आचार संहिता उल्लंघन पर लीपापोती शुरु
धर्मस्थलों पर लाउड स्पीकर का उपयोग जारी,प्रशासन ने चुप्पी साधी
रतलाम,१४ नवंबर (इ खबर टुडे)। जिला प्रशासन आचार संहिता के नाम पर आम लोगों को हैरान परेशान करने में कोई कसर नहीं छोडता लेकिन जहां वास्तव में आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है,उस ओर से आंखे मूंद लेता है। धर्मस्थलों पर लाउड स्पीकर के जरिये हो रहे आचार संहिता और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन के मामले में प्रशासन का यही रवैया है। अधिवक्ता परिषद द्वारा शिकायत किए जाने के बावजूद अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उलटे प्रशासन मामले की टालमटोल में जुटा हुआ है। कलेक्टर खुद चुप्पी साधे हुए है।
उल्लेखनीय है कि शहर और जिले के विभिन्न धर्मस्थलों पर बिना अनुमति लाउड स्पीकर बजाए जा रहे है। विशेषत: मसजिदों में सुबह पांच बजे लाउड स्पीकर का उपयोग किया जाता है। जबकि उच्चतम न्यायालय ने रात्रि दस से प्रात: छ: बजे के मध्य किसी भी स्थान पर लाउड स्पीकर के उपयोग को प्रतिबन्धित कर रखा है। अधिवक्ता परिषद ने इस मुद्दे को लेकर बुधवार को कलेक्टर राजीव दुबे और एसपी जीके पाठक को ज्ञापन सौंपा था। मजेदार बात यह भी है कि आचार संहिता के इस उल्लंघन से तमाम अधिकारी भी अनभिज्ञ नहीं है। लेकिन इसके बावजूद अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
इस मामले में जब इ खबर टुडे ने कलेक्टर राजीव दुबे से चर्चा की तो उन्होने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा कि एसडीएम से पूछिए। जब एसडीएम श्री मिश्रा से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि मामला पुलिस को भेज दिया गया है। सीएसपी संतोषसिंह भदौरिया से जब इस मामले में पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि अभी उनकी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं आई है। वे मामले को दिखवाएंगे। कुल मिलाकर सारा प्रशासनिक तंत्र इस मामले में टालमटोल करता नजर आया। एक संप्रदाय विशेष के धर्मस्थलों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों की खुली अवहेलना और आदर्श आचरण संहिता का खुला उल्लंघन होने के बावजूद प्रशासन में इसे रोकने का साहस नहीं है। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कैसे संभव है।