December 24, 2024

मंदसौर रेपकांड :स्कूल से लेकर पुलिस तक ने बरती लापरवाही

harda_police

मंदसौर,28 जून (इ खबरटुडे)।8 वर्षीय मासूम का मंगलवार शाम को स्कूल से गायब होना और फिर बुधवार को गंभीर घायल हालत में मिलने की खबर जिसने भी सुनी सिहर उठा। अस्पताल में बालिका की हालत देखकर कठोर दिल वाले भी भावुक हो उठे। बालिका के चेहरे और गले के घावों पर टांके लगाने वाले चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी भी अपने पर काबू नहीं रख पाए।इस पूरे मामले में पहले स्कूल प्रबंधन और फिर पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। बालिका के गायब होने के बाद से दोनों जगहों पर परिजन गुहार लगाते रहे पर ठीक से सुनवाई नहीं हुई। कोतवाली से महज 500 मीटर दूर स्थित लक्ष्मणशाह दरवाजे के पास झाड़ियों में आरोपित बालिका को अपनी हवस का शिकार बनाता रहा। इधर, पुलिस सड़कों पर ही उसे खोजती रही।

जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह लगभग 11.30 बजे लक्ष्मण दरवाजे के पास ही नाले के किनारे खाली प्लॉट के पीछे झाड़ियों के जंगल से लड़खड़ाते हुए बालिका को कुछ लोगों ने देखा। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान देख पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे कोतवाली के कोबरा-1 के जवानों ने बालिका को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां तगड़ा पुलिस बंदोबस्त किया गया।

सीएसपी राकेश मोहन शुक्ला, कोतवाली टीआई जितेंद्र यादव, नईआबादी टीआई तंतवार सहित पुलिस बल पहुंच गया। और आकस्मिक चिकित्सा कक्ष सहित अन्य जगह पर नाकाबंदी कर दी। जिला अस्पताल में डॉ. एके गुलाटी, डॉ. जेसी गुप्ता, डॉ. केएल राठौर, डॉ. प्रमिला राठौर, डॉ. कटारे व डॉ. पिप्पल की मौजूदगी में बालिका की जांच करने के साथ ही प्राथमिक उपचार किया गया। पहले कमरा नंबर 9 और फिर ऑपरेशन थियेटर में बालिका की जांच के बाद दोप. 2.40 बजे उसे इंदौर के एमवायएच रेफर कर दिया गया। बुरी तरह से घायल बच्ची को मंदसौर में रक्त भी चढ़ाया गया। पुलिस ने मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है, जांच जा रही है

गले, गाल पर भी चोट के निशान थे
पुलिस के अनुसार बालिका के गले व गाल पर किसी धारदार हथियार से चोट के गहरे निशान है। उसकी आंखें जिस तरह से सूज रही थी, उससे यह अंदाजा लगा सकता है कि वह किस असहनीय पीड़ा से गुजरी होगी। सुबह वह लड़खड़ाते हुए बाहर सड़क तक आई थी उसकी हालत देखकर भी लोग सहम गए थे।

स्कूल में ही शिक्षक एक घंटे तक इधर-उधर घुमाता रहा पिता को
बताया जा रहा है कि हाफिज कॉलोनी स्थित एक स्कूल में कक्षा 3 में अध्ययनरत 8 वर्षीय मासूम को लेने प्रतिदिन शाम 5 बजे उसके पिता आते थे। बुधवार को वह लेट हुए। इसी बीच आरोपित बालिका को लेकर चला गया। तब वहां गेट पर रहने वाले शिक्षक मौजूद नहीं थे। बाद में शाम 5.45 बजे पिता पहुंचे और शिक्षक से पूछा तो उन्होंने कहा बालिका तो चली गई है। पिता ने कहा न तो मैंने किसी को भेजा है और न ही कोई घर से आया।

इसके बाद बालिका की सूचना थाने देने के बजाय शिक्षक ने कहा कि उसे तलाशते हैं। इस तरह लगभग शाम के 7 बज गए। जब वह नहीं मिली तो पिता शहर कोतवाली पहुंचे। वहां मौजूद आरक्षकों ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया और अभी दिखवाते हैं कहकर एक घंटा बैठाए रखा। बाद में बालिका के पिता के पक्ष में कुछ लोगों ने फोन किए तो लगभग 8.15 बजे बाद पुलिस सक्रिय हुई और बालिका की खोज शुरू हुई। वह भी सड़कों और आसपास के क्षेत्रों में ही। डीआईजी भी पहुंचे घटनास्थल

मासूम के साथ दुष्कर्म की सूचना मिलते ही रतलाम डीआईजी जितेंद्रसिंह कुशवाह भी मंदसौर पहुंच गए। दोपहर 12 बजे वे और एसपी मनोज कुमार सिंह स्निफर डॉग लेकर मौके पर पहुंचे। घनी झाड़ियों के बीच में बच्ची का स्कूल बैग, पानी की बोतल, जूते व बीयर की बोतल भी मिली है, जिसे पुलिस ने बरामद कर जांच के लिए भेजे।

स्कूल के सीसीटीवी कैमरे बंद
स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कितनी चिंता है वह यहां के सीसीटीवी कैमरों की हालत देखकर ही लग जाती है। स्कूल प्रबंधन से जब पूछा गया कि गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, इसके फूटेज देखकर बता सकते थे कि बालिका को स्कूल आकर कौन ले गया है। तब स्कूल के जिम्मेदार शिक्षक ने बताया सीसीटीवी कैमरे बंद हैं चूहों ने तार काट दिए है।

बच्ची के साथ अमानवीय तरीके से दुष्कर्म किया गया है। उसके शरीर पर कई चोट के निशान है। मामले में स्कूल प्रबंधन की भी लापरवाही सामने आई है। एक घंटे तक तलाश करने के बाद पुलिस को सूचित किया गया है। पुलिस की लापरवाही रही तो वह भी देखेंगे। अभी हमारा पूरा ध्यान आरोपित की गिरफ्तारी पर है।- मनोज कुमार सिंह, एसपी
जैसा कि चश्मदीद ने बताया
मैं लक्ष्मणशाह दरवाजे की तरफ से आ रहा था। सुबह लगभग 11.30 बजे तभी झाड़ियों से बालिका घायल अवस्था में दिखी। उसे देखकर ही लगा कि उसके साथ जबरदस्ती की है या किसी ने मारपीट की है। मैंने उसकी मदद करने की कोशिश की। घायल अवस्था में थी पर चलकर मेरे पास तक आ गई।

आंखें लाल हो रही थी। उसका गाल कटा हुआ था। उसकी स्कूल ड्रेस पूरी गीली हो रही थी। बेल्ट खुला था। गले में आईडी लगा हुआ था। उसने अपना नाम बताया और ज्यादा बोली नहीं। मैंने सोचा की इसे अस्पताल ले जाए। इतने में और लोग भी एकत्र हो गए। तभी दो पुलिसवाले आए और पूछा कि यह लड़की कौन है। हमने कहा नहीं पता। यह इधर झाड़ियों में से आ रही थी। ऐसा लगता है कि यह लड़की वहीं है जो कल स्कूल से गायब हुई है। उसके बाद पुलिस जवान उसे लेकर अस्पताल पहुंच गए।- नरेंद्र सोनी, बालिका को सबसे पहले देखने वाले।
स्कूल में रोज शाम 4.55 बजे छुट्टी होती है। उसके बाद प्रार्थना होती है। बालिका के पिता रोज शाम 5.05 बजे या 5.10 बजे तक लेने आ जाते हैं। मंगलवार को वह शाम 5.45 बजे आए। शाम 5.20 बजे तक राउंड लगाते हुए में भी वहां गया था। तब बालिका वहीं थी। गेट पर एक शिक्षक की ड्यूटी थी। वह थोड़ी देर के लिए वॉश रुम गए थे। उसी दौरान बालिका को कोई ले गया। जब वापस आकर हमने पूछा तो वहां मौजूद बच्चों ने कहा कि एक अंकलजी ऑरेंज कलर की शर्ट पहने थे आकर ले गए। तब हम भी निश्चिंत हो गए। बाद में 5.45 बजे बच्ची के पिता पहुंचे तो हमें पता चला। उसके बाद हम रात 12 बजे तक चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी देखते रहे। स्कूल के सीसीटीवी कैमरे बंद करने के पीछे कोई षड़यंत्र नहीं है। बार-बार लाइट भी बंद हो रही थी और चूहों के केबल काटने के कारण कैमरे बंद थे।
प्रधानाचार्य, हाफिज कॉलोनी

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds