Happy Story : खुशियों की दास्तां – स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मास्क बेचकर 8 लाख रूपए की कमाई की
रतलाम 27 जुलाई (इ खबरटुडे)। जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार करके अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। अपने परिवार का मजबूत सहारा बन रही है। विविध आर्थिक गतिविधियों के द्वारा समूहों की सदस्य महिलाएं अपने परिवारों को आर्थिक तरक्की के नए आयाम दे रही हैं। इसी क्रम में रतलाम जिले की महिलाओं ने कोरोना काल में 8 लाख रूपए की कमाई केवल मास्क बेचकर की है। इन महिलाओं ने कोरोना कॉल में लगभग 80 हजार मास्क विक्रय किए हैं।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूह कीमहिलाओं द्वारा अपने घर पर ही मास्क तैयार किए गए और जनपदों से मिले आर्डर पर ग्राम पंचायतों को सप्लाई किया ग्राम पंचायतों द्वारा मनरेगा कार्यों में लगे श्रमिकों को मास्क उपलब्ध कराए गए तथा चालानी कार्रवाई के दौरान भी ग्रामीणों को मास्क प्रदान किए गए। मास्क विक्रय का कार्य रतलाम जिले की बाजना, जावरा, पिपलोदा जनपद पंचायतों की महिलाओं द्वारा किया गया। उक्त जनपद पंचायतों के विभिन्न ग्रामों की रहवासी महिलाओं ने 10 रुपए प्रति मास्क की दर से पंचायतों को विक्रय किया। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई, उनके परिवार को सहारा मिला तथा जीवन में आगे बढ़ने का हौसला भी महिलाओं को मिला है। अब वे नए आत्मविश्वास के साथ जीवन में आगे बढ़ने एवं और अच्छा कर गुजरने के लिए उत्साहित है।
ग्राम रावटी की रहने वाली श्यामाबाई जो कि लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई है, उनका कहना है कि कोरोना काल में आर्थिक तंगी के दौरान मास्क विक्रय से हमें अपने परिवार और घर गृहस्थी के संचालन में परेशानी नहीं आई हमें पर्याप्त राशि मिली है। श्यामाबाई ने अपने घर पर ही तैयार करके 3000 मास्क विक्रय किए हैं। इससे 3000 रूपए की आमदनी श्यामाबाई को मिली है। ऐसे अनेक उदाहरण स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के है जिन्हे आर्थिक तंगी में मास्क विक्रय से सहारा मिला है। जिले के 64 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 117 महिलाओं ने मास्क बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त की है। इनमें बाजना विकासखंड के 17 समूहों की 45 महिलाएं, पिपलोदा विकासखंड के 20 समूहों की 33 महिलाएं तथा जावरा विकासखंड के 27 स्वयं सहायता समूह की 39 महिलाएं सम्मिलित हैं।