खुले में शौच से मुक्ति के लिये युद्ध स्तर पर करेगें कार्य – कलेक्टर
जिले से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक सभी की रहेगी हिस्सेदारी व जिम्मेदारी
रतलाम 10 जुलाई (इ खबरटुडे)। कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने रतलाम जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिये युद्ध स्तर पर कार्य करने का निर्णय लेते हुए उन्होने अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। उन्होने जिला स्तर से स्वयं मॉनीटंरिग कर जिम्मा समालते हुए ग्राम पंचायत स्तर तक के अमले को जिम्मेदारियॉ सौप दी।स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक अवधसिंह आहिरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि विकासखण्डों में कार्यशाला सह प्रशिक्षण आयोजित किये जाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। कार्य योजना को मूर्त रूप देने के लिये प्रत्येक एसडीएम को कार्यक्रम अधिकारी बनाने के साथ ही अधिनस्थ अधिकारियों को जिम्मेदारियॉ सौपते हुए ग्राम पंचायत स्तर तक पंचायत सचिवों को ग्राम पंचायत स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया गया है।
जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिये विकासखण्ड स्तर पर कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन आज से जावरा ब्लॉक से शुरू कर दिया गया है। प्रशिक्षण सह कार्यशालाओं को विभिन्न दिवसों में आयोजन किया जायेगा। सर्वप्रथम सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक और पटवारी पश्चात जनपद स्तरीय जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, स्वयं सेवी संगठनों, धर्म गुरूओं, निजी कम्पनियों के अधिकारियों की कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।
जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिये सभी अनुविभागीय अधिकारियों को कार्यक्रम अधिकारी, संबंधित जनपद पंचायतांे के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, विकास खण्ड समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन को सहायक कार्यक्रम अधिकारी, एपीओ मनरेगा को नोडल अधिकारी, सहायक यंत्रियों को क्वालिटी कन्ट्रोल अधिकारी, उपयंत्रियों को सहायक क्वालिटी कन्ट्रोल अधिकारी, विकासखण्ड स्तरीय, अन्य अधिकारियों को नोडल अधिकारी और ग्राम पंचायत के सचिवों को ग्राम पंचायत स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोमेश मिश्रा ने बताया हैं कि जिले को शौच से मुक्त बनाने के लिये प्रत्येक ग्राम के लिये एक-एक स्वेच्छाग्राही का चयन किया जायेगा और उन्हें प्रशिक्षण दिया जायेगा। वे मॉटीवेटर के रूप में कार्य करेगें और आमजन को स्वच्छता के संबंध में किये जा रहे उपायो और उनकी आवश्यकताओं के संबंध में निरंतर अवगत करायेगें। साथ ही गॉव में स्वच्छता के लिये किये जाने वाले कार्यो की निरंतर मॉनीटरिंग करते हुए वरिष्ठ स्तर पर आवश्यक जानकारियॉ भी देगें। प्रत्येक परिवार में शौचालय निर्माण का कार्य सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक ग्राम से दो राजमिस्त्रीयों का चयन किया जाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा। सामग्री की कमी न हो इसके लिये उसकी आवश्यकता का आकलन किया जाकर पर्याप्त प्रबंध किये जा रहे है। वेण्डरों की नियुक्ति की जाकर उनके साथ बैठकों का भी आयोजन किया जायेगा ताकि कई पर भी सामग्री की कमी न होनी पाये।