पीएम प्रचंड ने नेपाल से लाए 100 किलो रूद्राक्ष की माला महाकाल को भेंट किए
उज्जैन,02जून(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार को पूर्वान्ह उज्जैन आकर श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान का विधि विधान से पूजन अर्चन किया । उन्होंने भगवान महाकालेश्वर के दर्शन पूजन कर नेपाल से लाए 100 किलो रुद्राक्ष माला के रूप में एवं 51 हजार रु नकद भेंट स्वरूप चढ़ाएं हैं।
महाकाल मंदिर पहुंचने पर श्री प्रचंड का राज्यपाल मंगू भाई पटेल, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सहित सांसद अनिल फिरोजिया ,कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम एवं पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक संदीप सोनी के अनुसार श्री प्रचंड के मंदिर आगमन को लेकर पूर्व से ही तैयारी की गई थी। पूरे मंदिर को पुष्प मालाओं से सजाया गया था। भगवान श्री महाकालेश्वर के गर्भगृह में भी पुष्प सज्जा की गई थी।मंदिर में श्री प्रचंड के आगमन एवं प्रस्थान मार्ग पर रेड एवं ग्रीन कारपेट लगाया गया था। मंदिर प्रांगण में रांगोली बनाई गई थी। ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पर फूलों की झालर से सज्जा की गई थी। श्री प्रचंड को प्रतिनिधि मंडल के साथ कारकेट में त्रिवेणी द्वार तक पहुंचे थे यहां स्वागत के उपरांत ई कार्ट में बैठकर वे महाकाल लोक के रास्ते से मंदिर के शंख द्वार तक पहुंचे।यहां मंदिर में प्रवेश के उपरांत उन्होंने चेंजिंग रूम में सोला धारण किया । उन्हे वीआईपी मार्ग से मंदिर के गर्भगृह तक ले जाया गया। मंदिर के गर्भगृह में उन्होंने करीब 12 मिनिट तक सभी के साथ पूजन अर्चन किया।
पूजन उपरांत श्री प्रचंड ने अपने साथ लाए 100 किलो रूद्राक्ष माला के रूप में एवं 51 हजार रूपए नकद भगवान को भेंट स्वरूप चढ़ाए। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन वंदन हेतु आए श्री प्रचंड का शहर के प्रथम नागरिक महापौर मुकेश टटवाल एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर पर स्नेह भेंट कर पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया । श्री प्रचंड ने उज्जैन में महाकाल लोक का ई कार्ट से भ्रमण किया। महाकाल लोक की विशेषताओं के बारे में उन्हें राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा जानकारी दी गई । इस दौरान कई बार उन्होंने जिज्ञासा वश सवाल भी किए।महाकाल लोक भ्रमण के दौरान मालवी एवं निमाडी नृत्य की प्रस्तुति उनके समक्ष रखी गई थी।