December 25, 2024

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह भारतीय वेशभूषा में ही होगें – उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया

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सीतामउ में तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोठी का हुआ शुभारंभ

मंदसौर,12 नवम्बर(इ खबरटुडे)। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में होने दीक्षांत समारोह भारतीय वेशभूषा में ही होगें। लबादा (गाउन) पहनकर डिग्री लेने की परम्परा अंगेजों की है और हमारी सरकार यह परम्परा नहीं अपनायेगी। इस आशय के उदगार आज प्रदेश के उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन एंव जनशिकायत निवारण मंत्री जयभान सिंह पवैया ने व्यक्त किये। उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया आज मंदसौर जिले के सीतामउ नगर में स्थित श्री नटनागर शोध संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का विषय भारत की रियासतें और उसका कला, स्थापत्य, साहित्य और सांस्कृतिक इतिहास में योगदान (युगयुगीन) है। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने इतिहास पर आधारित तीन नई पुस्तकों का लोकर्पण कर संस्थान की ओर से स्थापित डाॅ. रघुवीर सिंह राष्ट्रीय इतिहास सम्मान भी वितरित किए। संस्थान के सचिव डाॅ. मनोहर सिंह राणावत को यह सम्मान मिला। इस मौके पर सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग, पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त टी.सी.ए राघवन, भारतीय प्रौढ शिक्षा संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर के.सी. चैधरी, जिला भाजपा अध्यक्ष देवीलाल धाकड़, पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार, नटनागर शोध संस्थान के अध्यक्ष पुरंजयसिंह राठौर के अलावा अन्य वरिष्ठजन, विद्ववतजन, जनप्रतिनिधिगण, इतिहासकार, इतिहास के शोधार्थीगण एवं पत्रकारगण मौजूद थे। संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रांतों के आए करीब 150 शोधार्थी भाग ले रहे है। संगोष्ठी 14 नवम्बर तक चलेगी। इसमें शोधपत्रों का वाचन भी किया जायेगा।

श्री नटनागर शोध संस्थान कोे विकास कार्याें के लिए दी जायेगी हर जरूरी मदद
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने कहा कि प्रदेश में शोध संस्थाओं को संरक्षण देकर शोधार्थियों को प्रोत्साहन दिया जायेगा। म.प्र. सरकार इस दिशा में समुचित कदम उठायेगी। शोध संस्थान आगे बढें, इसके लिए इनके अधोसंरचनात्मक विकास के लिए धन की आवश्यकता पूर्ति में कोई कसर नही रखी जायेगी। म.प्र. सरकार शोध संस्थानों के विकास के लिए हर जरूरी मदद प्रदान करेगी। मंदसौर जिले में छोटी काशी के नाम से विख्यात सीतामउ जैसे छोटे नगर में स्थापित राष्ट्रीय स्तर का यह शोध संस्थान मालवांचल की गौरवशाली ऐतिहासिक व सांस्कृतिक परंपराओं का पोषक है। उन्होने कहा कि शोध एक कठिन काम जरूर है, परन्तु यह उपहार केवल मनुष्य को ही प्राप्त है क्योंकि उसकी बौद्विक क्षमता दूसरे जीवों से कहीं अधिक विकसित और परिमार्जित है। प्राचीन साहित्यिक पाण्डुलिपियों की इतनी समृद्वशाली धरोहर और किसी शोध संस्था के पास नही है, जितनी नटनागर शोध संस्थान में है। यह संस्था देश का गौरव है। सरकार इस ऐतिहासिक व सांस्कृतिक पूंजी को हर तरह से संरक्षण देगी। इसे हर जरूरी मदद मुहैया कराई जायेगी। वे इस संस्थान में उपलब्ध पुरातन साहित्य के डिजीटलाईजेशन के लिए अनुपूरक बजट में राशि की व्यवस्था के लिए प्रयास करेंगे। उन्होनंे कहा कि इस संस्थान के लिए जो कुछ भी संभव होगा, वे अवश्य करेंगे।
राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी को संबोधित करते हुऐ सुवासरा विधायक श्री डंग ने श्री नटनागर शोध संस्थान के विषय में कहा कि इस संस्थान का विस्तार बेहद जरूरी है, क्योंकि यह मंदसौर की पहचान है, मालवा की पहचान है। इसे एक राष्ट्रीय संस्थान बनाना है, क्योंकि यह संस्थान काशी से कश्मीर तक के इतिहास के शोधाथर््िायों को जोडता है। उन्होने कहा कि वे इस संस्थान से हर समय जुडे रहेंगे। उन्होंने संस्थान की बाउंड्री वाॅल निर्माण के लिए अपनी विधायक निधि से एक लाख रू देने की घोषणा की।

श्री राघवन ने कहा कि वे पिछले 10-12 सालों में इस संस्था को अधिक आथर््िाक उर्जा मिली है। यह संस्थान मालवा की समृद्ध संास्कृतिक परम्परा का पोषक है।
श्री चैधरी ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद यह शोध संस्थान अधिक उर्जावान है। डाॅ. रघुवीर सिंह द्वारा भारतीय पुरासंपदा को संकलित करने का उनका प्रयास वंदनीय है।

स्वागत भाषण में शोध संस्थान के अध्यक्ष श्री पुरंजयसिंह राठौर ने बताया कि इस संस्थान में करीब 6 हजार से अधिक पाण्डुलिपियां है।ं संसथान में समाज की विभिन्न कलाओं का प्राचीन साहित्य सहेज कर रखा गया है। शोधार्थी इसका भरपूर लाभ ले रहें है। इस संस्थान की यह 21 वीं शोध संगोष्ठी है। यह एक मान्यता प्राप्त शोध संस्थान ळें

शुभारम्भ सत्र के अंत में सभी का आभार ज्ञापित करने हुए संस्थान के सचिव मनोहर सिंह राणावत ने बताया कि इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में 150 से अधिक शोधार्थी भाग ले रहे है, और इन तीन दिनों में इतिहास पर आधारित कई शोधपत्रों का वाचन किया जायेगा। कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने भी संबांेधित किया।

संासद निधि से बने हाॅल का लोकार्पण भी किया
संगोष्ठी के शुभारम्भ से पहले प्रदेश के उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन एंव जनशिकायत निवारण मंत्री जयभान सिंह पवैया ने श्री नटनागर शोध संस्थान परिसर में ही संासद निधि से बने एक हाॅल का लोकार्पण किया। इस हाॅल के निर्माण के लिए राज्यसभा सांसद श्री मेघराज जैन ने अपनी निधिक से 5 लाख रूपए एवं क्षेत्रीय विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधायक निधि से 1 लाख 5 हजार रूपए दिए हैं।

संस्थान का मुआयना भी किया
सीतामउ पहुंचकर उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन एंव जनशिकायत निवारण मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सबसे पहले श्री नटनागर शोध संस्थान का मुआयना किया। उन्होंने संस्थान की डाॅ. रघुवीर लाइब्रेरी का मुआयना कर यह रखे दुर्लभ गं्रथों, पांडुलिपियों, पुराने चित्रों एवं संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तकों को देखकर इस संस्थान को भारतीय वांग्मय का तीर्थ निरूपित किया। संस्थान के अध्यक्ष पुरंजयसिंह राठौर एवं सचिव श्री राणावत ने उच्च शिक्षा मंत्री को संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी।

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