November 15, 2024

पीक-डे में करीब 7 करोड़ 50 लाख लीटर जल आपूर्ति की व्यवस्था

प्लान-ए, बी तथा सी तैयार
 
उज्जैन ,12 मार्च (इ खबरटुडे)।उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक होने वाले सिंहस्थ के दौरान त्रिवेणी जोन में पीक-डे (शाही स्नान जैसे दिवस) में प्रतिदिन 7 करोड़ 50 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की तैयारी की गयी है। पानी की आपूर्ति के लिये ए, बी तथा सी प्लॉन तैयार किये गये हैं।

प्लॉन-बी की व्यवस्था फेल होने पर प्लॉन-सी काम करेगा
प्लान-ए में त्रिवेणी की नयी टंकियों, शनि मंदिर टंकी और गऊ घाट वॉटर फिल्टर प्लांट से पानी की आपूर्ति की जायेगी। प्लॉन-ए की व्यवस्था फेल होने पर प्लॉन-बी कार्य करेगा। प्लॉन-बी में टंकियाँ नहीं भरने की स्थिति में पम्पिंग मेन स्टेशन को सीधे मेला क्षेत्र में पाइप लाइन से जोड़ा जा रहा है, जिससे सीधे बूस्टिंग द्वारा जल प्रदाय किया जा सके। प्लॉन-बी की व्यवस्था फेल होने पर प्लॉन-सी काम करेगा। प्लॉन-सी के लिये 12 हजार लीटर क्षमता के 4 टेंकर तथा 5 लीटर क्षमता के 2 टेंकर काम करेंगे।

 

82 हजार वाहन पार्किंग क्षमताparking
सिंहस्थ के दौरान त्रिवेणी जोन में 82 हजार वाहन के लिये पार्किंग व्यवस्था रहेगी। इसमें जोन-2 के सेटेलाइट टाउन और इनके बाहर स्थित पार्किंग क्षेत्र शामिल हैं।
बाँस-बल्ली विक्रय के 6 केन्द्र संचालित
सिंहस्थ मेला क्षेत्र में बाँस-बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी विक्रय के लिये 6 केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। इन केन्द्र पर वन विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में आश्रम और अखाड़ों को बाँस-बल्ली और जलाऊ लकड़ी उपलब्ध करवायी जा रही है। जलाऊ लकड़ी अनुदान पर 402 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर उपलब्ध करवायी जा रही है।
कालिदास उपवन में पौधों का रोपण
उज्जैन नगरी में सिंहस्थ के दौरान करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होगा। ऐसे दुर्लभ अवसर पर महाकवि कालिदास के प्रकृति प्रेम से आमजन को परिचित करवाने के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने अनूठा प्रयास किया है। वन विभाग ने उज्जैन में कोठी रोड पर कालिदास अकादमी के नजदीक कालिदास उपवन तैयार किया है। उपवन में 66 प्रजाति के पौधे रोपित किये गये हैं। उपवन में कमल सरोवर भी तैयार किया गया है। सरोवर में पानी में रहने वाले पक्षी भी रखे गये हैं। उपवन में जिन पौधों को रोपित किया गया है, उनमें प्रमुख रूप से कदम्ब, चमेली, केवड़ा, कचनार, मोगरा, जामुन, ताड़, दालचीनी, रुद्राक्ष, जूही, आम, चीर आदि के पौधे हैं।

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