December 23, 2024

नर्मदा के पानी में शिप्रा का पुराना बैरेज अड़ंगा

kshipra

जेसीबी तोड़ने गई तो खराब हो गई

उज्जैन 22 फरवरी (इ खबरटुडे) । माँ नर्मदा का पानी उज्जैनी से उज्जैन के रामघाट के लिये चला है। यह पानी पिछले 4 दिनों से देवास के शिप्रा डेम में रुका हुआ है। डेम में ये पानी बेक वाटर में वृध्दि कर रहा है लेकिन शिप्रा के पुराने बैरेज को लांघने में सफल नहीं हो पा रहा है। शिप्रा के वाटर लेबल से पुराने बैरेज की ऊंचाई मात्र 25 से.मी. है। ऐसी स्थिति में नर्मदा का पानी शामिल होते हुए बेक वाटर में वृध्दि कर रहा है। पानी को आगे बढ़ाने के लिये बैराज तोड़ने की योजना बनी है, जो कि शुक्रवार को सफल नहीं हो सकी।
432 करोड़ की नर्मदा-शिप्रा मिलन योजना साकार रुप ले रही है। 25 फरवरी को उज्जैन के रामघाट पर इस संगम योजना का शुभारंभ होगा। नर्मदा का जल अब तक देवास पहुंच पाया है। उसके आगे के लिये पानी बराबर आ रहा है लेकिन शिप्रा जल आवर्धन डेम में मौजूद पानी में ही मिलता जा रहा है। डेम के बेक वाटर में बराबर वृध्दि हो रही है लेकिन पानी आगे की ओर निकालने के लिये शिप्रा का पुराना बैरेज बाधक बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार शिप्रा पर बना पुराना डेम जल की सतह से 25 से.मी. ऊंचाई पर है। नदी के लेवल से डेम का लेवल अधिक होने के कारण उसमें छोड़े जा रहे नर्मदा के पानी से बेक वाटर में तो वृध्दि हो रही है लेकिन पानी आगे की ओर बढ़ना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में शुक्रवार को अधिकारियों ने शिप्रा के पुराने बैरेज से पानी को आगे बढ़ाने के लिये बैराज को तोड़ने की योजना पर अमल शुरु किया था। इसके लिये जेसीबी मशीन ले जाई गई थी। मजबूत बना बैराज जेसीबी मशीन से भी नहीं टूटा। हालत यह रही कि जेसीबी मशीन खराब हो गई। शनिवार को संभवत: फिर से इस पर अमल किया जा सकता है। गौरतलब है कि 25 फरवरी को उज्जैन के रामघाट पर आयोजित कार्यक्रम में शिप्रा और नर्मदा का संगम, पूजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, भाजपा सुप्रीमो राजनाथसिंह, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज सहित भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेता इस कार्यक्रम में शरीक होंगे।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds