May 20, 2024

Corona Herd Immunity : हर्ड इम्युनिटी की दहलीज पर पंहुच रहा है देश, हर तीन में से दो लोगों में मिली कोरोना एंटीबाडी, चौथे सीरो सर्वे में हुआ खुलासा

नई दिल्ली,21 जुलाई(इ खबर टुडे)। कोरोना के मामले में देश हर्ड इम्युनिटी की दहलीज पर पंहुचने वाला है। देश में हर तीन में से दो व्यक्ति में कोरोना की एंटीबाडी बन चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सीरो सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। सीरो सर्वे के अनुसार अब भी देश में लगभग 40 करोड़ यानी 33 फीसद ऐसे लोग हैं, जिनमें कोरोना की एंटीबाडी नहीं पाई गई है और इन लोगों के कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है। इसको देखते हुए लोगों से गैरजरूरी यात्रा टालने और कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की गई है।

जून-जुलाई में हुए चौथे सीरो सर्वे में आया नतीजा

आइसीएमआर के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने बताया कि चौथा राष्ट्रीय सीरो सर्वे जून-जुलाई में 70 जिलों में कराया गया और इनमें 6-17 साल के बच्चों को भी शामिल किया गया था। इसमें 67.6 फीसद लोगों में कोरोना की एंटीबाडी पायी गई। इसका मतलब है कि देश की दो तिहाई आबादी सार्स-कोव-2 से संक्रमित हो चुकी है।

इससे पहले दिसंबर-जनवरी में कराए गए तीसरे सीरो सर्वे में 24.1 फीसद, पिछले साल अगस्त-सितंबर में हुए दूसरे सीरो सर्वे में 7.1 फीसद और पिछले साल ही मई-जून में हुए किए गए पहले सीरो सर्वे में केवल 0.7 फीसद लोगों में कोरोना की एंटीबाडी पाई गई थी।

हर्ड इम्युनिटी की दहलीज पर देश

सामान्य तौर पर माना जाता है कि 70 फीसद आबादी में एंटीबाडी बनने के बाद समाज में संक्रमण के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी यानी सामुदायिक प्रतिरक्षा विकसित हो जाती है। इस तरह भारत में हर्ड इम्युनिटी की स्थिति पैदा हो गई है, लेकिन देश की बड़ी आबादी को देखते हुए आइसीएमआर इसका का दावा करने से बच रहा है। डा. भार्गव ने कहा कि दो-तिहाई आबादी में एंटीबाडी बनने के बावजूद बड़ी संख्या ऐसी है जो आसानी से कोरोना संक्रमण का शिकार हो सकती है और तीसरी लहर का कारण भी बन सकते हैं। ऐसे लोगों की संख्या लगभग 40 करोड़ है।

टीके की अहमियत फिर साबित

सीरो सर्वे ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की अहमियत भी साबित कर दी है। इसके अनुसार जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली उनमें से केवल 62.3 फीसद में ही कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी पाई गई। जबकि वैक्सीन की एक डोज लेने वालों में से 81 फीसद में और दोनों डोज लेने वालों में से 89.9 फीसद में एंटीबाडी पाई गई।

प्राथमिकता तय करने का मिला लाभ

स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने के बेहतर नतीजे भी सीरो सर्वे में देखने को मिला। सबसे पहले वैक्सीन लेने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में से 85 फीसद में एंटीबाडी मिली, जबकि हकीकत यह है कि इनमें से 10.5 फीसद ने एक भी डोज नहीं और 13.4 फीसद ने केवल एक डोज ली है। 76.1 फीसद स्वास्थ्यकर्मी दोनों डोज ले चुके हैं।

टीकाकरण की गति तेज करने पर जोर

नीति आयोग के सदस्य और कोरोना टीकाकरण पर गठित टास्कफोर्स के प्रमुख डा. वीके पाल ने कहा कि सीरो सर्वे की रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि संक्रमण के अलावा टीकाकरण के माध्यम से भी कोरोना वायरस के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी विकसित की जा सकती है। उन्होंने आने वाले दिनों में टीकाकरण की रफ्तार तेज होने का भरोसा देते हुए कहा कि जब तक सभी को वैक्सीन नहीं लग जाती है, तब तक सभी को कोरोना के उचित व्यवहार के माध्यम से तीसरी लहर को रोकना होगा।

कितने लोगों में हुआ सीरो सर्वे

चौथा सीरो सर्वे भी उन्हीं 21 राज्यों के 70 जिलों कराया गया जहां पहले के तीनों सीरो सर्वे कराए गए थे। इनमें से हर जिले से 10 गांव या वार्ड में से 40-40 लोगों को चुना गया। इस तरह से हर जिलों से 400 लोगों के खून के नमूने में एंटीबाडी का परीक्षण किया गया। लेकिन पहली बार छह से नौ साल के बच्चों को भी इसमें शामिल किया गया। सर्वे में कुल 28,975 लोग और 7,252 स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।

राज्यों को स्थानीय स्तर पर सीरो सर्वे कराने की सलाह

डा. भार्गव ने कहा कि विभिन्न राज्यों के जिलों में संक्रमण की स्थिति अलग-अलग हैं। इसीलिए राज्यों को स्थानीय स्तर पर सीरो सर्वे कराकर कोरोना संक्रमण की सही स्थिति का पता लगाने और उसके अनुरूप उसे नियंत्रित करने की रणनीति बनाने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्यों को सभी जिला अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और इन्फ्लूएंजा वाले मरीजों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने को कहा, ताकि शुरू में ही कोरोना के संक्रमण का पचा चल सके।

सीरो सर्वे के नतीजे

  • शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6 फीसद और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7 फीसद में एंटीबाडी मिली
  • 6 से 9 साल के 57.2 फीसद और 10 से 17 साल के 61.6 फीसद बच्चों में भी पाई गई कोरोना की एंटीबाडी
  • 18 से 44 साल के 66.7 फीसद, 45 से 60 साल के 77.6 फीसद और 60 साल से ऊपर के 76.7 फीसद में एंटीबाडी मिली।
  • सर्वे में शामिल 69.2 फीसद महिलाओं और 65.8 फीसद पुरुषों में कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी पाई गई

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