गंगा शुद्धीकरण के लिए छह शहरों में बनेंगे आइओटी स्टेशन
वाराणसी,23अक्टूबर(इ खबर टुडे)। गंगा को अविरल रखने के लिए आइइटी (इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी) यूके की ओर से वस्तुस्थिति का डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए हरिद्वार से पश्चिम बंगाल तक छह आइओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ताकि हर जगह से डाटा को एकत्र किया जा सके, जिसके आधार पर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की डिजाइन तैयार की जाएगी।
इस काम के लिए आइआइटी, बीएचयू स्थित बायो केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. पीके श्रीवास्तव को गंगा वर्किंग ग्रुप का चेयरपर्सन बनाया गया है। यूके के इंजीनियरों की संस्था आइइटी गंगा निर्मलीकरण के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा सहित कई सामाजिक मुद्दों पर कार्य करती है। भारत में इसका मुख्य कार्यालय बेंगलुरु में है।
संस्था की ओर से हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना व माल्दा में आइओटी स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें आधुनिक तकनीक व साफ्टवेयर से गंगा से सैंपल लेकर डाटा तैयार किया जाएगा। ग्रुप के चेयरपर्सन प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि वैसे तो अप्रैल से प्रारंभिक डाटा लिया जा रहा है लेकिन, वस्तुस्थिति का अवलोकन आगे चलकर किया जाएगा। रियल डाटा के आधार पर ही सरकार को आगे की प्लानिंग के लिए सुझाव दिए जाएंगे। पूरी रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरकार को इसको लेकर श्वेतपत्र भी दिया जाएगा। साथ ही नमामि गंगे क्लीन मिशन को इसकी रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी।
प्रो. श्रीवास्तव बताते हैं कि गंगा के किनारे जरूरत के अनुसार ही एसटीपी की डिजाइन उचित है। सभी क्षेत्रों व शहरों को एक पैमाने पर मापना उचित नहीं है। हर शहर की अपनी समस्या है। ऐसे में उसी के आधार पर एसटीपी बनाकर गंगा को गंदा होने से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा।