इंदौर में सुमित्रा महाजन को खुली चुनौती, अपने ही हुए खिलाफ
इंदौर ,17 मार्च(इ खबरटुडे)। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन गुजरे 30 सालों के दौरान हुए आठ संसदीय चुनावों में मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र में निरंतर अजेय रही हैं लेकिन ताई के नाम से मशहूर इस 75 वर्षीय भाजपा नेता की चुनावी दावेदारी को इस बार विपक्षी कांग्रेस के साथ अपनी ही पार्टी के एक स्थानीय धड़े से भी खुली चुनौती मिल रही है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने रविवार को कहा, इंदौर के प्रगतिशील मतदाताओं को लोकसभा में नये नुमाइंदे की दरकार है, क्योंकि बतौर क्षेत्रीय सांसद महाजन अपनी भूमिका निभाने में घोर असफल रही हैं, उन्हें वक्त की नजाकत समझते हुए चुनावी सियासत से जल्द से जल्द संन्यास ले लेना चाहिये।
उन्होंने आसन्न लोकसभा चुनावों में इंदौर से कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा, महाजन ने गुजरे पांच सालों में इंदौर रेलवे स्टेशन पर चंद नयी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने और सरकारी चिट्ठियां लिखने के अलावा क्षेत्र के लोगों के लिये कुछ भी नहीं किया है। महाजन को लेकर कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने अपने धुर विरोधी दल की हताशा करार देते हुए खारिज किया है।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, इंदौर लोकसभा क्षेत्र के विकास के मामले में महाजन बतौर सांसद तमाम पैमानों पर खरी उतरी हैं। यही वजह है कि मतदाता उन्हें वर्ष 1989 से लगातार चुनकर लोकसभा भेज रहे है।
उन्होंने कहा, “इंदौर लोकसभा क्षेत्र के चुनावों में पिछले 30 साल से महाजन के कारण हार रही कांग्रेस बुरी तरह हताश है। इसलिये वह चुनावी बेला में उन्हें लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रही है। दोनों प्रमुख दलों-भाजपा और कांग्रेस ने फिलहाल इंदौर सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इस क्षेत्र में 19 मई को लोकसभा चुनावों का मतदान होना है।
बहरहाल, राज्य के वरिष्ठतम भाजपा नेताओं में शुमार होने वाले सत्यनारायण सत्तन (79) घोषणा कर चुके हैं कि अगर पार्टी ने महाजन को लगातार नौवीं बार इंदौर से चुनावी टिकट दिया, तो खुद उन्हें उनके खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मजबूरन मोर्चा संभालना पड़ेगा।