अवैध राशि की वसूली के लिए बच्चे को परीक्षा से रोकने की धमकी
मार्निंग स्टार स्कूल में छात्रों पर अत्याचार, अभिभावक ने की शिकायत
रतलाम,२ मार्च(इ खबरटुडे)। एक तरफ तो देश में प्रत्येक बच्चे को शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा की गारंटी अधिनियम लागू किया है वहीं दूसरी ओर निजी स्कूल संचालक अवैध राशि की वसूली के लिए बच्चों को परीक्षा से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं। रतलाम पब्लिक स्कूल के बाद मार्निंग स्टार स्कूल में एक बच्चे को दसवी बोर्ड की परीक्षा से वंचित करने की धमकी दी जा रही है।मार्निंग स्टार स्कूल में कक्षा दसवी के एक छात्र को आज तक परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं दिया गया। जब बच्चे ने स्कूल में प्रवेश पत्र की मांग की तो उससे कहा गया कि फीस बाकी है और यदि फीस जमा नहीं कराई गई तो परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा। दसवी की परीक्षा ३ मार्च से है। २मार्च तक विद्यार्थी को प्रवेश पत्र नहीं दिया गया है।
जब छात्र के अभिभावकों ने स्कूल में सम्पर्क किया तो उन्हे भी ही धमकी दी गई। छात्र के पिता ने स्कूल प्रबन्धन को फीस जमा किए जाने की रसीदें भी दिखाई। छात्र के पिता का कहना था कि छात्र की पूरी फीस भरी जा चुकी है। इस पर स्कूल प्रबन्धन का कहना था कि शिक्षण शुल्क तो जमा है लेकिन कम्प्यूटर और अन्य गतिविधि का शुल्क बाकी है। छात्र के अभिभावक का कहना था कि जब उनके पुत्र ने कम्प्यूटर सीखा ही नहीं तो कम्प्यूटर की फीस वे क्यों भरे। वैसे भी शिक्षण शुल्क जमा होने की स्थिति में बच्चे को परीक्षा से वंचित करने की धमकी देना और परीक्षा से एक दिन पहले तक प्रवेश पत्र नहीं देना न सिर्फ अवैधानिक है बल्कि एक बालक के लिए यह सरासर अत्याचार है। दसवीं बोर्ड जैसी अत्यन्त महत्वपूर्ण परीक्षा के एक दिन पहले तक छात्र के साथ ऐसा व्यवहार उसके भविष्य पर विपरित असर डाल सकता है।
छात्र के पिता नरेन्द्र शर्मा ने इस बात की शिकायत प्रशासन को की है। स्कूल प्रबन्धन ने अब तक छात्र को प्रवेश पत्र नहीं दिया है। शनिवार से परीक्षा प्रारंभ हो रही है। छात्र असमंजस में है कि वह परीक्षा दे पाएगा या नहीं। बच्चों पर वैसे ही परीक्षा को भारी मानसिक दबाव रहता है ऐसे में स्कूल संचालकों का रवैया बच्चों के लिए कितना घातक हो सकता है।
छात्र के पिता श्री शर्मा ने कहा कि यदि स्कूल संचालक हठधर्मिता पर अडे रहे और यदि उनके बच्चे का भविष्य खराब करने का प्रयास किया गया तो वे इस अन्याय और अत्याचार के विरुध्द आन्दोलन करेंगे। श्री शर्मा का यह भी कहना है कि यदि स्कूल प्रबन्धन को कोई राशि वसूल भी करनी हो तो वे परीक्षा के बाद एसएलसी जारी करते समय वसूली कर सकते हैं लेकिन ऐन परीक्षा के समय ऐसा किया जाना निश्चित ही अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप कर स्कूल प्रबन्धन के खिलाफ कडी कार्रवाई करने की मांग की है।