November 25, 2024

कचरे को बनाया कमाई का जरिया, ऐसे कचरामुक्त हुआ अंबिकापुर

अंबिकापुर,20 अगस्त (इ खबर टुडे)। गुरुवार का दिन अंबिकापुर शहर के लिए एक बार फिर खास दिन बनने जा रहा है। स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर के बाद देश के दूसरे स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीत चुके नगर निगम अंबिकापुर के लिए इस बार भी बड़ी कामयाबी हाथ लगने की उम्मीद है।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के स्वच्छ शहरों की की घोषणा करेंगे,तत्पश्चात केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी स्वच्छ शहरों को मिलने वाले अवार्ड की जानकारी देंगे। दो दिन से अंबिकापुर के कलेक्टोरेट में स्थित एनआईसी में इसका डेमो चल रहा है।

दिल्ली से शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। आज 11 बजे स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम की घोषणा ऑनलाइन होने जा रही है। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में मेयर डॉ अजय तिर्की और कमिश्नर हरेश मंडावी के साथ पांच अधिकारी प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेंस में शामिल होने जा रहे हैं।

इस बार भी अंबिकापुर को स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ा सम्मान मिलने की उम्मीद है। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ शहरों की घोषणा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। अब तक केंद्रीय शहरी विकास मंत्री स्वच्छ सर्वेक्षण की घोषणा करते आ रहे है।

ज्ञात हो छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर वर्ष 2015 से स्वच्छता के क्षेत्र में चर्चा में आया है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और सूखे और गीले कचरे को साढ़े चार सौ से अधिक महिलाओं के लिए आय का जरिया बनाने वाला यह शहर देश के अन्य शहरों के लिए मॉडल बन गया है।

देश के 16 शहरों में लागू है अंबिकापुर मॉडल
अंबिकापुर के मॉडल कचरा प्रबंधन को देश के 16 शहरों और पड़ोसी देश नेपाल के प्रतिनिधि यहां आकर अध्ययन कर अपने यहां इस मॉडल को लागू कर चुके हैं। अंबिकापुर मॉडल छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नगरीय निकायों में लागू है।

ऐसा है अम्बिकापुर मॉडल
अम्बिकापुर शहर में महिलाओं का एक समूह गठित कर इस मॉडल की शुरूआत की गई थी। स्वच्छता दीदियो के नाम से पहचानी जाने वाली यह महिलाएं घर-घर जाकर कचरा संग्रह करती हैं। इस कचरे को संग्रहण केंद्र लाया जाता है, जहां हर तरह के कचरे को अलग कर उन्हें रिसायकल के लिए भेज जाता है। बचा कचरा जैविक खाद बनाने के काम आता है। इस तरह समूह बढ़ता गया, आत्मनिर्भता बढ़ती गई और शहर में सफाई की व्यवस्था बनी। इनके प्रयासों से यहां बाहर कचरा फेंकने का चलन पूरी तरह खत्म हो चुका है।

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