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बिजली उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बोझ, हरियाणा में महंगी होगी बिजली

हरियाणा में बिजली के 81 लाख उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है। एक अप्रैल से बिजली की दरों में बढ़ोतरी लागू हो जाएगी। तीन साल पहले भी बिजली के रेट बढ़ाए गए थे। ऐसे में हरियाणा के उपभोक्ताओं को अब अपनी जेब और ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। बिजली नियामक आयोग ने सरकार से बिजली बिल बढ़ाने के लिए मंजूरी मांगी है। बिजली विभाग का जिम्मा इस समय अनिल विज के पास है।


हरियाणा बिजली विनियामक आयोग ने बताया कि बिजली निगम को इस समय चार हजार 520 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इसकी भरपाई के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी करना जरूरी है। इसके लिए सरकार ने आयोग ने अनुमति मांगी है। सूत्रों की माने तो सरकार की तरफ से बिजली बढ़ोतरी को मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलते ही यह बढ़ोतरी दर लागू हो जाएगी। इससे पहले तीन साल पहले बिजली बिलों में बढ़ोतरी की गई थी। सरकार ने एक साल पहले फ्यूल सरचार्ज को भी बढ़ाया था। प्रदेश में इस समय द​क्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम तथा उत्तरी हरियाणा बिजली निगम दो जॉन हैं। दोनों जोन में हरियाणा के 81 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं को अब झटका लगना तय माना जा रहा है।


तीन साल पहले बढ़ाए थे 25 पैसे प्रति यूनिट
हरियाणा में जब भी बिजली की दरें बढ़ाई जाती हैं, वह एक अप्रैल से लागू होती हैं। तीन साल पहले यानी 2022 में भी बिजली की दरों में प्रति यूनिट 25 पैसे बढ़ोतरी की गई थी। इसमें 150 यूनिट तक के लिए 25 पैसे बढ़ाए गए थे।


लाइन लॉस नहीं हो रहा कम
इस समय हरियाणा में लाइन लॉस ज्यादा है। द​क्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम की बात करें तो इसका लाइन लॉन लगभग 12.37 प्रतिशत है और उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम का लाइन लॉस इससे काफी कम 9.15 प्रतिशत है। ऐसे में सरकार लाइन लॉस से होने वाले नुकसान को कम करना चाहती है। एचईआरसी के चेयरमैन नंदलाल शर्मा दक्षता को बढ़ाने तथा आपूर्ति लागू को कम करने के साथ-साथ राजस्व वसूली के बीच के अंतर को कम करने के निर्देश ​दे चुके हैं। उन्होंने बिजली निगमों को अपनी कार्यकुशलता में सुधार के लिए कहा है। इसके अलावा आं​शिक राहत के लिए कुछ बढ़ोतरी बिजली दरों में की जा सकती है।


2026 तक पहले ही बढ़ चुका एफएसए
बिजली निगमों ने अपने एफएसए को पहले ही बढ़ा दिया है। यह 200 यूनिट से ज्यादा की बिजली खप्त पर 94.47 रुपये है। सरकार ने इसे 2026 तक बढ़ा दिया है। बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल के हिसाब से प्रति यूनिट 47 पैसे का अतिरिक्त एफएसए देना होगा। 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को एफएसए का भुगतान नहीं करना होगा।


मासिक शुल्क पहले ही माफ

सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देते हुए 2024 में ही मासिक शुल्क को माफ कर दिया था। यह केवल दो किलोवाट तक ही लागू है। इससे ज्यादा खर्च करने पर मासिक शुल्क देना होगा। इस मासिक शुल्क को माफ करने का साढ़े नौ लाख बिजली उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इससे पहले बिजली निगम 115 रुपये मासिक शुल्क के रुप में वसूलता था।

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