SC/ST एक्ट के खिलाफ आज भारत बंद, ओडिशा, पटना में रोकी ट्रेनें
नई दिल्ली,02अप्रैल(इ खबरटुडे)।सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने आज देशभर में बंद बुलाया है। इस बंद को देखते हुए राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ सोमवार सुबह से ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और ओडिशा के अलावा बिहार में ट्रेने रोक दीं। दलितों के इस प्रदर्शन को राजनीतिक दलों का समर्थन मिल गया है।
भारत बंद के मद्देनजर पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों की सरकारों ने चौकसी कड़ी कर दी है। दलित संगठनों के विरोध का सबसे अधिक असर पंजाब में पड़ने की संभावना है। इसके चलते पंजाब मे सभी स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालय व बैंक सोमवार को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। सरकारी व प्राइवेट बस सेवा के साथ ही रात 11 बजे तक मोबाइल व डोंगल इंटरनेट सेवाएं तथा एसएमएस सेवाएं भी बंद करने के आदेश हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के 12 हजार अतिरिक्त जवानों को फील्ड में उतारा गया है।
बंद के दौरान सोमवार को बंद के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस के साथ रिजर्व फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात कर दिया है। सुरक्षा बल जिलों में लगातार फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी और हर कीमत पर कानून व्यवस्था बनाए रखी जाएगी। पंजाब में बंद को सत्ताधारी कांग्र्रेस के सांसदों व विधायकों ने बंद को समर्थन दिया है।
अवशेष पहुंचाने में कोई बाधा न हो : कैप्टन
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने उच्च स्तरीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि इराक में मारे गए पंजाबियों के अवशेष सोमवार को अमृतसर पहुंचने की संभावना है। इनको उनके गांव तक पहुंचाने में कोई विघ्न नहीं पैदा होना चाहिए।
राजद, सपा, कांग्रेस और शरद का समर्थन : सोमवार को बुलाए गए भारत बंद को बिहार में राजद, सपा, कांग्रेस और शरद यादव का समर्थन मिला है। दलित संगठनों ने भी अनुसूचित जाति-जनजाति संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को आहूत भारत बंद का समर्थन किया है।
इसलिए कर रहे बंद : सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि बिना जांच-पड़ताल के एससी/एसटी एक्ट के तहत न तो मुकदमा दर्ज होगा और न ही गिरफ्तारी हो सकेगी। कोर्ट के इसी फैसले का संगठन विरोध कर रहे हैं।