November 9, 2024

प्रमुख सचिव एवं स्वास्थ्य आयुक्त पहुंचे जिला अस्पताल

सफाई अच्छी-उपचार व्यवस्था में कमी,बाहर से सोनोग्राफी लिखने पर रुपए लौटाने के आदेश

उज्जैन,6 अगस्त (इ खबरटुडे)। बुधवार को भोपाल से स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त, प्रमुख सचिव, उपसंचालक और डायरेक्टर की टीम जिला अस्पताल की नब्ज टटोलने के लिए पहुंची थी, जहां वार्डो की सफाई व्यवस्था को अच्छा बताया तो उपचार व्यवस्था में कमी बताते हुए सुधार के निर्देश स्थानीय अस्पताल प्रशासन को दिए। कैंसर यूनिट की व्यवस्था को देख यूनिट प्रभारी को स्टेट कैंसर का नोडल अधिकारी बनाने के आदेश दे दिए।
जिला अस्पताल में सुबह 11 बजे भोपाल स्वास्थ्य विभाग से टीम में शामिल होकर आए स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. मिश्रा और डायरेक्टर डॉ. के.के ठस्सु पहुंचे, जिन्होने शिशुवार्ड, सेठी बिल्डिंग़, बोहरा वार्ड, लेब के साथ मुख्य अस्पताल भवन में पहुंचकर जानकारी जुटाई। वहीं शाम 7 बजे के लगभग स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. पंकज अग्रवाल और प्रमुख सचिव गौरीसिंह सीधे प्रसूतिगृह व्यवस्थाओं की नब्ज टटोलने के लिए पहुंच गए। यहां निरीक्षण के दौरान उन्होने काफी नाराजगी जताई। प्रसूताओं के भर्ती पर्चे पर लिखी गई दवाओं में कमी पाई गई। वही डॉक्टरों का रिपोर्ट कार्ड में कमी देखकर नाराज हो गए। लेबर रुम में संसाधनों की कमी नजर आई तो  वार्ड में प्रसूताओं को भर्ती करने के पलंगों की कमी को पूरा करने के निर्देश जारी किए गए। स्टॉफ की शिकायतों पर कार्रवाई के आदेश सिविल सर्जन को दिए गए है। करीब डेढ़ घंटे यहां का निरीक्षण करने के बाद अस्पताल के मुख्य भवन का निरीक्षण स्वास्थ्य विभाग से आई प्रमुख सचिव और आयुक्त द्वारा किया गया। यहां प्रथम तल पर एफ वार्ड में बनी कैंसर यूनिट को देखकर संतोष जताते हुए यूनिट का प्रभार संभाल रहे कैंसर विशेषज्ञ डॉ. सीएम त्रिपाठी को स्टेट का नोडल अधिकारी बनाने के आदेश जारी कर दिए। यहां की सफाई को देख व्यवस्था अच्छी होने की बात कही, लेकिन सफाई कर्मी नहीं दिखाई देने पर सिविल सर्जन से सवाल कर बैठे कि कहां है सफाईकर्मी। इस पर सिविल सर्जन ने अस्पताल के वार्डो में तीन समय सफाई होने का हवाला दे दिया। अस्पताल के डी वार्ड में निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव ने भर्ती मरीजों के पर्चे मंगवाकर देखे तो कई खामियां पाई गई। जिस पर सिविल सर्जन जबाव देकर अस्पताल स्टाफ को बचाने का प्रयास करते रहे। स्टॉफ रिपोर्ट भी सही नहीं पाई जाने पर  स्वास्थ्य आयुक्त ने वार्ड इंचार्ज की जानकारी ली तो वह उपस्थित नहीं पाई गई, जिस पर आयुक्त ने इंचार्ज कुमुद बाला और मेट्रन ईला गोमे को सस्पेंड करने के आदेश सिविल सर्जन को दे दिए। गहन चिकित्सा इकाई के निरीक्षण के दौरान वहां भर्ती मरीजों की उपचार व्यवस्था को देख भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नाराज हो गई। यहां भर्ती 7 मरीजों को गहन चिकित्सा इकाई जैसा उपचार नहीं दिया जा रहा था। पर्चे भी सामान्य मरीजों की तरह बनाए गए थे। 12 घंटे में मरीजों की पल्स चैक की जा रही थी। उपचार मशीनें भी बंद पड़ी हुई थी। स्वास्थ्य आयुक्त ने यह सब देख कहा कि नहीं लगता की यह गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) है। यहां भर्ती हर मरीज के साथ एक नस पलंग के पास रहनी चाहिए, मरीजों की पल्स हर घंटे लेकर पर्चे पर अंकित की जाना चाहिए, मशाीनें चालू होना चाहिए, तभी लगेगा की यह आईसीयू वार्ड है, यहां मरीजों को भर्ती करने के लिए भी पलंगों की संख्या बढ़ाने की बात आयुक्त द्वारा कहीं गई।

मरीजों को राशि लौटाने के आदेश

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने डी वार्ड में तीन दिन से भर्ती बेगमबाग की रहने वाली महिला फरिदा पति नूर से उसके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली तो उसने बताया कि उपचार से लाभ नहीं हो पा रहा है, वही डॉक्टर ने सोनोग्राफी लिखी थी अस्पताल में नहीं होने पर बाहर से 800 सौ रुपए देकर करवाई है। इतना सुनते ही आयुक्त ने सिविल सर्जन को बाहर से सोनोग्राफी करने की राशि अस्पताल प्रशासन की ओर से लौटाने के आदेश जारी किए। यहां एक अन्य महिला मरीज का परीक्षण स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. मिश्रा ने सीएमएचओ के साथ किया और डॉक्टरों द्वारा दिए जा रहे उपचार पर नाराजगी व्यक्त की।

शोकाज नोटिस और वेतनवृध्दि रोकने के आदेश

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान पांच डॉक्टरों कार्य में खामियां देखकर उन्हे शोकाज नोटिस जारी कर वेतनवृध्दि रोकने के आदेश सिविल सर्जन को जारी किए। बताया गया है कि डॉ. पौराणिक, डॉ. अनिल दुबे, डॉ. महेश्वरी, डॉ. अजय निगम और डॉ. प्रिती सिन्हा को शोकाज नोटिस देने के साथ वेतनवृध्दि रोकी गई है।

अस्पताल प्रशासन ने कर ली थी तैयारियां

भोपाल स्वास्थ्य विभाग से अधिकारियों की टीम आने की सूचना पर पहले से ही स्थानीय अस्पताल प्रशासन के सीएमएचओ डॉ. एनके त्रिवेदी, सिविल सर्जन डॉ. डीपीएस गहरवार, अस्पताल अधीक्षिका डॉ. सुनीता परमार, आरएमओ डॉ. रविन्द्र श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों द्वारा पहले से ही तैयारियां कर ली थी। सभी को सुबह से ही प्रमुख सचिव और आयुक्त के आने का इंतजार था, लेकिन सुबह उपसंचालक और डायरेक्टर आकर व्यवस्था का जायजा लेकर चले गए और शाम को प्रमुख सचिव और आयुक्त पहुंचे।

यह बोली प्रमुख सचिव

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य गौरीसिंह ने निरीक्षण के बाद कहा कि यहां कि उपचार व्यवस्था में सुधार की आवश्कता है, जिसे पूरा करा जाएगा। जल्द ही अस्पताल के 450 बिस्तरों वाला भवन बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद डायलेसिस यूनिट अस्पताल को उपलब्ध कराई जाने की योजना है। भानपुरा से लाई गई सिटी स्केन मशीन शुरु नहीं हो पाने के सवाल पर प्रमुख सचिव ने कहा कि मशीन काफी पुरानी है, इंजिनियरों से संपर्क किया गया था, कुछ खराब पाट्र्स उपलब्ध होने के बाद उसकी शुरुआत भी करा दी जाएगी।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds

Patel Motors

Demo Description


Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds