कोर्ट में भी चांज की याचिका दायर
वहीं पार्टी से निष्कासित सांसद शशिकला पुष्पा ने भी जयललिता के निधन की जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. शशिकला ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की है.
अपनी याचिका में पुष्पा ने जयललिता के निधन की परिस्थितियों को संदेहास्पद बताया है. सांसद ने जया की करीबी शशिकला नटराजन पर शक जताया है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोगों को शक है कि शशिकला नटराजन और उनके परिवार ने अम्मा के निधन में कुछ किया है. न्याय की जरूरत है. जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर निधन तक की सीबीआई जांच होनी चाहिए.