8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के लिए होगा गठन

8वें पे कमीशन से पहले महंगाई भत्ते, राहत को मूल वेतन, पेंशन के साथ मिलाया जाएगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्र के लिखित उत्तर में इस प्रश्र का जवाब दिया है। सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के गठन का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार को इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित समय समय पर तय किया जाएगा।
कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को जीवन यापन की लागत को समायोजित करने और मुद्रास्फीति के कारण उनके मूल वेतन/पेंशन को वास्तविक मूल्य में कमी से बचाने के लिए दिया जाता है। डीए/डीआर की दर हर 6 महीने में समय-समय पर संशोधित की जाती है।
एनसी-जेसीएम ने पिछले महीने डीओपीटी सचिव रचना शाह के साथ बैठक की थी, जिसमें बताया गया था कि डीए 50 प्रतिशत को पार कर गया है और इसलिए इसे मूल वेतन में मिला दिया जाना चाहिए। मोदी सरकार ने अब इस पर अपना रुख साझा किया है। केंद्र सरकार के कुछ कर्मचारी संगठन 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, छठे वेतन आयोग ने किसी भी स्तर पर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में न मिलाने की सिफारिश की थी। इस निर्णय को सरकार ने स्वीकार भी कर लिया।
राज्य मंत्री बोले, इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता (डीए)/ महंगाई राहत (डीआर) केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जीवन यापन की लागत को समायोजित करने और मुद्रास्फीति के कारण उनके मूल वेतन/पेंशन को वास्तविक मूल्य में कमी से बचाने के लिए दिया जाता है। मंत्री ने जवाब में बताया कि 01.01.2016 से सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के बाद से अब तक केन्द्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को डीए/डीआर की 15 किस्तें दी जा चुकी हैं।
केंद्र ने गठन के लिए बढ़ाया कदम
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि क्या केंद्र ने इसके गठन के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है। 8वें वेतन आयोग के क्रियान्वयन से रक्षा कर्मियों और पेंशनभोगियों के अलावा 36 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी असैन्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को लाभ होगा।