गोवा मामले पर कांग्रेस को फटकार, SC ने कहा- संख्या है तो गवर्नर के सामने क्यों नहीं गए?
पणजी/नई दिल्ली, 14 मार्च(इ खबरटुडे)। गोवा में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नई सरकार के गठन को लेकर पणजी से दिल्ली तक सियासत गर्मा गई है. मनोहर पर्रिकर आज सीएम पद की शपथ लेंगे. दूसरी ओर कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी लेकिन अदालत ने कांग्रेस से ही कई सवाल पूछ डाले. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से पूछा है कि अगर आपके पास संख्या है तो संख्याबल के साथ गवर्नर के पास क्यों नहीं गए?
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप पहले गवर्नर के पास अपने संख्याबल के साथ जाते और फिर सुप्रीम कोर्ट आते को हमारे लिए फैसला लेना आसान होता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपके पास संख्या बल था तो पहले गवर्नर के पास जाना चाहिए था.
अदालत में कांग्रेस ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम गोवा में सरकार बना सकते हैं. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी है. राज्यपाल को इस मामले में सबसे बड़ी पार्टी से चर्चा करनी चाहिए थी.
कांग्रेस का क्या है तर्क?
कांग्रेस का आरोप है कि गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए. बीजेपी को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा.
पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता
वहीं, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता दिया है. उन्होंने रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. पर्रिकर ने 21 विधायकों का समर्थन होने का एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था. कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.
ये हो सकते हैं कैबिनेट में शामिल:
मनोहर पर्रिकर- सीएम
एस. धवलिकर- PWD मंत्री
विजय सरदेसाई- शहरी योजना
बाबू अजगांवकर- पंचायत
मौविन गुडिन्हो- स्वास्थ्य
पांडुरंग मडकाइकर- खेल और आदिवासी कल्याण
विनोद पल्येकर- कला एवं संस्कृति
रोहण खोंटे- ऊर्जा
गोविंद गवाडे- कृषि
माइकल लोबो- पर्यटन
प्रमोद सावंत- वन एवं पर्यावरण
सबसे बड़े दल को मिले मौका- कांग्रेस
पर्रिकर की ताजपोशी से पहले कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से आग्रह किया है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए. राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस विधायक दल ने दावा किया कि पार्टी के पास विधायकों का पर्याप्त समर्थन है और वह सदन के पटल पर बहुत साबित कर सकती है.
कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची
इस बीच कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर के आवास पर याचिका दायर की गई और न्यायमूर्ति खेहर ने मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई. इस सिलसिले में विशेष पीठ का गठन किया गया है क्योंकि शीर्ष अदालत होली पर एक सप्ताह के अवकाश पर है. गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए.
15 दिन में बहुमत साबित करना होगा
कांग्रेस की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब पर्रिकर के नेतृत्व में भजापा ने गोवा में अगली सरकार बनाने के लिए औपचारिक रूप से दावा पेश कर दिया. भाजपा की ओर से दावा पेश करने के बाद राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया और उनसे शपथ लेने के 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने को कहा.
जेटली बोले- सबसे बड़े गठबंधन को न्योता संवैधानिक
गोवा और मणिपुर में भाजपा के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि खंडित जनादेश की स्थिति में बहुमत वाले गठबंधन के नेता को न्योता देने में राज्यपाल संवैधानिक रूप से सही हैं. जेटली ने ट्वीट किया, ‘खंडित जनादेश वाले विधानसभा में यदि विधायकों का बहुमत एक गठबंधन बनाता है तो सरकार गठन के लिए राज्यपाल द्वारा बहुमत वाले गठबंधन को न्योता देना और उसका एक संक्षिप्त अवधि में बहुमत साबित करना संवैधानिक रूप से सही होगा.’ मणिपुर में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा को 21 सीटें मिली हैं.