May 14, 2024

Writ Petition HIgh Court : स्ट्रा बोर्ड की शासकीय भूमि के अवैध विक्रय को लेकर हाईकोर्ट से गुहार,गुलमोहर कालोनी पर भी आ सकती है आंच

रतलाम,5 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। रतलाम स्ट्रा बोर्ड (पुट्ठा मिल) की सरकारी जमीन का अवैध विक्रय एक बार फिर चर्चाओं में है। स्ट्रा बोर्ड की सरकारी जमीन को अवैध तरीके से बेचे जाने को लेकर इन्दौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। उल्लेखनीय है कि शहर की पाश कालोनी कही जाने वाली गुलमोहर कालोनी भी स्ट्रा बोर्ड की सरकारी जमीन पर ही विकसित की गई है। अगर स्ट्रा बोर्ड की जमीन विक्रय को लेकर उच्च न्यायालय का कोई फैसला आता है,तो गुलमोहर कालोनी पर भी आंच आ सकती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार,शासकीय रेकार्ड में स्ट्रा बोर्ड की सारी जमीनें आज भी शासकीय के रुप में दर्ज है। इसके बावजूद स्ट्रा बोर्ड के मालिकों ने इन सरकारी जमीनों को अफसरों से मिलीभगत करके अवैध तरीके से कई लोगों को बेच दिया। इसी अवैध विक्रय को निरस्त करवाने के लिए रतलाम निवासी याचिकाकर्ता ने इन्दौर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया है कि रतलाम स्ट्रा बोर्ड मिल्स प्रा. लि.नामक कंपनी विगत 07 मई 1954 को कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड की गई थी। इस कंपनी में कु. फैमिदा बोहरा,जमीला जालीवाला,सकीना हुसैन और अनवर हुसैन के नाम डायरेक्टर के रुप में दर्ज है।

उक्त कंपनी वर्ष 1985 से पूरी तरह बन्द हो गई है और इसमें किसी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं होती है। लेकिन कंपनी के डायरेक्टर्स ने अवैध तरीके से भूमि विक्रय का प्रस्ताव पारित कर सर्वे न.313-1 और 313-2 कुल 8.240 हेक्टेयर भूमि में से कुल 1.720 हैक्टेयर भूमि का अवैध तरीके से विक्रय कर दिया। उक्त विक्रय रचना हाउसिंग के डायरेक्टर प्रवीण सेल्वाडिया और तीन अन्य व्यक्तियों को किया गया। इस तरह स्ट्रा बोर्ड कंपनी के डायरेक्टर्स ने बिना किसी अधिकार के करोडों रू. मूल्य की सरकारी जमीने अवैध तरीके से बेच दी।

याचिका में बताया गया है कि विगत 02 जुलाई 2014 को तत्कालीन कलेक्टर ने स्यू मोटो एक रिवीजन प्रकरण में सुनवाई करते हुए रतलाम स्ट्रा बोर्ड की सर्वे न.313-1 और 313-2 की भूमि को अहस्तांतरणीय और शासकीय घोषित किया था। शासकीय रेकार्ड में प्रारंभ से ही उक्त भूमियां शासकीय भूमि के रुप में दर्ज है और वर्तमान में भी शासकीय भूमि के रुप में ही दर्ज है।

इन तथ्यों के बावजूद इस भूमि का अवैध तरीके से विक्रय किया गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में म.प्र शासन और रतलाम कलेक्टर के साथ साथ स्ट्राबोर्ड के तमाम डायरेक्टर्स और जमीन खरीदने वाले प्रवीण सेल्वाडिया समेत कुल बारह व्यक्तियों के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की है। याचकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से निवेदन किया है कि उच्च न्यायालय शासकीय भूमि के इस अवैध क्रय विक्रय को निरस्त करते हुए उक्त भूमि का जनहित में सदुपयोग सुनिश्चित करें।

उल्लेखनीय है कि शहर के चर्चित भू माफिया राजेन्द्र पितलिया द्वारा विकसित की गई महंगी कालोनी गुलमोहर भी स्ट्रा बोर्ड की सरकारी जमीन पर ही विकसित की गई है। पितलिया ने तत्कालीन अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके इस सरकारी जमीन पर कालोनी विकसित कर ली। जबकि गुलमोहर कालोनी जिस भूमि पर विकसित की गई है,वह भूमि आज भी सरकारी रेकार्ड में शासकीय भूमि के रुप में ही दर्ज है। स्ट्रा बोर्ड की जमीन को लेकर हाईकोर्ट में प्रस्तुत याचिका में यदि इन भूमियों के क्रय विक्रय को अवैध माना जाता है,तो भविष्य में गुलमोहर कालोनी के भविष्य पर भी आंच आना तय है।

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