उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर का कलेक्टर, निगमायुक्त, संयुक्त संचालक टी एण्ड सी को आदेश
शांति पैलेस के अवैध भाग को 4 सप्ताह में हटाए
आदेश के क्रम में कार्यवाही के उपरान्त अधिकारियों से शपथपत्र भी मांगा
उज्जैन,7 अप्रैल (इ खबरटुडे)। होटल शांति पैलेस का नवीन अवैध भाग उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के आदेश पर हटाया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को न्यायालय ने आदेश दिए है। चार सप्ताह में अवैध भाग को हटाकर अधिकारियों को शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना है।
होटल शांति पैलेस के विस्तारीकरण के क्रम में होटल मालिक और प्रोप्रायटर शांति पैलेस होटल एण्ड रिसोर्स प्रायवेट लिमिटेड संचालक चंद्रशेखर पिता बाबूलाल श्रीवास ने गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन क्रय करते हुए इस पर होटल का विस्तार किया है। इस पूरे भाग को न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर चुनौती दी गई थी। विस्तारीकृत भाग को लेकर उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में संजय गंगराड़े ने 20 अगस्त 2013 को याचिका प्रस्तुत की थी। याचिकाकर्ता के अभिभाषक विजय आसुदानी ने जनहित याचिका के तहत न्यायालय के समक्ष होटल शांति पैलेस के मालिक द्वारा विस्तारीकृत भाग के संबंध में न्यायालय को सिलसिलेवार सभी बातें साक्ष्य के साथ प्रस्तुत की थी। इसी क्रम में 26 मार्च 2013 को खण्डपीठ के समक्ष तर्क भी हुए थे। तर्कों को सुनने के उपरान्त खण्डपीठ के विद्वान न्यायमूर्ति पी.के. जायसवाल एवं आलोक वर्मा ने इस निर्माण को अवैध करार देते हुए 4 सप्ताह में इसे हटाने के आदेश कलेक्टर उज्जैन, नगर निगम आयुक्त उज्जैन एवं संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को दिए है। न्यायालय ने अपने आदेश पालन के क्रम में 4 सप्ताह बाद अधिकारियों से शपथपत्र प्रस्तुत करने का भी कहा है।
याचिकाकर्ता के अभिभाषक श्री आसुदानी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि होटल शांति पैलेस के अवैध भाग को लेकर बताया कि आवासीय भूखण्डों पर होटल का यह निर्माण किया गया था। यह भूखण्ड गृह निर्माण संस्थाओं के थे। इसे लेकर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने अपना जवाब न्यायालय में प्रस्तुत करते हुए इसे पूरी तरह से अवैध बताया था। वर्ष 2010 के बाद इसका निर्माण करना बताया गया, जबकि अनुमति 2010 तक की थी। भूमि का डायवर्शन निरस्त किया जा चुका है। इसी प्रकार नगर निगम उज्जैन ने भवन अनुज्ञा भी निरस्त कर दी थी। इस तरह से न्यायालय ने अवैध भवन को हटाने के आदेश दिए है।
एक और याचिका पर सुनवाई आज
इधर सूत्र जानकारी दे रहे है कि होटल शांति पैलेस के पास से बायपास रोड़ पर बनाए जा रहे ब्रिज और सिंहस्थ निर्माण कार्यों को लेकर लगाई गई याचिका में मंगलवार को खण्डपीठ में सुनवाई होना है। इसमें भी शांति पैलेस होटल के विस्तारीकृत भाग के पास से रास्ता निकालने और ब्रिज बनाने के मुद्दे पर सवाल खड़े किए गए है। जबकि यह ब्रिज होटल के विस्तारीकृत नवीन अवैध भाग से होते हुए बनाए जाने का पक्ष याचिका में रखा गया है। इसे लेकर मंगलवार को खण्डपीठ में सुनवाई होगी।
खण्डपीठ आदेश के पूर्व ये भी हुआ
पूर्व में शांति पैलेस के विस्तारीकृत भाग के मामले में लगी याचिका पर उच्च न्यायालय इन्दौर बेंच ने विभागों को जांच के आदेश दिए। तहसीलदार ने नामांतरण खारिज किया। नगर निगम ने भवन अनुज्ञा निरस्त की। डायवर्शन निरस्ती आदेश द्वितीय अपील में भी खारिज। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ने जांच के मुद्दे पर रोक लगाई।
आखिर पुलिस कब करेगी एफआईआर
होटल शांति पैलेस के विस्तारीकृत नवीन भाग में गृह निर्माण सहकारी संस्था की जमीनों का उपयोग किया गया है। आवासीय श्रेणी की इन जमीनों पर व्यवसायिक निर्माण किया गया। नमन, अंजलि, आदर्श गृह निर्माण सहकारी संस्था के सदस्यों ने अनियमिततापूर्वक भूखण्ड विक्रय किए। इस मामले में उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने जांच करते हुए नीलगंगा थाना पुलिस को अनियमितता करने वाले संस्था सदस्यों पर प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही का आवेदन दिया था। इस मामले में लम्बे समय बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है।