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मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को गेहूं पर बोनस देने की घोषणा की,31 मार्च से पहले कर ले फसल पंजीकरण

MP WHEAT BONUS: मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीदारी 15 मार्च से शुरू हो चुकी है और 5 मई 2025 तक गेहूं की खरीद केंद्र पर की जाएगी।सरकार ने किसानों को MSP पर गेहूं के खरीदने के साथ बोनस देने की घोषणा की है किसानों को सरकार की इस घोषणा से बहुत फायदा मिलने की उम्मीद है इस बार बारिश और मौसम का सही रहने पर गेहूं की फसल में बंपर पैदावार होने की उम्मीद है गेहूं की फसल बंपर पैदा हुआ के साथ-साथ सरकार ने किसानों को गेहूं की फसल पर बोनस देने की घोषणा कर दी है .

हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी रेट 2425 रुपए देने की घोषणा की है और मध्य प्रदेश में सरकार ने किसानों को 175 गेहूं पर बोनस देने की घोषणा कर दी है अबकी बार किसानों की गेहूं की फसल मध्य प्रदेश में 2600 रपए प्रति क्विटल के हिसाब से भाव मिल सकते है मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं पर बोनस की घोषणा देने की बात कही है.

जिससे किसान बहुत उत्साहित नजर आ रहे हे अब तक फसल पंजीकरण करने वाले किसानों की 2 लाख से अधिक हो चुकी है हम आपको बता दे कि मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं फसल पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 मार्च है इस बार किसान अपनी फसल का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने में काफी उत्साहित नजर आ रहे है फसल पंजीकरण करवाना बहुत अनिवार्य है यदि किसान भाई ने फैसला पंजीकरण नहीं करवाया है तो गेहूं पर मिलने वाला बोनस नहीं मिलेगा . किसानों को गेहूं पर बोनस पाने के लिए अपनी फसल फसल का पंजीकरण बहुत ही जरूरी है।

इस बार 2600 प्रति क्विंटल भाव मिलेगा किसानों को

केंद्र सरकार ने गेहूं का MSP रेट 2425 प्रति क्विटल रखा है मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं पर 175 बोनस देने की घोषणा की है किसानों की गेहूं की फसल 2600 प्रति क्विटल के हिसाब से बिकेगी। जिसके लिए फसल पंजीकरण बहुत ही अनिवार्य है इस बार मध्यप्रदेश के किसान फसल पंजीकरण करने के काफी उत्साहित नजर आ रहे है अब तक 2 लाख से ज्यादा किसानों के फसल पंजीकरण कर दिया है। मध्यप्रदेश सरकार ने पिछली बार गेहूं पर 125 बोनस दिया था इस बार 175 बोनस देने की घोषणा दी है।

फसल पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 मार्च

मध्यप्रदेश के किसान अपनी पसल का पंजीकरण 31 मार्च से पहले करवा ले वरना सरकार द्वारा दी जाने जाने वाले बोनस से वंचित रह जाएगा किसान। सरकार ने फसल पंजीकरण 20 जनवरी 2025 से चालू किया था और 31 मार्च तक किसान अपनी फसल का पंजीकरण करवा सकते है।

बारिश और मौसम की वजह से गेहूं उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद

बारिश और मौसम सही रहने के कारण इस बार गेहूं में बम्फर पैदावार की उम्मीद की जा रही है केंद्र सरकार ने इस बार 1,150 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है जो पिछले साल के 1,132 लाख मीट्रिक टन से अधिक है।

MSP रेट क्या होता है

भारत में MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह मूल्य होता है जो सरकार किसानों को उनकी फसलों के लिए सुनिश्चित करती है। यह कीमत सरकार द्वारा तय की जाती है ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके, चाहे बाजार में कीमतें कम ही क्यों न हो जाएं। MSP का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि लागत और उनके श्रम का सही मुआवजा दिलाना है, जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

सरकार हर साल विभिन्न फसलों के लिए MSP की घोषणा करती है, और यह कीमत फसलों की बुआई से पहले तय की जाती है। यह समर्थन मूल्य फसलों की लागत, उत्पादन खर्च, और किसानों की आय सुनिश्चित करने जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है। भारत में 23 प्रमुख फसलों के लिए MSP तय किया जाता है, जिनमें अनाज (जैसे गेहूं, धान), दालें, तिलहन, और अन्य फसलें शामिल हैं। यदि बाजार में इन फसलों की कीमतें MSP से कम हो जाती हैं, तो सरकार उन्हें MSP पर खरीदती है ताकि किसानों को नुकसान न हो। MSP का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा किया जाता है, जो विभिन्न लागत कारकों, उत्पादन खर्च और किसान समुदाय की आवश्यकताओं का आकलन करता है और सरकार को सिफारिशें भेजता है।

रबी 2025 के फसलों के MSP रेट

केंद्र सरकार ने रबी 2025 फसलों MSP रेट जारी कर दिए अबकी बार किसानों को पिछली साल के मुकाबले ज्यादा भाव फसलों का मिल जाएगा।

गेहूं का MSP रेट 2425 रुपए है और जो का MSP रेट 1980 रुपए है चना का MSP रेट 5650 रुपए है और मसूर का MSP रेट 6700 रुपए है
सरसों का MSP रेट 5950 रुपए है।

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