December 25, 2024

बालाकोट एयरस्ट्राइक पर इटैलियन पत्रकार का खुलासा, 45 आतंकी अब भी अस्पताल में

airstrike

नई दिल्ली,08 मई(इ खबरटुडे)। पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना के हमले को लेकर इटली के एक पत्रकार ने बड़ा खुलासा किया है. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में फिदायीन हमले के बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस पर सवाल उठाते रहे हैं. इस बीच इटली की पत्रकार फ्रेंसेसा मैरिनो ने STRINGERASIA.IT में इस घटना का पूरा विवरण छापकर देश दुनिया के लोगों को हैरान कर दिया है. मैरिनो ने लिखा है कि ‘भारतीय वायु सेना ने तड़के साढ़े तीन बजे हमला किया. मेरी सूचना के मुताबिक, शिंकयारी आर्मी कैंप से सेना की एक टुकड़ी घटनास्थल पर पहुंची.’

मैरिनो ने आगे बताया कि ‘सेना की टुकड़ी हमले के दिन सुबह 6 बजे घटनास्थल पर पहुंची. शिंकयारी बालाकोट से 20 किलोमीटर दूर है और यह पाकिस्तान आर्मी का बेस कैंप भी है. इस जगह पर पाकिस्तानी सेना की जूनियर लीडर्स एकेडमी भी है. आर्मी की टुकड़ी के बालाकोट पहुंचते ही वहां से कई जख्मी लोगों को पाकिस्तान आर्मी के अस्पताल पहुंचाया गया. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक आर्मी कैंप के अस्पताल में अभी भी तकरीबन 45 लोगों का इलाज चल रहा है. इलाज के दौरान 20 लोगों की मौत हो चुकी है.’

इटैलियन पत्रकार ने बताया कि ‘इलाज के बाद जो लोग स्वस्थ हो गए हैं उन्हें पाकिस्तान आर्मी ने अपनी कस्टडी में रखा है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया गया है. कई हफ्तों में छानबीन कर अपने सोर्स के माध्यम से जो जानकारी मैंने जुटाई है, उसके मुताबिक कहा जा सकता है कि हमले में जैश-ए-मोहम्मद के कई कैडर मारे गए हैं. मृतकों की संख्या 130-170 तक हो सकती है. इसमें वे लोग भी हैं जिनकी मौत इलाज के दौरान हुई है.’

इटैलियन पत्रकार मैरिनो ने आगे बताया, ‘जो कैडर (आतंकी) मारे गए उनमें 11 ट्रेनर भी हैं. मृतकों में कुछ बम बनाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने वाले भी लोग हैं. जिन परिवारों के लोग इस हमले में मारे गए, उनकी ओर से कोई जानकारी बाहर लीक न हो, इसके लिए भी जैश ए मोहम्मद ने पूरे बंदोबस्त किए. मृतकों के घर जाकर जैश के आतंकियों ने मुआवजा तक दिया.’

गौरतलब है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में स्थित जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर भारतीय वायुसेना की ओर से किए गए हमले की योजना बनाने में 200 घंटे से ज्यादा का वक्त लगा था. भारत में किसी भी जगह पर दूसरे फिदायीन हमले से जुड़ी खुफिया जानकारी के बाद इस हमले की योजना शुरू हुई थी.

सूत्रों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले के महज दो दिनों बाद सरकार को खुफिया जानकारी मिली थी. सूत्र ने बताया कि खुफिया जानकारी में भारत के किसी भी हिस्से में अन्य आत्मघाती हमले के बारे में चेतावनी दी गई थी, जिसके पुलवामा की तुलना में ज्यादा बड़ा होने की बात कही गई थी. जानकारी मिलने के तुरंत बाद सरकार के आला अधिकारियों और संबंधित मंत्रियों, सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच सिलसिलेवार बैठकें हुईं, ताकि जेईएम आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds