December 25, 2024

कई साझा उपलब्धियों की शुरुआत है भारतीय PM की इस्राइल यात्रा : संयुक्त संपादकीय में नेतन्याहू और पीएम मोदी

modi netnyahu

नई दिल्ली,04 जुलाई(इ खबरटुडे)। इस्राइल की अपनी ऐतिहासिक यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर लिखे एक ब्लॉग में दोनों देशों के बीच गहरे जुड़ाव तथा ‘स्वाभाविक साझीदारी’ के साथ-साथ भारत तथा इस्राइल के एक दूसरे का पूरक होने की योग्यता को याद किया है.

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने लिखा है, “हम दोनों के देश जटिल हैं… जिस तरह यौगिक आसनों में ज़मीन की ओर जाना तथा ऊपर उठना एक साथ होता है, इसी तरह दोनों देशों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है… एक साथ काम कर हम इनमें से कुछ चुनौतियों से पार पा सकते हैं…”

प्रधानमंत्री-द्वय ने लिखा, “हमें पूरा विश्वास है कि आज से 25 साल बाद भारतीय और इस्राइली इस यात्रा को उन बहुत-से ऐतिहासिक मील के पत्थरों में से पहले पत्थर के रूप में याद करेंगे, जिन्हें हमारे लोगों के बीच गहरी मित्रता के बूते हम मिलकर हासिल करेंगे…”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह इस्राइल के लिए रवाना हुए हैं, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इस्राइल यात्रा है. इस तीन-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, जल प्रबंधन, विज्ञान एवं तकनीक, शिक्षा, कृषि व अन्य कई मुद्दों पर गहन चर्चा होगी.

संयुक्त संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने उन क्षमताओं, विशेषकर तकनीक के क्षेत्र में, पर ज़ोर दिया है, जो उनके शब्दों में ‘एक दूसरे की पूरक बन सकने वाली क्षमताओं का अद्भुत सम्मिश्रण’ हैं, और जिनके बूते भारत और इस्राइल के बीच मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं.

दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने पर भी ज़ोर दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों तथा समूचे विश्व में शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो गया है.

भारत परंपरागत रूप से इस्राइल के साथ अपने संबंधों में सतर्कता बरतता रहा है, और उसकी एक वजह कथित रूप से अरब देशों की नाराज़गी के प्रति सतर्क रहना है, क्योंकि अपने तेल के भारी आयात के लिए वह इन्हीं अरब देशों पर निर्भर करता है, और इसके अलावा भारत में मुस्लिमों की भी काफी बड़ी आबादी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं.

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