Vehicle Rent Earning : मुख्यमंत्री के रतलाम प्रवास के दौरान लगने वाली बसों के किराये से कमाई की योजना बना रहा है परिवहन विभाग…?
रतलाम,05 अप्रैल (इ खबरटुडे)। 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री के प्रस्तावित रतलाम प्रवास के दौरान जिले भर के नागरिकों को रतलाम लाने के लिए लगाई जा रही तीन सौ बसों को शासन द्वारा निर्धारित दर से कम किराया दिए जाने की बात सामने आई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिïवराज सिंह चौहान आगामी 8 अप्रैल रतलाम में लाडली बहनों के साथ संवाद करने के अलावा करोडों रुपए की विकास योजनाओं की सौगात भी देंगे। मुख्यमंत्री शिवराज के कार्यक्रम के लिए जिले भर की लाडली बहनों और लाभार्थियों को रतलाम लाया जाना है और इसके लिए परिवहन विभाग को तीन सौ बसें लगाने के निर्देश दिए गए है।
बताया जाता है कि ऐसे सरकारी आयोजनों में वाहन लगाए जाने पर शासन की ओर से उन्हे पूरा किराया दिया जाता है। लेकिन रतलाम के परिवहन कार्यालय ने वाहन स्वामियों को दिए जाने वाले किराए की राशि में कटौती करने की तैयारी कर ली है। परिवहन कार्यालय में हुई बस संचालकों की बैठक में जिला परिवहन अधिकारी दीपक माझी द्वारा बस संचालकों को प्रति किलोमीटर के मान से किराया देने की बात कही गई थी।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार,परिवहन विभाग द्वारा विगत 30 जून 2022 को एक परिपत्र जारी कर शासन द्वारा किराये पर लिए जाने वाले वाहनों की दर का निर्धारण किया गया था। परिवहन विभाग के इस परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि 41 से अधिक सीटों वाली बस के लिए ड्राइवर को छोडकर प्रतिदिन का किराया चार हजार रु. रहेगा। इसमे डीजल भी शासन का रहेगा। डीजल के लिए बस संचालकों को 4 किलोमीटर प्रति लीटर के हिसाब से राशि दी जाएगी। इसी परिपत्र में 41 सीटों से अधिक क्षमता वाली बस के लिए 60 रु. प्रति किलोमीटर के किराया निर्धारित किया गया है।
इस परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि वाहन रिजर्व में खडा रखा जाता है अथवा उसकी यात्रा एक दिन में 50 किमी से कम है तो उसे प्रति किलोमीटर की बजाय प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। यदि बस एक दिन में 200 किमी से अधिक यात्रा करती है तो इस स्थिति में बस को प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जाएगा। एक दिन में 200 किमी से कम यात्रा पर बस को प्रतिदिन के मान से ही किराया दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम में जिले के अलग अलग स्थानों से लाडली बहनों और लाभार्थियों को लाया जाना है। पुरे जिले की सभी तहसीलों से लोगों को लेकर आने में बस की रनिंग 200 किमी से कम ही रहना है। ऐसी स्थिति में बस संचालकों को नियमानुसार प्रतिदिन चार हजार रु. तथा 4 किमी प्रति लीटर के मान से डीजल की राशि किराये के रुप में दी जाना चाहिए।
इ खबरटुडे को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,परिवहन विभाग ने सभी बस संचालकों को प्रतिदिन की बजाय प्रति किलोमीटर के मान से किराया देने की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि शासन से आवंटित होने वाली राशि तो प्रतिदिन के किराये के मान से ही आवंटित होगी,लेकिन बस संचालकों को प्रति किलोमीटर के मान से राशि दी जाएगी। इस तरह परिवहन विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री के दौरे में काफी लाभ अर्जित करने की योजना बना रहे है।
दूसरी ओर बस संचालकों का कहना है कि शासन के निर्देश पर वाहन लगाने से इंकार नहीं किया जा सकता। अधिकारी जरुरत पडने पर वाहन तो अधिग्र्रहित कर लेते है,लेकिन किराये की राशि देने के वक्त उन्हे कोई चिंता नहीं रहती। जिले के बस संचालकों को चार वर्ष पूर्व लगाई गई बसों का किराया भी आजतक नहीं दिया गया है,जबकि जानकारी के मुताबिक किराये की राशि शासन द्वारा काफी समय पूर्व ही आवंटित की जा चुकी है।
इस सम्बन्ध में जब इ खबरटुडे ने जिला परिवहन अधिकारी दीपक माझी से जानकारी लेना चाही,तो उन्होने किसी भी प्रकार की जानकारी देने से साफ इंकार करते हुए फोन काट दिया। इ खबरटुडे ने जब दोबारा श्री माझी से सम्पर्क करने की कोशिश की तो उन्होने फोन ही नहीं उठाया।