December 25, 2024

गोली चलाने और धमकाने के मामलों का पर्दाफाश

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रुपए वसुलने के लिए की वारदात, तीन आरोपी गिरफ़्तार 
रतलाम,17 मार्च (इ खबरटुडे)।शहर में पिछले कुछ समय में हुए गोली चलाने और धमकाने के मामलों का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने तीन आरोपियो को गिरफ़्तार किया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने रुपयों की वसुली के लिए वारदात की। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त देशी पिस्टल और दुपहिया वाहन भी बरामद कर लिया है।

 गुरुवार को पुलिस अधीक्षक अविनाश शर्मा, एएसपी प्रशांत चौबे ने पुलिस कंट्रोल रुम पर पत्रकारवार्ता आयोजित कर इन मामलों का खुलासा किया। एसपी शर्मा ने बताया कि शहर में पिछले कुछ समय में अज्ञात लोगों द्वारा धमकाने, फोन एवं एसएमएस के जरिए धमकी देकर रुपए वसुली करने का प्रयास तथा गोली चलाकर भय का माहौल उत्पन्न करने की वारदाते की गई थी। यह वारदाते पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी। एसपी अविनाश शर्मा ने इन वारदातों के खुलासे के लिए एएसपी प्रशांत चौबे, सीएसपी पी.एस.राणावत के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। टीम के द्वारा इन वारतादों को सुलझाने के लिए सूचना संकलन से लगाकर तकनिकी का इस्तेमाल किया और वारदातों का पर्दाफाश किया।
तीन आरोपी गिरफ़्तार 
एसपी अविनाश शर्मा ने बताया कि धमकाने और फायर करने के मामलों में तीन आरोपियों को गिर तार किया गया है, जिनमें अक्षय सेन निवासी धीरज शाह नगर, योगेश चौहान निवासी दिनदयाल नगर और अश्विन पाल निवासी पीएण्डटी कालोनी को गिर तार किया गया है। आरोपी अक्षय से पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त एक देशी पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए है, वहीं योगेश से मोटर साइकल बरामद की गई है। पुलिस के अनुसार एक अन्य आरोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
अपने ही घर पर कराया फायर
एसपी अविनाश शर्मा ने बताया कि एक मामले में आरोपियों ने अपने ही घर पर फायर कराया था। पुलिस के अनुसार 29 सित बर 2015 को मारपीट के एक मामले में धीरज शाह नगर निवासी अक्षय सेन के खिलाफ धारा 324 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था, इसके बाद  3 नव बर 2015 को अक्षय के  घर पर फायर की घटना हुई थी। जांच में सामने आया कि अक्षय ने मारपीट के मामले के फरियादी पर झुठा प्रकरण दर्ज कराने की मंशा से योगेश और अश्विन की मदद से  अपने ही घर पर फायर कराया था।
फर्जी आईडी से जारी कराई सीम
एसपी अविनाश शर्मा ने बताया कि इन मामलों के पर्दाफाश में जो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है वह यह है कि आरोपियों ने जिन सिमों का उपयोग कर धमकाने के लिए फोन किए थे, वह सभी सिमे फर्जी आईडी से जारी कराई गई थी। सात से आठ सिमे आरोपियों ने फर्जी आईडी से जारी कराई। सिम का एक बार उपयोग करने के बाद आरोपी उसे तोड़कर फेंक देते थे। अब पुलिस सिम कैसे जारी हुई और इसमे किसी और की क्या भूमिका है, इसकी भी जांच कर रही है।
फरियादियों को दी थी पुलिस सुरक्षा
एसपी शर्मा ने बताया कि आरोपियों ने जिन लोगों को धमकाया था या जिनके घर पर फायर किए थे, उन्हे पुलिस सुरक्षा दी गई थी। उनके घर के आसपास भी सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी तैनात रहते थे, वहीं महिला रेलकर्मी को कार्यालय छोडऩे और लेने भी पुलिस वाहन जाता था।
टीम को दस हजार का इनाम
एसपी अविनाश शर्मा ने  मामलों का पर्दाफाश करने वाली टीम को दस हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है। मामलों के पर्दाफाश में ओद्योगीक क्षैत्र थाना प्रभारी राजेशसिंह चौहान, एएसआई अनिल आचार्य, प्रधान आरक्षक प्रदीप, आरक्षक राहुल जाट, योगेन्द्रसिंह जादौन, हिमांशु यादव, जितेन्द्र और सायबर सेल के आरक्षक मनमोहन एवं रितेश की प्रमुख भूमिका रही।
इन मामलों का पर्दाफाश- 
रेलवे कर्मचारी अनीस शेख के रेलवे क्वाटर पर आरोपियों ने  घर के बाहर फायर किया था और एक पर्ची छोड़कर रुपए की मांग की थी। 28 जुलाई
2015 की रात को फिर आरोपियों ने अनीस के रेलवे क्वाटर के बंद दरवाजे पर गोली चलाई थी। इसके बाद अनीस  रेलवे क्वाटर छोड़कर अपने निजी मकान में चले गए।
18 दिस बर 2015 को आरोपियों ने रुपए की मांग को लेकर मोबाइल पर फोन कर धमकी  दी थी।
11 फरवरी 2014 को आरोपियों ने रेलवे कर्मचारी रघुवीरसिंह के रेलवे क्वाटर पर फायर किया था।
 1 नव बर 2015 को आरोपियों ने रेलवे कर्मचारी माया पुरोहित को मोबाइल फोन पर धमकी देते हुए दो लाख रुपए मांगे गए थे, वहीं 3 नव बर
2015 को रुपए नहीं देने पर घर पर फायर किए गए।
3 नव बर 2015 को धीरज शाह नगर निवासी अक्षय सेन के घर पर फायर की घटना हुई थी।

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