प्रयागराज VHP धर्म संसद : मोहन भागवत ने कहा- हिंदुओं के साथ कपट युद्ध जारी
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प्रयागराज,31 जनवरी (इ खबरटुडे)। कुंभनगर में विश्व हिंदू परिषद के धर्म संसद में आज बड़े फैसलों पर मुहर लगने की संभावना है। धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के साथ देश के नामचीन संत भी शिरकत कर रहे हैं। प्रयागराज में वीएचपी की दो दिनी धर्मसंसद में देशभर से ढाई हजार साधु संतों शामिल हैं।
धर्म संसद में मोहन भागवत ने कहा कि सबरी माला सिर्फ मलयालम भाषी के भगवान नहीं हैं। पूरा हिंदू समाज उनके साथ है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की आस्था का ध्यान नहीं रखा। षड्यंत्र के तहत समाज को बांटा जा रहा है कपट युद्ध लड़ा जा रहा है। वोटो की राजनीति हो रही है, महाराष्ट्र का आंदोलन गवाह है। राजनीति करने वाले समझ लें कि आंबेडकर के अनुयायी हम भी हैं। हिंदुओं को चेतना होगा। धर्म संसद में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी पहुंचे ।
धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खेला जा रहा है। कुछ राजनैतिक दल वोट की सियासत की वजह से हिंदुओं के साथ कपट युद्ध कर रहे हैं। हमें हिंदुओ को जागरूक करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की आस्था का ध्यान नहीं रखा। षड्यंत्र के तहत समाज को बांटा जा रहा है कपट युद्ध लड़ा जा रहा है। वोट की खातिर राजनीति हो रही है, महाराष्ट्र का आंदोलन गवाह है। राजनीति करने वाले समझ लें कि आंबेडकर के अनुयायी हम भी हैं। हिंदुओं को चेतना होगा।
विश्व हिंदू परिषद् के धर्म संसद में केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा उठा। संसद में यह प्रस्ताव पास हुआ कि सबरीमाला मुद्दे को अयोध्या आन्दोलन की तरफ उठाया जाएगा। विहिप की धर्म संसद में पहुंचे आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। भागवत ने कहा कि कोर्ट ने कहा महिला अगर प्रवेश चाहती है तो करने देना चाहिए, अगर किसी को रोका जाता है तो उसको सुरक्षा देकर जहां से दर्शन करते हैं वहां ले जाना चाहिए, लेकिन कोई जाना ही नहीं चाह रहा है। इसी कारण श्रीलंका से लाकर लोगों को पीछे के दरवाजे से घुसाया जा रहा है।
भागवत ने कहा सबरीमाला प्रकरण में कोर्ट के फैसले में हिंदुओ की भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया, जिसकी वजह से हिंदू आंदोलित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सबरीमाला के मुद्दे पर फैसला देते हुए कोर्ट ने करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि भगवान अयप्पा के चार मंदिर हैं, सिर्फ एक ही ब्रह्मचर्य रूप में है। महिला का प्रवेश न करना वहां की परंपरा है। मोहन भागवत ने कहा कि सबरीमाला सिर्फ मलयालम भाषी के भगवान नहीं हैं। पूरा हिंदू समाज उनके साथ है।
धर्म संसद में आज शबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर बैन की परंपरा की रक्षा करने पर भी सहमति बनी। इसमें तय किया गया कि सबरीमाला का आंदोलन भी अयोध्या आंदोलन के समकक्ष होगा। इसके साथ ही साथ आंदोलनकारियों पर केरल सरकार की कार्यवाही की निंदा की गई। धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ गौ रक्षा, गंगा समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।