April 30, 2024

एक फरवरी से साधिकार शतप्रतिशत चुनौती कक्ष में सम्पर्क कर लाभ लेें – कलेक्टर

लाभ नहीं मिला तो बताये और लाभ के साथ क्लेम की राशि प्राप्त करंे

रतलाम 30 जनवरी(इ खबर टुडे)।जिला प्रषासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्रता रखने वाले सभी हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिये सतत् अभियान चलाया जा रहा है। 31 दिसम्बर 2016 की स्थिति में पात्रता रखने वाले प्रत्येक हितग्राही को लाभ दिया जाना हैं।

31 जनवरी तक भी पात्रताधारी हितग्राही यदि लाभान्वित नहीं होता हैं तो वह पात्र हितग्राही स्वयं या अन्य कोई व्यक्ति जो ऐसे सम्भावित पात्र हितग्राही के संबंध में चुनौती (क्लेम) प्रस्तुत कर सकता है। चुनौती करने हेतु इसके लिये स्थापित किये गये ‘‘साधिकार -षतप्रतिषत -चुनौती कक्ष’’ में आकर मौखिक रूप से या लिखित में चुनौती प्रस्तुत कर सकते है। यदि मौखिक चुनौती दी जाती हैं तो साधिकार कक्ष में ही उपलब्ध फार्म सहायकों की मदद से भरा जावेगा। जिला मुख्यालय स्तर पर कलेक्टर कार्यालय में स्थापित कक्ष में जिले का कोई भी व्यक्ति चुनौती प्रस्तुत कर सकता है।

‘‘एक वर्ष से कम आयु के बच्चों का जान लेवा बीमारियों से बचाव हेतु अनिवार्य टीकाकरण’’ को छोड़कर अन्य समस्त योजना में पात्रता रखने वाले सभी हितग्राहियों को साधिकार शतप्रतिषत चुनौती अभियान के अंतर्गत लाभ दिये जाने का लक्ष्य एवं चुनौती जिला प्रषासन द्वारा रखी गई है। उपरोक्त समस्त योजनाओं में किसी भी पात्र हितग्राही को लाभ नहीं मिलने संबंधी चुनौती देने पर उसे सिद्ध करने का दायित्व चुनौती देने वाले व्यक्ति का होगा। टीकाकरण के प्रकरण में चुनौती को निराधार या गलत साबित करने का भार संबंधित दायित्वाधीन शासकीय सेवक का होगा। इस चुनौती हेतु चुनौतीकर्ता से किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत करने की या पूर्व मंे आवेदन पत्र दिये जाने की अपेेक्षा नहीं है। चुनौतीकर्ता को मात्र चुनौती आवेदन पत्र भरकर यह लिखना होगा बच्चा एक वर्ष से कम आयु का हैं एवं उसके कौन-सा टीका नहीं लगा है। इस प्रकार की चुनौती में संबंधित दायित्वाधीन शासकीय सेवक को एमसीपी कार्ड, टीकारण पंजी आदि रिकार्ड के आधार पर सिद्ध करना होगा कि चुनौतीकर्ता बच्चे को समय पर टीका लगाया गया था या टीका नहीं लगने की स्थिति में कारण दर्षाना होगा जो उसके नियंत्रण से बाहर का हो।
आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का दायित्व चुनौतीकर्ता का
चुनौती प्रस्तुत करते समय या परिस्थिति एवं आवष्यकतानुसार उसके पष्चात आवष्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का दायित्व चुनौती करने वाले व्यक्ति का होगा। चुनौती को सिद्ध करने के लिये सामान्यतः दस्तावेजों/बिन्दुओं की पूर्ति करना आवष्यक होगा। संबंधित योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु पात्रता की कट आॅफ तिथि के पूर्व संबंधित दायित्वाधीन अधिकारी को आवेदन दिये जाने का प्रमाण जो आवेदन की अभिस्वीकृति के रूप में या आवेदन की प्रति पर प्राप्ति दर्षाए जाने के रूप में होगा। यदि पात्र हितग्राही मौखिक रूप से भी दावा करता हैं कि उसने आवेदन प्रस्तुत किया हैं तो भी वह चुनौती कर सकेगा। उसके मौखिक दावे की जाॅच के बाद यह निर्धारित किया जावेगा कि उसका दावा सही हैं या नहीं।

पूर्व में प्रस्तुत शिकायत पत्र भी आवेदन के रूप में मान्य किये जा सकेगें
ऐसे हितग्राहियों जिन्होने अपना आवेदन पत्र सीएम हेल्पलाईन, जुनसुवनाई, पीजी सेल, कलेक्टर कार्यालय, एसडीएम कार्यालय अन्य संबंधित विभागीय कार्यालय में प्रस्तुत किया तो उसे भी चुनौती हेतु पर्याप्त आवेदन माना जावेगा। संबंधित योजनाओं के अंतर्गत आवष्यक पात्रता से संबंधित दस्तावेजों की प्रति (जैसे गरीबी रेखा के नीचे होने का कार्ड, आयु का प्रमाण, किसी योजना का पंजीयन कार्ड आदि) होना चाहिए। चुनौती प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति स्वयं ही सम्भावित हितग्राही हैं तो उसका आधार कार्ड होना चाहिए।

सूचना दाता के पास निर्धारित पहचान पत्र होना आवष्यक
यदि चुनौती प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति स्वयं सम्भावित पात्र हितग्राही नहीं हैं तो ऐसे पात्र व्यक्ति के समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करने होने एवं उसका स्वयं का फोटो पहचान पत्र (वोटर आई.डी., पेन कार्ड, आधार कार्ड आदि) भी प्रस्तुत करना होगा।

चुनौती कक्ष में साफ्टवेयर द्वारा सभी जानकारियाॅ संधारित की जायेगी
‘‘साधिकार-षतप्रतिषत-चुनौती कक्ष’’ जिला कलेक्टर कार्यालय में एवं जिला मुख्यालय से बाहर के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कार्यालयों में स्थापित किया गया हैं। चुनौती देने वाला व्यक्ति उनके क्षेत्र के संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कार्यालय में स्थापित ‘‘साधिकार -षतप्रतिषत-चुनौती कक्ष’’ में ही चुनौती प्रस्तुत कर सकेगे, अन्य क्षेत्र में नहीं।‘‘साधिकार -षतप्रतिषत-चुनौती कक्ष’’ कार्यक्रम हेतु एक सरल साफ्टवेयर तैयार किया गया हैं जिसमें सभी प्राप्त चुनौतियों की प्रविष्टि की जावेगी एवं उसकी के माध्यम से आगामी समीक्षा की जावेगी। चुनौती (क्लेम) प्रस्तुत करने पर सर्व प्रथम उसकी एक नस्ती कक्ष में तैयार की जावेगी जिसमें व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज उसके आवेदन सहित रखे जायेगे।

चुनौती देकर क्लेम प्राप्त करने की प्रक्रिया निम्नानुसार रहेगी
आवेदन प्राप्त होने पर कक्ष में उपस्थित सहायक उस व्यक्ति को निर्धारित प्रारूप में अभिस्वीकृति हस्ताक्षर देगा। तत्पष्चात नस्ती प्रभारी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जावेगी। प्रभारी अधिकारी आवेदन पर जवाब प्रस्तुत करेगे। ऐसा जवाब या आवष्यक होने पर अन्य परीक्षण/जाॅच कर प्रभारी अधिकारी निर्णय लेगे कि क्या चुनौती सिद्ध हुई हैं या नहीं। यदि चुनौती सिद्ध पाई जाती हैं तो संबंधित शासकीय सेवक/अधिकारी को भी चिन्हित करेगें जो इसके लिये उत्तरदायी हैं एवं जिनमें चुनौती राशि चुनौती देने वाले व्यक्ति को दी जानी है। इस आषय का स्पष्ट आदेष प्रभारी अधिकारी निर्धारित प्रारूप में जारी करेगे। आदेष की प्रति तत्काल उस विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी को तामील कराई जावेगी। चुनौती प्राप्त होने के साथ कार्य दिवसों के भीतर प्रभारी अधिकारी द्वारा आदेष पारित करना अनिवार्य होगा। साथ ही यदि चुनौती सिद्ध होती हैं तो एक सप्ताह के भीतर ही पात्र व्यक्ति को आवष्यक लाभ/स्वीकृत दी जावेगी। यह सुनिष्चित करने का दायित्व संबंधित विभाग के जिला स्तरीय प्रमुख अधिकारी का होगा। चुनौती सिद्ध होने का आदेष प्राप्त होने पर संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी तीन कार्य दिवसों के भीतर संबंधित व्यक्ति को रूपये पाॅच सौ का ‘‘लाभ लंबित मुआवजा राषि’’ चिन्हित दायित्वाधीन शासकीय सेवक से नगद में या इलेक्ट्रानिक ट्रांसफर के माध्यम से प्रदाय करना सुनिष्चित करेगे। ‘‘लाभ लंबित मुआवजा राषि’’ के भुगतान एवं संबंधित व्यक्ति को लाभ/स्वीकृति दिये जाने का पालन प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप मे प्रभारी अधिकारी को आदेष पारित होने के एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करेगे।। अनुविभागीय स्तर की चुनौती कक्ष हेतु प्रभारी अधिकारी संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रहेगे।

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