Tablighi Jamaat Ban : सऊदी अरब ने तबलीगी जमात को किया बैन, जमात को बताया ‘आतंक का द्वार’,भारत में ‘लिबरल्स’ पर कसे जाने लगे तंज
नई दिल्ली,12 (इ खबर टुडे)। सऊदी अरब ने तबलीगी जमात पर बैन लगा दिया है। सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। सऊदी अरब की सरकार ने तबलीगी जमात को ‘आतंकवाद के द्वारों में से एक’ करार दिया है। सरकार ने जमात के लोगों केा अगले जुमे की नमाज से पहले मस्जिदें खाली करने को कहा है। इस घटनाक्रम पर भारत में भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोग पूछ रहे हैं जमात की आलोचना करने पर ‘इस्लामोफोबिक’ कहने वाले सऊदी अरब के इस कदम पर क्या कहेंगे।
सऊदी अरब सरकार ने मस्जिदों से इस संगठन के पथभ्रष्टता, विचलन और खतरे के बारे में बताने को कहा है। कहा गया कि यह आतंकवाद के द्वारों में से एक है। तबलीगी जमात की सबसे प्रमुख गलतियों को बताने को कहा गया है। मंत्रालय ने समाज को इस संगठन से होने वाले खतरे को लेकर बताने को कहा गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 1926 में भारत में बना तबलीगी जमात एक सुन्नी इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है जो मुसलमानों से सुन्नी इस्लाम के शुद्ध रूप में लौटने और धार्मिक रूप से चौकस रहने की अपील करता है। यह संगठन ड्रेसिंग, व्यक्तिगत व्यवहार और अनुष्ठानों की शुद्ध इस्लामी रूप की वकालत करता है।
एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में तबलीगी जमात के 35-40 करोड़ सदस्य हैं। इनका दावा है कि इनका फोकस एरिया धर्म है और ये राजनीतिक गतिविधियों से बचते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस ने तबलीगी जमात को एक इस्लामी पुनरुत्थानवादी संगठन के रूप में बताया है। कहा है कि आतंकवाद संबंध में कई बार इस संगठन का नाम सामने आया है।
भारत में पिछले साल लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के लिए कोविड महामारी की पहली लहर के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में एक सामूहिक सभा के संगठन के लिए समूह की कड़ी आलोचना की गई थी। प्यू रिसर्च सेंटर की मानें तो तबलीगी जमात पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया सहित दुनिया भर के लगभग 150 देशों में सक्रिय है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिण एशिया खासकर इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान और थाईलैंड में जैसे देशों में इस संगठन के सदस्य करोड़ों में हैं।
‘सऊदी ने बैन लगा दिया, हम मौलाना साद को नहीं ढूंढ सके’
ट्विटर पर मोनिका लिखती हैं, ‘याद है कैसे भारतीय उदारवादियों ने तबलीगी जमात का बचाव किया था और उनका खुलासा करने वालों को ‘इस्लामोफोबिक’ करार दिया था। सऊदी अरब ने आतंकी संबंधों के चलते तबलीगी जमात को बैन कर दिया है।’ अंशुल सक्सेना ने कहा, ‘सऊदी अरब ने ‘आतंकवाद के दरवाजों में से एक’ बताते हुए तबलीगी जमात को बैन किया है। इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने मस्जिदों को निर्देश दिए हैं कि वे जुमे की नमाज के दौरान जमात के खिलाफ लोगों को चेताएं। और भारत में, दिल्ली पुलिस तबलीगी जमात के मुखिया, मौलाना साद का पता नहीं लगा सकी है।’
एक अन्य यूजर ने कहा, ‘सऊदी अरब को बैन करने के फैसले के दूरगामी नतीजे होंगे। यह उन लोगों को करारा जवाब है जो धर्म का इस्तेमाल संकीर्ण हितों को साधने के लिए करते हैं। इस कदम के साथ खाड़ी देश ने शायद इस समूह की फंडिंग रोक दी है।’
जमात के समर्थन में भी हैं कुछ लोग
कुछ लोगों ने तबलीगी जमात के समर्थन में भी लिखा है। सैयद अब्दाहू कशक ने लिखा, ‘सहमत हों या असहमत, यह तथ्य है कि तबलीगी जमात ने करोड़ों की जिंदगियां बदली हैं, बहुतों को दीन की ओर मोड़ा है। ये लोग दूरदराज के गांवों में जाते हैं और लोगों को दीन सिखाते हैं। मैं तबलीगी जमात का फॉलोअर नहीं हूं लेकिन मैं उनके कर्तव्यों के लिए उनका शुक्रगुजार हूं।’