तैयारी: 12 साल तक की बच्चियों से रेप पर ‘सजा ए मौत’, आज कैबिनेट में अध्यादेश ला सकती है केंद्र सरकार
नई दिल्ली,21 अप्रैल(इ खबरटुडे)। बारह साल तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा देने के प्रावधान वाला अध्यादेश आज केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष आ सकता है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल की पृष्ठभूमि में सरकार ‘बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम’ (पॉक्सो) में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की योजना बना रही है।
प्रस्ताव के अनुसार 12 साल तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को भी मौत की सजा सुनाई जा सकती है। पॉक्सो कानून के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है। न्यूनतम सजा सात साल की जेल है। उन्नाव और कठुआ की घटनाओं पर अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि किसी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा और बेटियों को न्याय मिलेगा।
दिसंबर 2012 में हुए निर्भया मामले के बाद जब कानून में संशोधन किए गए तो बलात्कार के बाद महिला की मृत्यु हो जाने या उसके मृतप्राय होने के मामले में एक अध्यादेश के माध्यम से मौत की सजा का प्रावधान शामिल किया गया जो बाद में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम बन गया।
सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सूचित किया कि वह दंडनीय कानून में संशोधन कर 12 साल या उससे छोटी उम्र की बच्चियों के साथ यौन अपराध के दोषियों को मौत की सजा के प्रावधान को शामिल करने पर विचार कर रही है। विधि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘इस मुद्दे से निपटने के लिए आज की स्थिति में अध्यादेश सर्वश्रेष्ठ तरीका है। संशोधन विधेयक के लिए मानसून सत्र शुरू होने तक का इंतजार करना पड़ेगा।’
भगोड़े अपराधियों पर भी आ सकता है कानून
इसके साथ ही नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार अध्यादेश ला सकती है। गौतलब है कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 लोकसभा में पेंडिग है। ये बिल संसद के बजट सत्र में पेश किया गया था लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते इसे पारित नहीं किया जा सका था। केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक सुबह 11.30 बजे शुरु होगी।