November 26, 2024

young martyr/आतंकियों से मुठभेड़:साढ़े चार माह पहले ही विवाह के बंधन में बंधे आगर-मालवा जिले के कानड़ के जवान हुआ शहीद

कानड़,17अप्रैल(इ खबर टुडे)। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में गोली लगने से आगर-मालवा जिले के कानड़ निवासी सेना जवान लांस नायक अरुण शर्मा शहीद हो गये। शुरूआती जानकारी के अनुसार वह ड्यूटी पर तैनात थे, तभी क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी लगी।

अरुण शर्मा अपनी टीम के साथ आतंकियों का सामना कर रहे थे। तभी उनके सिर में गोली लग गई। जिससे उनका निधन हो गया। स्थानीय प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक बलिदानी का पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से इंदौर लाया जाएगा। इसके बाद सोमवार को बलिदानी अरूण शर्मा का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

जानकारी के अनुसार आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी में अरूण शर्मा को गोली लगी थी। जिसके बाद उन्हें तत्काल उपचार के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया, किंतु उनकी जान नही बचाई जा सकी। मामले में अरूण के साथ तैनात सैनिकों से संपर्क किया गया।

उन्होंने अरुण के बलिदान होने की बात स्वीकारी, किंतु अरूण की मौत कैसे हुई, उन्हें कहां गोली लगी इस बात की जानकारी होने से उन्होंने इनकार कर दिया। इधर, शनिवार को जैसे ही अरुण के बलिदान होने की खबर उनके स्वजन और ग्रामीणों को लगी तो पूरे कानड़ में शोक की लहर छा गई। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी स्वजनाें के पास पहुंचे और अरुण के निधन की सूचना देने के साथ ढांढस बंधाया।

व्यवहारिक और बुलंद हौंसले थेः
अरुण के स्वजन और ग्रामीणों ने बताया कि वह मिलनसार, व्यवहारिक और बुलंद हौंसले वाला था। बचपन से ही देश सेवा की ललक उसमें थी। कठिन परिश्रम करके सेना में जाने की तैयारी और सफलता प्राप्त की। आतंक प्रभावित कश्मीर क्षेत्र में उनकी ड्यूटी थी। वह जब भी गांव आते थे तो अपने स्वजन के साथ ही बचपन के मित्रों के साथ भी समय व्यतित करते थे। वह गांव के युवाओं को भी देश की रक्षा के लिए सेना में जाने के लिए प्रेरित करते थे।

साढ़े चार माह पहले ही हुआ था विवाह
बलिदानी अरुण का विवाह महज साढ़े चार माह पहले ही हुआ था। उनकी ससुराल गुराडिया गांव में है। अरुण की पत्नी शिवानी गर्भवती है, फिलहाल वह अपने मायके ग्राम गुराडिया में हैं। अरुण के भाई शिवशक्ति भी सेना में ही हैं, वह वायु सेना में पदस्थ हैं और फिलहाल वायु सेना की आटो टेक्निकल शाखा में कार्यरत हैं। वह अभी बेलगांव कर्नाटक सामरा सेंटर में पदस्थ हैं। अरुण सात साल पहले मार्च 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता मनोहर लाल शर्मा शासकीय शिक्षक हैं।

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