दोनो पार्टियां जुटी डैमेज कंट्रोल में,भाजपा को उम्मीद कि मान जाएंगे बागी,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता समझाएंगें नाराज नेताओं को
रतलाम,10 नवबंर (इ खबरटुडे)। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की स्थिति साफ होने के बाद अब दोनों ही पार्टियां डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। भाजपा का स्थानीय नेतृत्व रुठे हुए को मनाने में जुटा है और भाजपा को उम्मीद है कि नाराज नेता मान जाएंगेष वहीं कांग्रेस में नाराज नेताओं को समझाने का जिम्मा वरिष्ठ नेताओं को सौंपा गया है।
जिले की रतलाम सिटी और आलोट दो सीटों पर दोनों ही पार्टियों का कोई बागी मैदान में नहीं है। लेकिन रतलाम ग्रामीण और सैलाना विधानसभा सीट पर भाजपा के बागी प्रत्याशी मैदान में है। उधर जावरा सीट पर दोनो ही पार्टियों के बागी मैदान में उतरे हुए है। नाम वापसी की अंतिम तिथी १४ नवंबर है और यह समय समाप्त होने के पहले दोनो ही पार्टियों के सामने बागियों को समझाने बुझाने की चुनौती है।
सैलाना विधानसभा सीट पर टिकट काटे जाने से नाराज भाजपा की पहली विधायक संगीता चारेल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल किया है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्ष कानसिंह चौहान ने शुक्रवार को संगीता चारेल से मुलाकात की। भाजपा के नेताओं को उम्मीद है कि संगीता चारेल नाम वापस लेने को राजी हो जाएगी। इसी तरह रतलाम ग्रामीण पर भाजपा नेत्री पूनम सोलंकी ने भी निर्दलीय के रुप में फार्म भरा है। वैसे तो पूनम सोलंकी का क्षेत्र में कोई खास प्रभाव नहीं है। लेकिन फिर भी पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हे समझाने की कोशिशों में लगे है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्ष कानसिंह चौहान व अन्य वरिष्ठ नेता जल्दी ही उनसे मुलाकात कर उन्हे नाम वापस लेने के लिए राजी करेंगे।
जावरा सीट की स्थिति दोनो ही पार्टियों के लिए विकट साबित हो रही है। जावरा में भाजपा के दो बागी उम्मीदवार है,जबकि कांग्रेस के भी दो बागी प्रत्याशी मैदान में है। जावरा में दोनो ही पार्टियों के बागी उम्मीदवारी क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव रखते है। पिपलौदा नगर पालिका अध्यक्ष भाजपा नेता श्याम बिहारी पटेल की नामांकन रैली में अच्छी खासी भीड देखी गई थी। इसी तरह कांग्रेस के बागी प्रत्याशी डॉ.हमीर सिंह की नामांकन रैली में भी जबर्दस्त भीड देखी गई थी। नामांकन रैली में एकत्रित हुई भीड यह दर्शाने के लिए काफी है कि ये बागी अपनी पार्टियों का खेल बिगाडने में सक्षम है। भाजपा में श्यामबिहारी पटेल के अलावा एक और भाजपा नेता विश्वजीतसिंह ने भी निर्दलीय रुप से परचा दाखिल किया है। हांलाकि विश्वजीत सिंह का क्षेत्र में ज्यादा प्रभाव नहीं है,लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस में हमीरसिंह के अलावा किसान आन्दोलन से प्रदेश भर में चर्चा में आए डीपी धाकड ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल किया है। भाजपा सूत्रों की मानें तो भाजपा के बागी श्यामबिहारी पटेल के फार्म लेने की संभावना बेहद कम है। वे काफी समय पहले ही घोषणा कर चुके थे कि यदि पार्टी ने टिकट नहीं दिया,तो वे निर्दलीय चुनाव लडेंगे। पिपलौदा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि श्यामबिहारी ने काफी पहले से चुनाव की तैयारी भी शुरु कर दी थी। दूसरी ओर कांग्रेस के बागी हमीरसिंह को समझाने का जिम्मा वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिह को सौंपा जा रहा है। हांलाकि कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि हमीरसिंह भी नाम वापस लेने की मानसिकता में नहीं है। इसी तरह डीपी धाकड के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि डीपी धाकड भी चुनाव लडने के पूरे मूड में है।
बहरहाल,जिले की इन तीन सीटों में से जावरा ही ऐसी सीट है जहां चुनाव में बागियों की मौजूदगी रहेगी और इसी वजह से चुनाव की रोचकता बनी रहेगी। कौन सा बागी नतीजों पर कितना असर डालेगा,यह आने वाले दिनों में साफ होगा।