Corona Speed उज्जैन में कोरोना संक्रमण की रफतार अप्रेल की अपेक्षा मई में ज्यादा तेज हुई,अप्रेल में एक घंटे में 10 लोग संक्रमित हो रहे थे, मई के 6 दिनों में प्रति घंटे 13 लोग संक्रमित हुए
उज्जैन,10 मई (इ खबर टुडे /ब्रजेश परमार )। कोरोना संक्रमण की दुसरी लहर जिले पर भारी पड़ रही है। उज्जैन जिले में कोरोना की आमद एक वर्ष पूर्व 23 मार्च 2020 को हुई थी।कोरोना संक्रमण की दुसरी लहर इतनी तेज है कि अप्रेल 2021 में प्रति घंटे 10 लोग संक्रमण का शिकार हो रहे थे, वहीं मई माह के प्रारंभिक 6 दिनों में यह रफतार प्रति घंटे 13 से अधिक लोगों को संक्रमित कर रही है।
उज्जैन जिले में प्रशासन के अधिकृत बुलेटिन के हिसाब से 31 मार्च 2021 को कुल 6275 पाजिटिव मरीज जिले में थे। 30 अप्रेल को इनकी संख्या बढ़कर 12830 हो गई थी।इस प्रकार से 30 दिन में जिले में पाजिटिव मरीजों की संख्या में 6555 मरीजों का इजाफा तेजी से हुआ। इस दौरान 9 अप्रेल से जनता कफ्यू भी लागू किया गया।फिर भी संक्रमण की रफ्तार बराबर बढती गई।अप्रेल माह में ही संक्रमण की रफ्तार इतनी रही की अगर संक्रमित मरीजो को प्रति घंटे के मान से देखा जाए तो अप्रेल माह के प्रति घंटे करीब 10 लोग संक्रमण का शिकार हुए हैं। अप्रेल माह में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 109 से बढकर 148 पर पहुंच गया।अप्रेल के 30 दिनों में कुल 39 कोरोना मौत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिक स्तर के बुलेटिन में स्वीकार की गई है। संक्रमण की यह रफतार मई माह के शुरूआती 7 दिनों में और तेज रूप से सामने आ रही है।मई 2021 के प्रारंभिक 7 दिनों में कुल 2239 लोग संक्रमण का शिकार हुए है। मई माह के प्रथम 7 दिनों के प्रत्येक घंटे में 13 से अधिक लोग संक्रमण का शिकार हुए हैं।मई माह के प्रारंभिक 7 दिनों में मरने वालों का आंकड़ा 148 से बढ़कर 154 पर पहुंच गया है।मई के प्रथम सप्ताह में 6 लोगों की कोरोना से मौत की पुष्टि की गई है।इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.महावीर खंडेलवाल का कहना है कि अप्रेल में टेस्ट कम किए गए थे।मई में सर्वे शुरू किया गया। सर्वे से कई छुपे हुए मरीज सामने आए हैं।मई में ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा संक्रमितों की संख्या सामने आ रही है।शहरी क्षेत्र में संक्रमण की स्थिति स्थिरता लिए हुए है।डा.खंडेलवाल के अनुसार संक्रमण की रोकथाम के लिए मई में घरों के सर्वे की शुरूआत की गई है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर जिले में कोविड ट्रीटमेंट सेंटर शुरू किए गए हैं।सघन सर्वे शुरू किया जा रहा है।प्रारंभिक लक्षण होने पर कोविड ट्रीटमेंट किट दी जा रही है।शहरी क्षेत्र के 6 जोन में 12 प्रारंभिक जांच केंद्र शुरू किए जा रहे हैं।इनके परिणाम आगामी 7 दिनों में बेहतर सामने आएंगे और संक्रमण की रफ्तार को काबू करते हुए कोरोना किल की स्थिति को प्राप्त किया जाएगा।
संक्रमण की स्थिति अप्रेल-मई 2021
माह संक्रमित मरीज मृतक प्रतिघंटे संक्रमण
अप्रेल 6555 39 10 से अधिक
मई 7 2239 06 13 से अधिक
स्त्रोत-स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिक बुलेटिन से प्राप्त आंकडों के आधार पर।
इस बारे में आरडी गार्डी मेडिकल कालेज के निदेशक डा. विजय महाडिक का कहना है कि इस बार इंटेक्टिव केपेबिलिटी बहुत ज्यादा है।देखने में आया कि पिछली बार एक घर में एक को ही हो रहा था।अब 15 दिन में पुरा परिवार संक्रमण का शिकार हो रहा है।इस बार युवा भी ज्यादा इसकी जद में आ रहे हैं।बहुत से लोग संक्रमित होने पर भी उनमें लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं ऐसे लोग अन्य को संक्रमित कर रहे हैं।पूरे भारत में मात्र 10 ही ऐसे संस्थान हैं जो स्प्रेन की पहचान करने में सक्षम हैं।पहले टेस्ट कम हो रहे थे अब टेस्ट बढाए गए हैं।अब ज्यादा से ज्यादा ध्यान वेक्सीनेशन पर बढाया जाए तो उससे सभी की सुरक्षा बढेगी।4-6 माह बाद तीसरी स्टेन आएगी तो उस समय समस्या बढ जाएगी।हमने वायरस के पहले अटैक से कुछ सीखा नही इसीलिए इस बार भी हम परेशानी के दौर में हैं कोई भी वायरस तीन बार तो आया ही है।
पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.एन के त्रिवेदी का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में ही है। लोग देर से अस्पताल जा रहे हैं।अब सरकारी स्तर पर सर्वे शुरु हो गए हैं ऐसे में घरों तक टीम पहुंच रही है तो मरीज का सामने आना ही है।मरीजों को प्रारंभिक लक्षण या यूं कहें कि बुखार आने और खांसी होने पर तत्काल अस्पताल जाने से संक्रमण की स्थिति का पता चल सकेगा।जो लोग इसकी गंभीरता को समक्ष रहे हैं वे होम आईसोलेशन में ठीक हो रहे हैं।संक्रमित होने पर कोरेंटाईन रहें जिससे की अन्य लोग जो आपके संपर्क में आए वे संक्रमित हों। संक्रमण बढने पर आक्सीजन की कमी होती है जिस दिन बुखार हो खांसी चले तत्काल जांच करवाएं जिससे की स्थिति साफ हो जाए।संक्रमितों को अब एप्रोच किया जा रहा है जिससे संख्या की स्थिति सामने आ रही है। एम्स के विशेषज्ञों के मान से इस बार वायरस हवा में प्रसारित होने की क्षमता लिए हुए है।यही कारण है कि ज्यादा लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।प्रारंभिक लक्षण के साथ ही सामान्य भोजन लें।गरम पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं।मीठा बिल्कुल नहीं खाएं।
-अप्रेल में प्रतिदिन औसत एक हजार टेस्टिंग की जा रही थी जिसे बढ़ाकर मई में 2 हजार कर दिया गया है।इससे एसिम्टोमेटिक और माईल्ड केस जल्दी ही सामने आ रहे हैं।अप्रेल में लेट प्रजेंटेशन के केस ज्यादा रहे मई में यह स्थिति घट गई है।ईलाज जल्दी शुरू हो रहा है।यही कारण है कि अस्पतालों में प्रेशर कम हुआ है अब वेटिंग जैसा नहीं है।हमारे चरक में दो दिन पहले आईसीयू के बेड खाली रहे हैं।
-आशीषसिंह,कलेक्टर,उज्जैन