घोषणा के बावजूद कैलाश यात्रियों को नहीं मिल रहा है अनुदान,सीएम हेल्प लाईन भी बनी दिखावा
रतलाम,1 जून(इ खबरटुडे)। चौदह सालों से सत्तासीन भाजपा सरकार अब शायद सिर्फ घोषणाओं के ही सहारे चल रही है। योजनाओं का क्रियान्वयन दूर दूर तक नजर नहीं आता। इतना ही नहीं सीएम हेल्पलाईन जैसी सुविधाएं भी सिर्फ दिखावा बन कर रह गई है। पिछले वर्ष कैलाश मानसरोवर की दुर्गम यात्रा पर गए यात्रियों को साल भर गुजरने के बावजूद राज्य शासन द्वारा घोषित अनुदान राशि अब तक नहीं मिली है। इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाईन में किए जाने के बावजूद मामला जस का तस है।
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने वाले यात्रियों को विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अनुदान राशि दी जाती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो कैलाश यात्रा पर जाने वाले उत्तर प्रदेश के नागरिकों को एक लाख रु.अनुदान देने की घोषणा कर दी है। मध्यप्रदेश की राज्य सरकार द्वारा कैलाश यात्रियों को यात्रा पूर्ण कर लेने पर मात्र तीस हजार रु.अनुदान दिए जाने के प्रावधान है। पिछले वर्ष की यात्रा पूर्ण होने को एक साल गुजर चुका है और इस वर्ष की यात्रा भी प्रारंभ हो चुकी है। लेकिन पिछले वर्ष की यात्रा पर जाकर आए मध्यप्रदेश के यात्री अब भी राज्य शासन की अनुदान राशि का इंतजार कर रहे है।
वर्ष 2016 की कैलाश मानसरोवर यात्रा की अंतिम बैच में रतलाम के पत्रकार तुषार कोठारी और सागर से अनिल राय व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुमन राय शामिल थे। यात्रा के सफलतापूर्वक समापन के बाद इन तीनों ही यात्रियों ने राज्य शासन के निर्धारित प्रारुप में सम्बन्धित कलेक्टरों को आवेदन प्रस्तुत कर दिए। राज्य शासन के नए नियमों के अनुसार कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुदान राशि देने का अधिकार जिला कलेक्टरों को दे दिया गया है। मानसरोवर यात्रियों द्वारा रतलाम व सागर कलेक्टरों को प्रस्तुत अनुदान राशि के आवेदनों को सम्बन्धित कलेक्टरों द्वारा मध्यप्रदेश धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के सचिव को स्वीकृती के लिए प्रेषित कर दिया गया। कलेक्टरों द्वारा स्वीकृती के लिए प्रेषित इन आवेदनों पर लम्बे समय तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और एक साल गुजर चुका है,लेकिन मानसरोवर यात्री अब भी अनुदान राशि की राह देख रहे है।
सीएम हेल्प लाईन भी महज दिखावा
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए प्रारंभ की गई सीएम हेल्प लाइन सेवा भी महज दिखावा बन कर रही है। रतलाम के कैलाश मानसरोवर यात्री तुषार कोठारी ने 28 मार्च को इस पूरे मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाईन में दर्ज करवाई। सीएम हेल्प लाईन में यह शिकायत कई दिनों तक विभिन्न स्तरों पर घूमती रही और 18 मई को शिकायतकर्ता तुषार कोठारी को बताया गया कि उनके आवेदन पर स्वीकृती एवं आवंटन चाहा गया है,और इस प्रकार शिकायत को निराकृत बता दिया गया। जब शिकायतकर्ता ने इस निराकरण से असंतुष्टि जताते हुए फिर से शिकायत की,तो फिर से विभिन्न स्तरों पर होती हुई यह शिकायत 1 जून को लेवल थ्री (एल थ्री) अधिकारी के पास भेज दी गई। सीएम हेल्पलाईन के पोर्टल पर जानकारी दी गई कि शिकायत का पुनर्मूल्यांकन कर पुन: निराकरण कर उच्च स्तर पर मान्य हेतु प्रेषित कर दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि शिकायतकर्ता को भले ही अनुदान राशि प्राप्त नहीं हुई है,सीएम हेल्पलाइन के मुताबिक शिकायत का निराकरण कर दिया गया है।
सीएम हेल्पलाइन द्वारा की जा रही कार्यवाही से स्पष्ट है कि शिकायत के वास्तविक निराकरण में अधिकारियों की कोई रुचि नहीं है। वे सिर्फ कागजों को इधर उधर दौडा कर शिकायत को निराकृत बताने की जुगाड में लगे रहते है।