मध्य प्रदेश

किसानों को आपदा से बचाने की दीर्घकालीन रणनीति पर विचार करेंगे कृषि विशेषज्ञ

31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री करेंगे शुभारंभ

भोपाल 23 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।किसानों को प्राकृतिक आपदा से निपटने में सक्षम और समर्थ बनाने के लिये एक दिन का ‘कृषि मंथन” 31 अक्टूबर को होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान इसका शुभारंभ करेंगे और दिनभर मंथन में उपस्थित रहेंगे।

‘कृषि मंथन” में खेती-किसानी की दीर्घकालीन रणनीति बनाने पर विचार होगा।

विकास की दर बढ़ाने के साथ किसानों की आय कैसे बढ़े और उन पर प्राकृतिक आपदाओं का असर कम से कम हो, इस पर गहन विचार-विमर्श कृषि विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा। इसमें देशभर के प्रमुख कृषि विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। कृषक प्रतिनिधि भी इस मंथन में शामिल होंगे। एक-दिवसीय कृषि मंथन प्रशासन अकादमी में होगा।

‘कृषि मंथन” में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की 10 वर्ष में प्रगति और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों पर अपने विचार रखेंगे। प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा प्रदेश में कृषि की स्थिति तथा कृषि क्षेत्र के नये आयाम पर प्रकाश डालेंगे। सीजीआईएआर नई दिल्ली के पी.के. अग्रवाल क्लाईमेट स्मॉर्ट एग्रीकल्चर पर, नेशनल आईल सीड रिसर्च हैदराबाद के संचालक डॉ. वारादास ‘सोयाबीन उत्पादन में वृद्धि और भावी विकल्प” विषय पर, आईआईएसएस भोपाल के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. ए.के. विश्वास ‘स्वाईल हेल्थ और इन्टीग्रेटेड न्यूट्रियन्ट मैनेजमेंट”, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. डी.के. राव ‘इन्क्रीजिंग प्रोडक्टिविटी इन पल्सेज”, आईसीएआर नई दिल्ली के डॉ. गुरुवचन सिंह ‘हार्टिकल्चर, एग्रोफारेस्ट्री” और ‘आल्टरनेटिव फार्मिंग सिस्टम” तथा डॉ. आर.टी. पाटिल पूर्व संचालक सीआईपीएमटी लुधियाना और सीआईएई भोपाल के डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह ‘इम्प्रूविंग फार्म पॉवर, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट” और ‘फूड प्रोसेसिंग” पर अपने विचार रखेंगे।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में सोयाबीन की फसल को प्राकृतिक कारणों से पहुँचे नुकसान की भरपाई करने और किसानों को संकट से उबारने के लिये राज्य शासन निरंतर ठोस कदम उठा रहा है। मुख्यमंत्री निरंतर इस बात पर बल देते रहे हैं कि कृषि क्षेत्र में अब ऐसी योजनाएँ बनाने की जरूरत है, जिससे किसान आपदाओं के बाद भी संकटग्रस्त न हो, इसमें संकट से निपटने और उससे सुरक्षित रहने की समर्थता हो। इसी विचार के चलते कृषि मंथन किया जा रहा है।

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