जब कॉलोनी में कार्य पूरा नहीं किया तो पूर्णता प्रमाण पत्र क्यों दिया गया,कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के निर्देश
जावरा की कॉलोनी का पूर्णता प्रमाण पत्र देने वाले अधिकारी के विरुद्ध
रतलाम,16 जनवरी (इ खबर टुडे)।समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा समीक्षा के दौरान पाया गया कि जावरा की आशीर्वाद कॉलोनी के संबंध में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में 7 शिकायतें दर्ज हैं।
शिकायतों की विस्तृत समीक्षा में पाया गया कि कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी में समस्त कार्य पूर्ण नहीं किए गए परंतु उसको पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस पर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि जिस अधिकारी ने कॉलोनाइजर को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया है उस पर कार्रवाई की जाए, उसके कार्यों की जांच की जाए।
इस संबंध में जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति को कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कॉलोनाइजर को बुलवाकर उससे कार्य पूरा करवाएं। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े, निगमायुक्त हिमांशु भट्ट, एसडीएम संजीव पांडे तथा अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
समीक्षा में कलेक्टर द्वारा पाया गया कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार द्वारा नामांतरण, सीमांकन तथा बंटवारे के कार्य में प्रगति लाने में विशेष रुचि नहीं ली जा रही है। इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने कहा कि उन्हें प्रत्येक अधिकारी के बारे में बारीकी से जानकारी है। यदि निर्देशानुसार जनहित में नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा कार्य की पेंडेंसी नहीं निपटाई गई तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में 50 दिनों से लंबित 23 शिकायतें बंद नहीं पाए जाने पर कलेक्टर ने अधिकारी को निर्देशित किया कि वह कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। शराब में मिलावट की शिकायत की समीक्षा पर जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
कलेक्टर द्वारा दुग्ध संघ के सांची पार्लर शहर तथा जिले के अन्य स्थानों पर लगाए जाने की निरंतर समीक्षा अवधि पत्रों की बैठकों में की जाती रही है। इस बैठक में भी कलेक्टर द्वारा की गई समीक्षा के दौरान पाया गया कि डेयरी संघ के अधिकारी द्वारा ढंग से कार्य नहीं किया जा रहा है, इस कारण से सांची पार्लरों की स्थापना में तेजी नहीं आ रही है।
इस पर कलेक्टर ने दुग्ध संघ के अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके द्वारा संबंधित विभागों के साथ समन्वय नहीं किया गया और समय सीमा में सांची पार्लर स्थापित नहीं किए गए तो न केवल जिला स्तर से कार्रवाई की जाएगी बल्कि उनके उच्च अधिकारियों से भी चर्चा की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि खेलो इंडिया अभियान के तहत 19 जनवरी को झाबुआ से मशाल रतलाम आएगी। शहर में मशाल रैली आयोजित होगी। रैली में शहर के विभिन्न संगठनों के व्यक्ति सम्मिलित होंगे।
समीक्षा के दौरान जिला आबकारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि ग्राम सरवन में स्कूल के समीप स्थित शराब की दुकान नियमानुसार दूरी पर है, इसलिए हटाई नहीं जाएगी। कलेक्टर द्वारा मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश, मुख्यमंत्री स्टेट वेण्डर योजना, पीएम स्वनिधि, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना इत्यादि बिंदुओं पर भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने आगामी 18, 19 तथा 20 जनवरी में जिले के विभिन्न स्थानों पर कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए। कैंप में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना, अंत्यावसाई निगम की योजना तथा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के प्रकरणों के स्वीकृति तथा वितरण किए जाएंगे।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी स्वयं उसी स्थान पर कैंप में मौजूद रहेंगे जहां ज्यादा संख्या में प्रकरण हैं। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री स्ट्रीट वंडर योजना में जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में 50-50 प्रकरणों की स्वीकृति तथा वितरण करवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने वित्तीय वर्ष के अंत के मद्देनजर सभी विभागों को निर्देशित किया कि उनकी या किसी भी प्रकार के टेंडर विज्ञप्ति आदि लंबित नहीं रहे। शासन द्वारा आवंटित बजट का पूर्ण उपयोग समय सीमा में कर लिया जाए।
जिले के आलोट में चंबल नदी पर बनाए गए वर्ष 2018 के शिपावरा बैराज के संबंध में समाचार पत्रों में छपे समाचार पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को जांच के लिए निर्देशित किया गया था जिसके प्रतिवेदन में कार्यपालन यंत्री श्री खरत द्वारा समय-समय पत्रों की समीक्षा बैठक में बताया गया कि उक्त बैराज 7 से 8 करोड रुपए लागत में बना है। आगामी मार्च अंत में बैराज को पूर्णता पानी से खाली किया जाकर पूरी तरीके से जांच की जाएगी।
वर्तमान में उसकी मरम्मत का स्टीमेट बनाकर भेज दिया गया है। जिले के पिपलोदा में दिव्यांग बच्चों के लिए खोले गए विशेष स्कूल में स्टाफ की भर्ती के संबंध में कलेक्टर ने डीपीसी को निर्देशित किया कि शासन के नियमानुसार स्टाफ की भर्ती की जाए। जो भी आउटसोर्सिंग भर्ती की जा रही है उसका वेरिफिकेशन अधिकारियों का दल करेगा।