Raag Ratlami Land Mafia – भू माफिया ही नहीं उनके मददगार सटोरियों पर भी है इंतजामिया की नजर,जल्दी मिलेगी बड़ी खबर
-तुषार कोठारी
रतलाम। जिले भर में जमीनों के जादूगर इन दिनों हाहाकार कर रहे है। सरकारी जमीनों पर बरसों से कब्जा जमाए बैठे लोग,अवैध कालोनियां काट कर सीधे साधे लोगो को उलझाने वाले कालोनाईजर,सरकारी नियम कायदों को ताक पर रख कर मनमर्जी चलाने वाले तमाम भू माफियाओं की हालत इन दिनों खराब चल रही है। इस तरह के तमाम लोग जिला इंतजामियां के बडे साहब से खौफ खाए हुए है,पता नहीं कब किसका नम्बर आ जाए। भू माफियाओ के लिए चल रहे बुरे दिनों के साथ साथ अब लगता है भू माफियाओं के मददगार बने शहर के बडे सटोरियों के भी बुरे दिन आने को है। बडे साहब की नजरें उन सटोरियों पर भी लगी हुई है,जिन्होने इन भू माफियाओं की फण्डिंग की है। आने वाले दिनों में जल्दी ही कुछ बडी खबरें और देखने को मिलेगी।
जिला इंतजामिया का बुलडोजर है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। वैसे ये बुलडोजर कभी एक दो दिन के लिए रुकता है,तो जमीनों के जादूगरों को लगता है कि शायद अब तूफान थमने को है। लेकिन कुछ दिन गुजरते ही बुलडोजर फिर चल पडता है। न सिर्फ चल पडता है,बल्कि उन जगहों पर भी चल जाता है,जिन पर कब्जा जमाए लोग अपने आप को बडा ताकतवर और कलाकार समझते है। शनिवार को चले बुलडोजर के पीछे भी अनोखी कलाकारिता देखने को मिली थी। सरकारी बुलडोजर को रोकने के लिए बेहद शानदार स्कीम बनाई गई थी। अतिक्रमण हटाने का नोटिस मिलते ही कब्जेधारी ने रातों रात भागवत कथा की योजना बना डाली। योजना ये थी कि सरकारी कार्यवाही को धार्मिक अनुष्ठान पर हमला बता कर हंगामा किया जाएगा। लेकिन सारी स्कीम धरी की धरी रह गई। सरकारी अमले ने नहले पर दहला मारते हुए भागवत कथा में खुद शामिल होने की बात कह कर सारी स्कीम को चौपट कर दिया। भागवत कथा का पाण्डाल तथावत रखा गया,लेकिन तमाम अतिक्रमणों पर बुलडोजर चला दिया गया। हिन्दूवादी संगठनों को मोहरा बनाने की तमाम कोशिशें बेकार गई। कुछ श्रद्धालु रविवार को भागवत कथा का नजारा देखने भी पंहुचे। पता चला कथा स्थल सूना पडा है। कथा आयोजकों की भागवत श्रद्धा बुलडोजर के साथ ही हवा हो गई।
लेकिन जबर्दस्त खबरें आने वाले दिनों में सामने आने वाली है। जिला इंतजामिया की भीतरी खबरें रखने वाले बता रहे है कि बडे साहब इससे भी कुछ बडा करने की तैयारी में है। वे बता रहे है कि बडे साहब की नजरें अब उन बडे सटोरियों पर लगी हुई है,जो सट्टे के दम पर बडे कारोबारियों का दर्जा हासिल कर चुके है और सट्टे से कमाई गई काली रकम से भू माफियाओं की फण्डिंग कर रहे है। सूत्रों का दावा है कि ऐसे सटोरियों की न सिर्फ लिस्टें तैयार हो गई है,बल्कि ये भी पता लगा लिया गया है कि किस सटोरिये ने कहां इन्वेस्ट किया है। उनके इस इन्वेस्टमेन्ट को अब वेस्ट करने की योजना पर काम चालू हो गया है। आगे आगे देखिए होता क्या…?
पुट्ठा मिल के बहाने गुलमोहर पर निशाना…….
पुट्ठा मिल की सरकारी जमीन को मिल मालिकों ने सरकारी अफसरों से जमावट करके बेच डाला। शहर के सबसे बडे कलाकार भू माफिया ने इसी सरकारी जमीन पर गुलमोहर बना डाली और गुलमोहर के भाव अब आसमान पर पंहुचे हुए है। सबकुछ हो गया,लेकिन जमीन के सरकारी दस्तावेजों को बदला नहीं जा सका। सरकारी दस्तावेज आज भी तमाम जमीनों के सरकारी होने का सबूत दे रहे है। सरकारी जमीनों की इस हेराफेरी को लेकर मामला अब बडी अदालत में पंहुचा है। बडी अदलिया से मांग की गई है कि सरकारी जमीनों की खरीद बिक्री को खारिज किया जाए। जिला इंतजामिया के बडे साहब का ध्यान भी इस पर है। अब अगर बडी अदलिया ने पुट्ठा मिल की सरकारी जमीन को बचाने का फरमान जारी कर दिया,तो गुलमोहर के लिए भी बडा खतरा खडा हो जाएगा। जमीनों की हेराफेरी में पीएचडी कर चुका गुलमोहर बनाने वाला भू माफिया भी इसकी चपेट में जरुर आएगा।