November 15, 2024

कश्मीर कैंपेन के लिए पाक के ग्रुप ने इस्तेमाल की मोदी, शाहरुख की तस्वीर

नई दिल्‍ली,26 जुलाई(इ खबरटुडे)।हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के 8 जुलाई को हुए एनकाउंटर के बाद से कश्मीर उबल रहा है। उसकी मौत के बाद से घाटी में जो हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, उसमें 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों अन्‍य घायल हो चुके हैं।

पाकिस्‍तान’ ने कश्‍मीर मसले पर लोगों का ध्‍यान आकर्षित करने के लिए एक ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया
कश्‍मीर के रहने वालों ने आरोप लगाया है कि भारतीय सशस्‍त्र बलों ने सड़कों पर प्रदर्शन के दौरान उन पर अत्‍याचार किए। वहां इस्‍तेमाल होने वाली पैलेट गन का उपयोग भी जांच के दायरे में है।इस बीच पाकिस्‍तान के एक संगठन ‘नेवर फॉर्गेट पाकिस्‍तान’ ने कश्‍मीर मसले पर लोगों का ध्‍यान आकर्षित करने के लिए एक ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया है।

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ग्रुप के फेसबुक पोस्‍ट में भारतीय राजनेताओं और सेलेब्रिटीज सहित कई लोगों की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया है, जिसमें उनके चेहरों पर चोट के निशान दिख रहे हैं।

इन तस्‍वीरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जकरबर्ग, क्रिकेटर विराट कोहली, अभिनेता अमिताभ बच्‍चन, शाहरुख खान और ऐश्‍वर्या राय को दिखाया गया है। नेवर फॉर्गेट पाकिस्‍तान शीर्षक के इस एल्‍बम में लिखा है कि क्‍या फर्क पड़ता है यदि आप पी‍ड़‍ितों को जानते हैं? इसके साथ ही इसमें जैसे कीवर्ड का इस्‍तेमाल भी किया गया है।

 

 

पाकिस्‍तानी नेता कश्‍मीर में जारी‍ हिंसा के दौरान भारत की आलोचना कर चुके हैं

ग्रुप का दावा है कि यह अभियान अंध राष्‍ट्रभक्‍ित के बारे में नहीं है। इसका मकसद सहानुभूति पैदा करना है। पाकिस्‍तानी नेता कश्‍मीर में जारी‍ हिंसा के दौरान भारत की आलोचना कर चुके हैं। इसके साथ ही कश्‍मीर में हुई मौतों के विरोध में पाकिस्‍तान में 20 जुलाई को ‘काला दिवस’ मनाया गया था।

भारत ने पाक के इस कदम पर नाखुशी जाहिर करते हुए इस्‍लामाबाद को नई दिल्‍ली के आंतरिक मामलों में दखल देने और आतंकवाद का समर्थन करने का दोषी ठहराया।

सभी पत्रों के नीचे असल पी‍ड़‍ितों के हस्‍ताक्षर

ग्रुप ने सभी पत्रों के नीचे असल पी‍ड़‍ितों के हस्‍ताक्षर किए हैं। उन फेसबुक लेखों में लिखी गई कहानियां असली हैं, लेकिन पीड़ि‍तों की तस्‍वीर वास्‍तविक नहीं है। इसके साथ ही ग्रुप ने लिखा कि क्‍या आप जिससे हमदर्दी जताना चाहते हैं या सहानुभूति देना चाहते हैं, उसके लिए इस बात की परवाह करते हैं कि पीड़‍ित का प्रोफाइल क्‍या है।

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