नगर निगम सम्मलेन में सपंत्तियो के विक्रय पर हंगामा
परिषद ने कहा गलत तरीके से बेची गंई संपत्तियां
रतलाम,2 अप्रैल (इ खबरटुडे)। नगर निगम परिषद में पेश बजट पर चर्चा के लिए आहूत किए गए नगर निगम सम्मेलम में सोमवार को अंधिकाश समय निगम की कोमलनगर एवं अन्य स्थानों पर स्थित संपत्तिों के ओने-पौने दामों में बेचने को लेकर हंगामा होता रहा। आयुक्त संजय मेहता को आज संपत्यिों के मामले पर अपना जवाब देना था, लेकिन वे अचानक अवकाश लेकर चले गए, जिस पर भी पार्षदों ने विरोध जताया। आयुक्त के खिलाफ कुछ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात भी कही, लेकिन पक्ष-विपक्ष के कुछ पार्षदों ने ही इसका विरोध शुरु कर दिया और यह मामला गोलमोल हो गया। बाद में बेची गई कुछ संपत्तियों के मामले के राय शासन को भेजे जाने, कुछ प्रकरणों में रोक लगाने, कुछ में समिति गठित कर मामले का निरीक्षण करने और कुछ में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्युरों मे शिकायत करने का निर्णय पारित किया गया।
निगम सम्मेलन की शुरुआत सुबह 11 बजे राष्ट्रगीत के साथ हुई। इसके तत्काल बाद पक्ष के नेता पवन सोमानी और विपक्ष के नेता विमल छिपानी ने निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल की आसंदी पास जाकर निगम आयुक्त संजय मेहता के बिना सूचना दिए सम्मेलन में उपस्थित नहीं होने पर आपत्ती जताई गई। पक्ष के नेता पवन सोमानी से आयुक्त के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही, जिस पर कांग्रेस और भाजपा के ही कुछ पार्षदो ने आपत्ती जता दी। इसको लेकर हंगामा चलता रहा। इस दौरान अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने हंगामा करने और परिषद की अवहेलना करने पर एल्डरमेन गोपाल सोंलकी को सम्मेलन से बाहर कर दिया। इस हंगामे के बीच आयुक्त के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बात भी गोलमाल हो गई, जो बाद में भी नहीं उठी।
संपत्तियों को लेकर चलती रही बहस
सम्मेलन की शुरुआत में शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्थित निगम की सपंत्तियों को कोड़ियों के भावों में बेचने के मामले पर हंगामा शुरु हो गया। पक्ष के नेता पनव सोमानी का कहना था कि 28 अप्रैल के बजट सम्मेलन में यह मुद्दा उठा था, जिस समय आयुक्त संजय मेहता ने 2 अप्रैल के सम्मेलन में जवाब देने और पिछले डेढ वर्ष में हुई रजिस्ट्रीयों की जानकारी देने की बात भी हुई थी , लेकिन आयुक्त आज बिना सूचना दिए गायब है। पक्ष के नेता पवन सोमानी ने संपत्तियों को बेचे जाने के लेकर भी आयुक्त पर निशाना साधा और कहा कि यह कुछ समय और रुक गए तो पुरी निगम ही बेच देगें। संपत्तियों में भी कोमल नगर में स्थित निगम के आधिपत्य के प्लाट क्रमांक 28 के विक्रय को लकेर लंबी बहस चली। कई पार्षदों ने इस पर अपनी बात रखी। नेता प्रतिपक्ष विमल छिपानी ने कहा कि करोडों की संपत्ति लाखों में बेच दी गई है। संपत्तियों को बेचने में गड़बडी हुई है। पार्षदों का इस मामले में सुचना के अधिकार में भी जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्होने संपत्तियों की रजिस्ट्री को निरस्त कर आर्थिक ्पराध अन्वेषण ब्युरों मे मामला भेजे जाने की बात कही। पार्षद राजीव रावत ने भी नियमों के विपरीत जाकर संपत्तियों को बेजे जाने की बात कही। पार्षद मनोज दिक्षीत ने कोमल नगर के प्लाट को बेचे जाने के मामले के परिषद में लाने पर कहा कि जब बड़े टेंडर तक एमआईसी की स्वीकृति के कर दिए जाते है तो कोमल नगर के प्लाट का मामला परिषद में क्यों लाया गया। इस बात पर भाजपा पार्षदों और एमआईसी सदस्यों ने हंगामा भी किया। श्री दिक्षीत ने कहा कि कोमल नगर के प्लाट के क्रय के लिए आई निविदा में काफी काट छांट है और प्लाट का मुल्य 15.75 लाख से काटकर 10.75 लाख कर दिया गया है, वहीं टेंडर पर आवेदक के हस्ताक्षर भी नही है। श्री दिक्षीत ने प्लाट नियम विरुध्द जाकर बेचना बताया और कहा कि यह टेंडर शुरु से ही शंका के घेरे में है। इस पर कोमल नगर की पार्षद सिमा टांक ने जवाब देते हुए कहा कि कोमल नगर का प्लाट सबसे उंची किमत में बेचा गया है औ यदि इसे निरस्त किया गया तो इसकी ग्यारंटी कौन लेगा कि आगे यह उससे उंचे दाम पर बिक जाएगा। उन्होने प्लाट बेचे जाने को लेकर धारा 179 का उल्लेख भी किया। जिसके बाद कांग्रेस पार्षद अदिती दवेसर ने धारा 179 को लेकर की गई समिक्षा को गलत बताते हुए उसकी सही व्याख्या करना चाही, लेकिन पार्षद सिमा टांक ने उन्हे यह कहकर रोक दिया कि हम यहां आपसे पढ़ने नहीं आए है। परिषद समम्मेलन में संपत्ति के बेचे जाने को लेकर पार्षद भिड़ते रहे और आयुक्त के नहीं होने का मामला भी उठाते रहे। कुछ पार्षदों ने तो यह तक कहा कि आयुक्त पार्षदों को भिड़वाने के लिए ही सम्मेलन में नहीं आए है।
गुम फाइलों का मुद्दा भी उठा
निगम सम्मेलन में संपत्तियों के विक्रय से जुड़ी कुछ फाइलों के गुम होने का मुद्दा भी उठा। पक्ष के नेता पवन सोमानी ने कहा कि फाइलों के गुम होने के मामले में आयुक्त संजय मेहता ने अखबारों मे बयान दिया है कि उन्होने इसकी शिकायत पुलिस को की है। श्री सोमानी ने कहा कि जब उन्होने अधिकारियों से पुछा तो फाइल गुम होने के मामले में शिकायत करने की जानकारी किसी को नहीं है। इस मामले में जवाब देने के लिए जब निगण अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने प्रभारी आयुक्त सलीम खान को बुलाया को उन्होने भी कहा कि इस सबंध में उन्हे कोई जानकारी नहीं है और आयुक्त संजय मेहता ही इसका जवाब दे सकते है।
चार घंटे की बहस के बाद यह हुआ निर्णय
संपत्तियों के नियम विरुध्द विक्रय को लेकर चार घंटे तक चली बहस के बाद पार्षदों की राय के अनुसार निगम अध्यक्ष ने निर्णय लेते हुए कोमल नगर के प्लाट के विक्रय के सबंध में आयुक्त संजय मेहता को विधी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद अगल ेसम्मेलन में अपनी बात रखने के लिए कहा। निगम अध्यक्ष ने कहा कि आयुक्त ने 28 मार्च के सम्म्मेलन में अपना जवाब देने के लिए कहा था, लेकिन वे बिना सूचना के अनुपस्थित है, जो सदन की अवमानना है। आयुक्त को गुम फाइलों के सबंध में भी अपना स्पष्टिीकरण देने , इस पर क्या कार्रवाई हुई , नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई , इस सबंध में भी जानकारी मांगी गई। सिविक सेंटर की 10 हजार वर्गफीट भूमि बेचे जाने के मामले में निगम अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला उपभोक्ता कोर्ट में विचारीधान था , लेकिन आयुक्त ने इसकी जानकारी सदन को नहीं दी। रजिस्ट्री के पूर्व निगम का विशेष सम्मलेन बुलाकर अनुमती ली जा सकती थी, लेकिन इसमें भी सदन की अवमानना की गई। परिषद ने इस प्रकरण पर रोक लगाते हुए राय शासन से मागदर्शन लेने और मामला आर्थिक अपराद अन्वेषण ब्युरों को भेजे जाने का निर्णय लिया। अमृत सागर स्थित बहुमंजिला इमारत के दो फ्लैट बेचे जाने के मामले में परिषद में समिति गठित कर मामले के निरीक्षण कराने का निर्णय लिया। इसी तरह योजना क्रमांक 32 स्थित इंदिरानगर के तीन प्लाट निगमकर्मियों व उनके परिजन को बेचे जाने के मामले में निगम की स्वीकृती के बिना रजिस्ट्री कराने पर न्यायालय के माध्यम से रजिस्ट्री निरस्त कराने की कार्रवाई करने और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्युरों को मामला सौंपे जाने का निर्णय परिषद ने लिया।
चार बजे शुरु हुई बजट पर चर्चा
सुबह 11 बजे शुरु हुए सम्मेलन में भोजनावकास के बाद चार बजे बजट पर चर्चा शुरु हुई। निगण आयुक्त ने कुछ संसोधनों के साथ बजट को चर्चा के लिए रखा। जिसमें कालिका माता क्षेत्र सोन्दर्यीकरण की प्रस्तावित राशि 50 लाख से घटाकर 30 लाख करने, अमृत सागर लाताब में गंदे नाले के डायवर्शन के लिए प्रस्तावित राशि को 20 ला से बढाकर 50 लाख करने, महिला मेले की राशि को 5 लाख से बढाकर 10 लाख करने, अतिथि सत्कार का राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख करने , पार्षद निधी की राशि को 6 लाख से बढाकर 7 लाख करने, हुडको ंके ऋण की राशि को घटाकर 220 लाख से 210 लाख करने का संसोधन शामिल है। समाचार लिखे जाने तक बजट पर चर्चा जारी थी।