December 23, 2024

बेकार होगा राहुल का प्रयास थमा रहेगा कांग्रेस का विकास ?

RAHUL

-चंद्र मोहन भगत

कांग्रेस राजघराने के युवराज राहुल गांधी ने कांग्रेसका वैचारिक आकार बढ़ाने के लिए सड़क सड़क पर उतर भारत जोड़ो यात्रा लगभग पूरी कर ली है 10 दिन बचे हैं समाप्त होने में । राहुल गांधी की इस यात्रा को नवयुवकों से लेकर सेवानिवृत्त अधिकारी और आम नागरिकों का भरपूर समर्थन देशभर में मिला सभी ने देखा सराहा भी बस भाजपा को छोड़ । अन्य विपक्षी दलों में राहुल की यात्रा के साथ भाजपा सरकार से चुनावी युद्ध लड़ने की योजना बनने लगी है । इतना सब तो राहुल ,कांग्रेस ,और विपक्ष की ताकत बढ़ा रहा है पर राष्ट्रीय कांग्रेस पदाधिकारियों से लेकर मध्यम स्तर तक भी कांग्रेस में बेहतर होता नजर आ रहा है ।

इससे नीचे उन राज्यों में जहां कांग्रेस सत्ता और संगठन मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रही है वंहा कांग्रेसी एकाकार होने की बजाय आपस में सतह पर प्रदर्शन कर यह दर्शा रहे हैं कि हमने विपक्ष में रहते कुछ सीखा नहीं। और राहुल गांधी की भारत जोड़ो जैसी यात्रा के बाद भी हम सुधरेंगे नहीं चाहे कांग्रेस की बडी हुई जनसाख फिर धड़ाम से जमीन पर गिरती रहे। इस डिजिटल युग में कुछ मिनट ही लगेंगे भारत जोड़ो यात्रा से अर्श पर पहुंचने वाली जनसाख को फर्श पर गिरने में ! दुनिया जानती है राजनीतिक दलों की कोई सी भी कहीं भी की गई सार्वजनिक हरकत मिनटों में ही व्हाट्सएप पर देश दुनिया में फैल जाती है फिर नुक्कड़ चौराहों पर इन हरकतों की गहरी समीक्षा होती है । जो हरकत जनमानस के लिए की गई हो वह दल की साख बढ़ाती है और जो किसी व्यक्ति या पदाधिकारी के लिए की गई हो वह दल की साख को घटाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है ।

ऐसा ही दृश्य प्रदेश के कई जिलों के संगठन पदाधिकारियों के मनोनयन में देखा जा रहा है। इनमें से कुछ योग्य कार्यकर्ता के लिए भी शक्ति प्रदर्शन किए गए होंगे पर अयोग्यों की संख्या ज्यादा होगी क्योंकि बलात पद पाना इनकी फितरत होती है । ऐसे शक्ति प्रदर्शनों से विरोधी खुश हैं कि राहुल की यात्रा के बाद की कांग्रेसियों में कोई बदलाव नहीं आया है । आम लोगों में यह प्रचारित हो रहा है कि अवसर सामने है पर कांग्रेसी हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर भारत जोड़ो यात्रा के असर को बेअसर करने में लगे हैं यह भी कहा जाने लगा है कि राहुल को कांग्रेसियों को सुधारने के लिए संगठन को मजबूत बनाने के लिए एक भागीरथी अनुशासन यात्रा भी निकालना पड़ेगी तब कहीं जाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लक्षणों में संगठन के प्रति आदर्श अनुशासन नजर आएगा अन्यथा जो चल रहा है चलता रहा तो कई राज्यों मैं कांग्रेस फर्श पर ही पड़ी नजर आएगी जैसे अभी हालात हैं ।

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